उत्तर प्रदेश। भारत में दलितों का उत्पीड़न लगातार जारी है। उन्हें पुरानी प्रथाओं और रीति-रिवाज के नाम पर अपमानित करने का सिलसिला आधुनिक भारत में जारी है। ऐसा ही एक मामला यूपी के बहराइच जिले के कैसरगंज क्षेत्र के एक गांव से सामने आया है। जहां रीति-रिवाज के नाम पर दलित परिवार की मां-बेटियों को भद्दी गालियां दी गई। दलित परिवार ने जब इसका विरोध किया तो उन्हें जातिसूचक शब कहते हुए पिटाई भी की। पीड़ित ने मामले की शिकायत क्षेत्रीय थाने में की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब पीड़ित ने मामले की शिकायत डिप्टी एसपी से की है।
पूरा मामला बहराइच जिले के कैसरगंज क्षेत्र के बांसगांव करमुल्लापुर का है। इस गांव में रहने वाले महेश कुमार के परिवार के साथ यह घटना हुई। महेश द मूकनायक को बताते हैं कि, "घटना 24 मार्च 2024 की है। होलिका दहन की तैयारी चल रही थी। गांव के ठाकुरों ने शराब पी राखी थी। जिनके नाम पन्नू सिंह पुत्र तहसीलदार सिंह, सब्बू सींग पुत्र विजय प्रताप सिंह, सूरज सिंह पुत्र चुनमुन सिंह, उधम सिंह पुत्र बिंद्रा सिंह फगुआ गा रहे थे।"
"होली का त्यौहार था, इसलिए हमारे घर भी कई लोग आये हुए थे। इस दौरान फगुआ और रीति-रिवाज के नाम पर हमारी बहन बेटियों को हमारा नाम लेकर भद्दी-भद्दी गालियां दी गई। कुछ देर हमने कुछ नहीं कहा। लेकिन वह बार-बार ऐसा कर रहे थे। हमने उनसे ऐसा करने से मना किया और यह भी बताया की हमारे घर मेहमान आये हुए हैं। लेकिन वह नहीं माने। हमने इसका विरोध किया तो उन्होंने हमें जातिसूचक गाली दी। हमने इसका भी विरोध किया। क्योंकि उन लोगों ने शराब पी रखी थी, इसलिए उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया। मुझे बचने जब मेरे घर की महिला सदस्य आई तो उनसे भी छेड़छाड़ और मारपीट की गई। हमें धमकी दी गई कि परिवार की महिलाओं की इज्जत लूट लेंगे", महेश ने बताया.
इस मामले में महेश बताते हैं, "हमने मामले की लिखित शिकायत थाने में भी की। हमारी कोई सुनवाई नहीं की गई। पूरे मामले को लेकर हमने सीओ साहब से शिकायत की है।"
इस मामले में क्षेत्राधिकारी (सीओ/डिप्टी एसपी) रूपेंद्र कुमार गौर ने बताया कि पूरे मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.