UP: चोरी के आरोप में दलित युवक को पुलिस ने उठाया, छोड़ने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप, घर लौटी लाश

युवक का शव देखकर परिजनों ने काटा हंगामा, पुलिस पर पथराव और तोड़फोड़. मायावती ने योगी सरकार पर साधा निशाना.
घटना के दौरान हिंसक हुई भीड़ ने की आगजनी
घटना के दौरान हिंसक हुई भीड़ ने की आगजनी तस्वीर- द मूकनायक
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उत्तर प्रदेश। फिरोजाबाद जिले में पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। घटना के बाद इकट्ठा हुई दलित समाज की भीड़ ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची पुलिस से प्रदर्शन कर रहे लोगों की झड़प हो गई। गुस्साए लोगों ने पुलिस की टीम पर पथराव शुरू कर दिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक को चोरी के आरोप में उठाया, और दो दिन थाने पर ही रखा। पूछताछ के नाम पर पुलिस ने युवक के साथ मारपीट की।

आरोप है कि, पुलिस ने दो दिन बाद परिवार को फोन करके युवक को गिरफ्तार किये जाने की जानकारी दी और छोड़ने के लिए पचास हजार रूपये की व्यवस्था करने को कहा। आरोप यह भी है कि युवक की पत्नी ने अपने गहने गिरवी रखकर बीस हजार रूपये पुलिस को दे भी दिए। लेकिन पुलिस ने अगले दिन युवक को जेल भेज दिया। जिसके बाद न्यायिक हिरासत में उसकी मौत हो गई।

दरअसल, पूरा मामला फिरोजाबाद दलित जिले के दक्षिण थाना क्षेत्र का है। इस मामले में द मूकनायक ने पीड़ित परिवार से बातचीत की। थाना दक्षिण के नगला पचिया के रहने वाले वीर सिंह द मूकनायक से बताते हैं, "आकाश मेरा इकलौता बेटा था। पुलिस मेरे बेटा टाटपत्री का काम करता था। काम नहीं मिल रहा था और घर में छोटे बच्चे हैं, इसलिए मजबूरन वह बेलदारी का काम करने गया था। 17 जून को भी वह काम पर गया था। वह काम खत्म करके शाम को छह बजे आ गया था। शाम को इसे किसी ने धोखे से पकड़वा दिया।"

रास्ते से उठा ले गई पुलिस, परिजनों को नहीं दी सूचना

वीर सिंह आरोप लगाते हुए बताते हैं, "आकाश घर भी नहीं पहुँच पाया था, पुलिस उसे रास्ते से उठाकर ले गई थी। पुलिस ने हमें सूचना तक नहीं दी कि हमारा बेटा पकड़ा गया। एक दिन बाद भी फोन नहीं आया। 19 जून को चौकी से हमारे पास फोन आया था, कि पचास हजार का इंतजाम करो तुम्हारा बेटा पकड़ा गया है, तुम्हारा बेटा छूट जायेगा। हमारे पास पैसे नहीं थे। मैंने यह बात अपने समधी को बताई।"

वीर सिंह के समधी अशोक कुमार बताते हैं, "आकाश मेरा दामाद था। पुलिस आकाश के पिता से पचास हजार मांग रही थी। उन्होंने यह बात मुझे बात बताई थी। मेरे पास भी पैसे नहीं थे। फिर भी हमारी मेरी बेटी प्रीती के पास वकील का फोन आया था। उसने अपने गहने गिरवी रखकर बीस हजार का बंदोबस्त कर लिया था। वह तीस हजार का और बंदोबस्त करने के लिए कह रहे थे।"

20 जून को भेज दिया जेल

वीर सिंह बताते हैं, "मेरे बेटे को पुलिस ने 20 जून को जेल चालान कर दिया। जिसके बाद अगले दिन उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।"

आकाश की मौत के बाद अस्पताल में मौजूद परिजन
आकाश की मौत के बाद अस्पताल में मौजूद परिजन तस्वीर- द मूकनायक

