बरेली। यूपी के बरेली जिले में अनुसूचित जाति छात्रावास में रह रही छात्राओं को भीषण गर्मी में पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं दिया जा रहा है। खाने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। उनका अपमान किया जाता है। छात्राओं का आरोप है कि वह दो बार जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से लिखित शिकायत कर चुकी हैं, पूरे मामले को लेकर कई छात्राएं एक बार फिर मंगलवार को कलक्ट्रेट पहुंचीं। जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से शिकायत की है। इस मामले में एडीएम ने टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।
पूरा मामला बरेली जिले के नावेल्टी चौराहे के पास मौजूद राजकीय अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास का है। मामले की शिकायत छात्रावास में रह रही छात्रा मनीषा के साथ अन्य छात्राओं ने जिलाधिकारी और मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचकर की। मनीषा ने द मूकनायक को बताया- 'हम सब राजकीय संकेत विद्यालय में पढ़ते हैं। विद्यालय परिसर में ही छात्राओं के रहने के लिए छात्रावास भी बना हुआ है। लेकिन छात्रावास में पानी की बहुत समस्या है। हमें पढ़ने के लिए समाचार पत्र नहीं दिया जाता है। छात्रावास की अधीक्षिका का व्यवहार भी अच्छा नहीं है। 27 छात्रों के लिए पांच छोटे कैम्पर की व्यवस्था की जा रही है। यह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है।'
मनीषा आगे बताती हैं- 'छात्रावास में न तो वाय-फाय की व्यवस्था है और न ही अखबार आता है। इससे हमें पढ़ने में असुविधा होती है। भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में पानी की तो आवश्यकता बहुत है। गर्मी के कारण मच्छरों का भी प्रकोप है। इसके लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। 27 छात्राओं के लिए सीमित मात्रा में पानी मंगवाया जाता है। उनसे कहा जाता है कि कम पानी पियो। ज्यादा पानी पीना है तो खरीदकर लाओ। इतना बजट नहीं मिलता। कोई भी शिकायत करने पर उसके समाधान के बजाय अधीक्षिका गालियां देती हैं।'
कलक्ट्रेट पहुंची छात्राओं ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से निर्मित छात्रावास जर्जर हो चुका है। बारिश होने पर छत टपकती है। प्लास्टर झड़ रहा है। बाथरूम के दरवाजे टूटे हैं। अलमारियां भी टूटी हैं। छात्राओं का कहना है कि समाज कल्याण विभाग का कोई अधिकारी कभी यहां झांकने भी नहीं आता, जबकि छात्रावास के संचालन का जिम्मा समाज कल्याण विभाग का ही है।
एडीएम दिनेश ने द मूकनायक को बताया -'समस्याओं के संबंध में टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी जाएगी।' छात्रावास की अधीक्षिका अर्चना वर्मा ने कहा कि 12 या 13 लड़कियां छात्रावास में हैं। उनके लिए पानी के छह कंटेनर रोज मंगाए जा रहे हैं। बाकी सारी व्यवस्था ठीक है। शिकायत क्यों की, इसके बारे में कुछ नहीं कह सकती।
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