इटावा: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह जाटव ने इस साल जनवरी में अपने साथ मारपीट के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसे लेकर उनका आरोप है कि अब आरोपी उन्हें सुलह करने के लिए धमका रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.
थाना क्षेत्र चौबिया के ग्राम मूंज निवासी बलवीर सिंह जाटव ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि आठ जनवरी की रात 12 बजे थानाध्यक्ष चौबिया मंसूर अहमद पड़ोसी अर्जुन की पिटाई की थी। बलवीर ने जब थानाध्यक्ष से कारण पूछा तो वह गाली-गलौज करते हुए उन्हें भी गिराकर पीट दिया। वीडियो बनाने पर थानाध्यक्ष ने मोबाइल छीनकर डिलीट कर दिया। थानाध्यक्ष की शह पर गांव के अनुरोध व सचिन ने बलवीर को जान से मारने की धमकी दी। जब रिपोर्ट दर्ज कराने वह थाने पहुंचा तो थानाध्यक्ष ने भगा दिया था।
हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ इसी साल 11 जनवरी 2024 को बलवीर द्वारा पुलिस को दिए शिकायती पत्र के आधार पर अनुरोध और सचिन के खिलाफ धारा 506, 504 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. शिकायती पत्र में बलवीर ने उक्त दोनों के खिलाफ जान से मारने और फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था.
बलवीर ने द मूकनायक को बताया कि उनके पड़ोस के एक लड़के को पुलिस रात में पकड़ कर जातिसूचक गालियाँ देते हुए ले जा रही थी. जब उन्होंने घर से बाहर निकल कर पुलिस से गालियां देने पर एतराज जाहिर किया तो उन्हें भी जातिसूचक गालियं दी गईं.
बलवीर ने कहा कि, “यह क्षेत्र यादवों और समाजवादी पार्टी के लोगों के वर्चस्व वाला है. एसएचओ ने स्थानीय लोगों - सचिन और अनुरोध - से मुझे धमकी दिलवाई. मेरे पास धमकी देने की आडियो रिकार्डिंग भी है. जब मैं थाने पर शिकायत करने गया तब मेरी बात नहीं सुनी गई. पुलिस अधीक्षक से लेकर एडीजी तक गया लेकिन किसी ने नहीं सुनी. तब जाकर कोर्ट की शरण लिया. कोर्ट के आदेश के बाद दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो पाया है”.
अब 11 नवंबर को बलवीर के खिलाफ भी भारतीय न्याय सहिंता, 2023 के अंतर्गत धारा 115(2), 352, 351(3), 109 के तहत पुलिस ने प्रदीप कुमार की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर दिया. इस शिकायत में प्रदीप ने बलवीर पर जान से मारने के उद्देश्य से फायरिंग करने और पिटाई करने का आरोप लगाया है.
हालांकि, बलवीर ने फायरिंग करने की घटना को गलत और फर्जी तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाय है. बलवीर ने आरोप लगाया कि यह सब लोग एकराय और आपस में मिले हुए हैं. और पुलिस उनका साथ दे रही हैं.
प्रदीप द्वारा बलवीर पर मुकदमा दर्ज कराने के चार दिन बाद फिर अनुरोध कुमार, जिसपर बलवीर के शिकायत के आधार पर 11 जनवरी को मामला हुआ था, ने भी मुकदमा दर्ज करा दिया. अनुरोध ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि बलवीर ने अनुरोध कुमार के साथ धक्का-मुक्की और मार-पीट की. साथ ही अनुरोध ने खुद को विकलांग भी बताया है. अनुरोध के इस शिकायती पत्र के आधार पर पुलिस ने बलवीर के खिलाफ बीएसएन, 2023 के अंतर्गत धारा 115(2), 352, 351(3) के तहत मामला दर्ज किया है.
अब दो लोगों द्वारा मामला दर्ज किये जाने के बाद बलवीर तनाव में हैं. उन्होंने द मूकनायक को बताया कि “यह सब इसीलिए हो रहा है क्योंकि यह यादव बाहुल्य क्षेत्र है. मैं दलित हूँ, इसलिए मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. मुझे अब भी जान से मारने की धमकी मिल रही है. अब मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है.”
पिछले माह, 19 अक्टूबर को बलवीर की पड़ोसी मुन्नी देवी, जो दलित समाज से आती हैं, के शिकायती पत्र पर कोर्ट के आदेश पर चौबिया के थानाध्यक्ष रहे मसूर अहमद के खिलाफ धारा 506, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 3(1)(द), अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 3(1)(घ) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मुद्दी देवी का भी आरोप है कि थानाध्यक्ष मसूर अहमद ने उनके बेटे गौतम को प्रभाव-वश जानबूझकर परेशान करते थे और फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देते थे. जब इसकी शिकायत उसने पुलिस अधीक्षक से की तो वह और नाराज हो गए.
आपको बता दें कि यह वही थानाध्यक्ष हैं जिसपर बलवीर ने पहले भी जातिसूचक गालियां देने और स्थानीय लोगों से धमकी दिलवाने का आरोप लगाया था. फिलहाल, आरोपी थानाध्यक्ष पास के थाने का एसचओ है. बलवीर ने चिंता जाहिर की है कि मामले की जांच को आरोपी एसएचओ प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत कर न्याय की मांग की है. द मूकनायक के पास मामले में दर्ज हुए सभी एफआईआई की प्रतियाँ मौजूद हैं.
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