UP: आंबेडकर बोर्ड को लेकर विवाद, गोली से दलित किशोर की मौत, 25 पर FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के मिलक थाना क्षेत्र के सिलईबाड़ा गांव का मामला, विवादित जमीन पर बोर्ड लगाने को लेकर जमकर बवाल और पथराव.
आंबेडकर बोर्ड, जिसको लेकर विवाद हुआ।
आंबेडकर बोर्ड, जिसको लेकर विवाद हुआ।The Mooknayak
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रामपुर. उत्तर प्रदेश के रामपुर (Rampur) जिले के मिलक थाना क्षेत्र के सिलईबाड़ा गांव में विवादित जमीन पर अम्बेडकर का बोर्ड लगाने को लेकर जमकर बवाल और पथराव हुआ. इस दौरान हुई फायरिंग में एक दलित किशोर की गोली लगने से मौत (Dalit teenager killed ) हो गई. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की गोली से किशोर की मौत हुई है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम (Post mortem) रिपोर्ट के बाद ही साफ होगा कि पुलिस की गोली से मौत हुई है या नहीं. मामले में मृतक के परिजनों की तहरीर पर 25 पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

जानकारी के अनुसार मिलक कोतवाली क्षेत्र सिलईबाड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा था. जाटव समाज की तरफ से जमीन पर अंबेडकर का बोर्ड लगा दिया गया. जिसकी शिकायत दूसरे पक्ष ने पुलिस से की. शिकायत पर राजस्व विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. इसके बाद कथिततौर पर पुलिस प्रशासन के सामने ही दो समुदायों में जमकर बबाल शुरू हो गया. देखते ही देखते पथराव और फायरिंग होने लगी, जिसमें 17 साल के दलित किशोर सुमेश को गोली लग गई। उसकी मौके पर मौत हो गई। सुमेश सुबह ही 10 की परीक्षा देकर लौटा था। पथराव में अमित और रमन घायल हो गए। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पुलिसवालों पर पथराव कर दिया। डिप्टी एसपी सहित अन्य पुलिस वालों ने भागकर जान बचाई। हालांकि, ग्रामीणों ने डिप्टी एसपी की गाड़ी और पुलिसकर्मियों की जीप को तोड़ दिया है। इससे के बाद दलित समाज के लोगों ने छात्र का शव रखकर सड़क जाम कर दिया। गांव वालों ने मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपए और घायलों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की है। इसके साथ ही अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना करने की मांग भी की है।

मौके पर पहुंचे कमिश्नर, डीआईजी और एसपी समेत कई थानों की फोर्स पहुंची. करीब 6 घण्टे प्रदर्शन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि हिंसा में एक युवक की मौत और दो लोग घायल हुए हैं. पूरे घटना की मजिस्ट्रेट जांच होगी. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। परिजनों की जो मांग है उस पर भी एक्शन लिया जाएगा.

इस मामले में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष राजेश खन्ना ने द मूकनायक को बताया-"इस गांव में ग्राम समाज की जमीन है। यह पहले घूर (गोबर और कचरा फेंकने का स्थान) हुआ करता था। इसे गांव के प्रधान ने लगभग 20 दिन पहले स्वच्छता अभियान के तहत साफ कराया था। चूंकि यह यह जगह साफ हो चुकी थी, इस पर कोई दोबारा कचरा न फेंके इसे लेकर ग्राम प्रधान ने खाली सरकारी जमीन पर अम्बेकडकर की प्रतिमा और उनके नाम का बोर्ड लगभग 15 दिन पहले लगा दिया था।"

राजेश आगे बताते हैं-'इस गांव में सबसे ज्यादा आबादी गंगवार समुदाय की है, लेकिन यह स्थान उनके घरों से लगभग 900 मीटर दूरी पर है। इसके बावजूद भी वह इसका लगातार विरोध कर रहे थे।', मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जमीन को लेकर दलित और गंगवार समाज के बीच विवाद चल रहा है। दलित समाज इस जमीन पर अंबडेकर की मूर्ति और बोर्ड लगाना चाहता है। मगर, गंगवार समाज के लोग इसका विरोध करते हैं। 15 दिन पहले यह मामला पुलिस तक पहुंचा था। इसके बाद पुलिस ने इसे जमीन को खाली करवाया था।

भीम आर्मी चीफ को किया डिटेन

भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने रामपुर में हुए दलित किशोर की हत्या का आरोप पुलिस पर लगाया है। चंद्रशेखर ने कहा-"अब तो अपराधियों की जरूरत नहीं है। क्योंकि पुलिस ही हत्या करने में जुटी है।" पत्रकारों से बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा-" मैं पुलिस से लड़ना नहीं चाहता हूं, लेकिन पुलिस मुझे जबरदस्ती रोक रही है। यह सभी पुलिस अधिकारी सुन ले कि मैं रामपुर जाऊंगा. चाहे इसके लिए कुछ भी हो जाए. मैं गोली खाने को भी तैयार हूं. दलित किशोर की हत्या हो रही है और पुलिस शामिल है। प्रदेश में सबसे ज्यादा दलितों की हत्या की जा रही है. परिवार ने मुझसे बात की है. मुझे जबरदस्ती रोका जा रहा है.

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