बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) जिला मुख्यालय से जातीय उत्पीड़न का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां वेटरनरी डॉक्टर (Veterinary doctor) को सिर्फ इसलिए पीट दिया गया कि वह दलित है। इस संबंध में चिकित्सक थाने पहुंचा तो थानाधिकारी ने एफआईआर लिखने के बजाए उसे बैरंग लौटा दिया। अब पीड़ित ने एसपी से मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
आपको बता दें कि डॉ. विनय कुमार पुत्र दुबौली गौतम कप्तानगंज निवासी हैं। वेे बस्ती शहर गांधी नगर रोड एसआर होटल के सामने 'रॉयल पेट' के नाम से क्लीनिक चलाते हैं। घटना 25 मार्च 2024 की है। चिकित्सक का आरोप है कि लक्ष्मी कांत नाम के व्यक्ति ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पिटाई की। चिकित्सक की शिकायत पर मौके पर 112 पुलिस टीम पहुंची थी और बस्ती कोतवाली में लिखित शिकायत पत्र भी दिया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
द मूकनायक से वेटरनरी चिकित्सक विनय कुमार गौतम ने कहा- "लक्ष्मीकांत निवासी गांव कोणरा पाण्डे शराब के नशे में शाम 4 बजे मेरे क्लीनिक पर अपने कुत्ते (श्वान) का इलाज कराने लाए थे, मैंने कुत्ते का इलाज कर दवाई दी। इसी बीच अचानक उनकी नजर मेरे क्लिीनिक के बोर्ड पर पड़ी। जिस पर मेरा नाम डॉक्टर विनय गौतम लिखा हुआ पाया।"
गौतम ने आगे कहा- "लक्ष्मीकांत मेरे पास आए और जाति पूछी, जाति बताने पर लक्ष्मीकांत मुझे जाति सूचक शब्द कहते हुए गाली देने लगे। 'दलित होकर मेरे कुत्ते का इलाज कैसे किया।' यह कहकर पीटने लगे। उनके साथ आए व्यक्ति ने भी मेरे साथ हाथापाई की। इस के बाद दुकान में रखे सामान कुर्सी आदि को तोड दिया। पुलिस हेल्पलाइन 112 पर फोन किया। पुलिस के आने से पहले ही आरोपी वहां से भाग गए।"
चिकित्सक ने अगले दिन 26 मार्च को संबंधित थाने में आरोपियों के खिलाफ एक तहरीर दी। आरोप है कि शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने मामले में उचित कार्रवाई नहीं की। कोई कार्रवाई नहीं होते देख चिकित्सक ने गत मंगलवार को एसपी से मिलकर उचित कार्रवाई की मांग की। इस संबंध में द मूकनायक प्रतिनिधि ने एसपी बस्ती गोपाल चौधरी से दूरभाष पर सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो सकी।
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