यूपीः दलित युवक को ईंट भट्ठे पर काम कराने ले गया 350 किमी दूर, खाना मांगने पर बंधक बनाकर पीटा!

शिकायत पर थाने ने नहीं की सुनवाई,एसपी से शिकायत का भी नहीं पड़ा प्रभाव,आरोप है कि सुनसान स्थान पर ले जाकर कुल्हाड़ी से कर दिया हमला,पैर में आई गंभीर चोट.
कुल्हाड़ी के हमले से घायल मुकेश को हाथ पैर में आई चोटें.
कुल्हाड़ी के हमले से घायल मुकेश को हाथ पैर में आई चोटें.तस्वीर- द मूकनायक
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रायबरेली। यूपी के रायबरेली से एक दलित युवक को ईंट भट्ठे पर काम कराने के लिए उसके पैतृक निवास से 350 किमी दूर ले जाया गया। दलित युवक दो वक्त की रोटी के लिए ठेकेदार के साथ चला भी गया। लेकिन शाम को जब दलित युवक ने खाने के लिए पैसे मांगे तो ठेकदार का पारा हाई हो गया। आरोप है कि ठेकेदार ने उसकी बंधक बनाकर पिटाई की। इस मामले में दस दिन बाद पुलिस ने अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है।

दरअसल,पूरी घटना रायबरेली के जगतपुर थाना क्षेत्र के तिवारी का पुरवा गांव के रामगढ़ टिकरिया मजरे में रहने वाले मुकेश पासी के साथ हुई है। मुकेश ने द मूकनायक को बताया-"मेरे गांव के रहने वाले सुनील तिवारी और उसका बेटा अनुज तिवारी मुझे 20 हजार रुपए महीने की मजदूरी के लिए पिछले सोमवार (3 जून 2024) को अपने साथ लेकर आजमगढ़ गए थे। जब रात में मैंने सुनील से खाने के लिए पैसे मांगे तो वह मुझे जातिसूचक गालियां देने लगा। वह कह रहा था-'आज ही आये हो और आज ही खाने के लिए पैसे चाहिए।"

मुकेश आगे बताते हैं-"मैंने सुनील को जातिसूचक शब्द कहने के लिए मना किया और काम करने से मना कर दिया। मैंने घर वापस जाने के लिए कह दिया। इस पर सुनील ने अनुज को भी बुला लिया और मुझे कमरे में बंद करके पिटाई की। मैं उनके पैर पकड़कर जान की भीख मांग रहा था। कुछ देर बाद उन्होंने मुझे अकेला छोड़ दिया।"

"लगभग आधे घंटे बाद दोनों वापस आये और मुझसे माफ़ी मांगकर दवा कराने और खाना खिलाने की बात कही। वह मुझे अपने साथ लेकर अस्पताल की तरफ चल दिए। रास्ते में अचानक उन्होंने गाड़ी रोक दी और कुल्हाड़ी निकाल ली। उन दोनों ने मुझे पर जानलेवा तरीके से हमला कर दिया। इससे मेरा पैर बुरी तरह कट गया। वह मुझे कुल्हाड़ी से पीट रहे थे। मैं बेहोश हो गया। वह मुझे मरा हुआ छोड़कर वापस आ गए।"- मुकेश बताते हैं।

वापस आने के नहीं थे पैसे

मुकेश बताते हैं-'मैं घायल अवस्था में पड़ा रहा। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरी जेब में एक भी पैसा नहीं था। मैं लोगों से हाथ जोड़ता रहा, लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की। आधा रास्ता मैंने पैदल तय कर लिया। एक बस वाले ने मेरी मदद की, जिसके बाद मैं 10 जून को अपने घर पहुंच सका। मैंने मामले की लिखित शिकायत जगतपुर थाने में दी। लेकिन पुलिस वालों ने मेरी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। मैंने एसपी से शिकायत (12 जून 2024) की थी।

इस मामले में जगतपुर थाना प्रभारी ने द मूकनायक को बताया-'घटना मेरे क्षेत्र की नहीं है,मारपीट की घटना आजमगढ़ में हुई है। इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती।"

एसपी नहीं उठाते फोन

इस मामले में द मूकनायक ने पुलिस अधीक्षक रायबरेली से सम्पर्क किया। एसपी के पीआरओ ने फोन उठाया और व्यस्त होने की बात कही। वहीं सीएम योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि अधिकारी अपना सीयूजी नंबर खुद उठाये। खबर लिखे जाने तक एसपी का कोई उत्तर नहीं मिल सका। एसपी का पक्ष आने पर खबर पुनः अपडेट की जाएगी।

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