परिजनों ने लगाया पुलिसकर्मी पर हत्या का इल्जाम

बीते शुक्रवार की शाम को जब आकाश के परिजनों ने उसकी मौत की खबर सुनी तो वह सब आक्रोश में आ गए। एंबुलेंस के जरिए जब आकाश का शव घर पहुंचा तो इकट्ठी हुई भीड़ उत्तेजित हो गई। भीड़ ने पुलिसवालों पर हत्या का आरोप लगाकर उनपर जमकर पथराव किया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने आकाश को जेल भेजने से पहले उसके साथ बुरी तरह मारपीट की थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है।

आकाश की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। आक्रोशित भीड़ ने सड़क पर खड़ी बाइकों में आग लगा दी, एम्बुलेंस तोड़ दी। पोस्टमार्टम के बाद आकाश के शव को हिमायूंपुर चौराहे पर रखा गया, जाम लगाया गया। उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया। पथराव कर रहे लोगों को धकेलने के लिए हवाई फायरिंग भी की गई।

परिजन दर्ज करना चाहते हैं थाना इंचार्ज के खिलाफ केस

जानकारी के मुताबिक, आकाश की मौत का जिम्मेदार उसके परिजन दक्षिण थाना इंचार्ज को मानते हैं। परिजन चाहते हैं कि दक्षिण थाना इंचार्ज और सुहागनगर चौकी इंचार्ज के खिलाफ केस दर्ज हो। वहीं, भाजपा के सदर विधायक मनीष असीजा भी मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "जब मैंने आकाश के बॉडी देखी तो उसकी नाक से खून आ रहा था। इस मामले में किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।"

इस मामले में एसएसपी सौरभ दीक्षित ने द मूकनायक को बताया कि, "आकाश थाना दक्षिण का रहने वाला था। 19 जून को उनके खिलाफ चोरी की एफआईआर दर्ज की गई थी। आकाश के पास चोरी की दोपहिया गाड़ी मिली थी। कार्रवाई करते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। वहां 20 जून की रात से उनकी तबीयत खराब हो गई। जेल में ज़िला डॉक्टर्स ने उनका इलाज किया। लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने पर उन्हें 21 जून की सुबह ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।"

मीडिया को जानकरी देते एसएसपी फिरोजाबाद
मीडिया को जानकरी देते एसएसपी फिरोजाबाद तस्वीर- द मूकनायक

योगी सरकार पर बरसी पूर्व सीएम मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने फिरोजाबाद की जेल में एक दलित कैदी की मौत पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए योगी सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बसपा प्रमुख ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर पोस्ट कर कहा, "उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक दलित कैदी की जेल में जिस प्रकार से जान ली गई। यह बेहद दुःखद। सरकार दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे तथा पीड़ित परिवार की पूरी मदद भी करे।" मायावती ने आगे लिखा, "साथ ही इस घटना के खिलाफ आवाज उठाने वाले निर्दोष लोगों को पुलिस तुरंत रिहा करे और उन पर दायर मुकदमे भी वापिस ले। बसपा की यह मांग।"

50 लाख रुपए की आर्थिक मदद, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग

भीम आर्मी के संस्थापक व सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी सोशल साइट एक्स पर कहा है कि "फिरोजाबाद में पुलिस ने आकाश जाटव को 19 तारीख को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया और दो दिन बाद ही हिरासत में उसकी मृत्यु हो गई। घटना बेहद दुखद, मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ है. प्रकृति उन्हें ये असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करे। मैं फिरोजाबाद पुलिस से मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग करता हूं। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से मृतक आकाश के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग करता हूं।"

जिला प्रशासन ने दी पांच लाख की मदद

शुक्रवार की रात (21 जून) को हुए बवाल के बाद शनिवार को तड़के जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मृतक आकाश की माता को मुआवजे के तौर पर 5 लाख का चेक सौंपा। यह राशि एडीएम विशु राजा ने खुद अपने हाथों से दिया। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। इससे पहले रात में परिजनों को समझा-बुझाकर पुलिस अभिरक्षा में आकाश का अंतिम संस्कार आज तड़के करा दिया गया. इस दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहा।

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