बरेली। यूपी के बरेली जिले के मीरगंज थाने में तैनात एक चौकीदार ने थाने के ही दारोगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चौकीदार का आरोप है कि थाने में तैनात दारोगा उससे जूते साफ करने को कहता है। इसके साथ ही वह उससे सारे निजी काम करवाता है। जब चौकीदार इसका विरोध करता है तो दारोगा उसे जातिसूचक शब्द से अपमानित करता है। पीड़ित चौकीदार ने एएसपीऔर जिलाधिकारी से लिखित शिकायत की है। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल, मीरगंज थाने में इलाके के लाभारी गांव में रहने वाला बंटी पुत्र विशम्भर थाने में चौकीदार पद पर कार्यरत है। बंटी ने एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी को लिखा है। यह पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल है। इस पत्र में चौकीदार बंटी ने थाने में तैनात दारोगा संजीव शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बंटी का आरोप है कि दारोगा संजीव मुझसे अपने निजी काम करवाते हैं।
बंटी ने शिकायती पत्र में लिखा है- "दारोगा मुझसे बर्तन, कपड़े, जूते आदि सभी कार्य करवाते है। यह मेरा काम नहीं है, लेकिन वह मेरे साथ जोर जबरदस्ती कर यह सब काम करवाते है। जब मैं यह काम करने से मना करता हूँ तो वह धोबी जातिसूचक शब्द कहते हैं। मुझे सबके सामने मेरी जाति का नाम लेकर बुलाते हैं। जब मैं कोई भी काम करने से मना करता हूँ तो वह मुझे स्मैक,गांजा व शराब अन्य गैरकानूनी काम में फंसाकर जेल में सड़वाने की धमकी देते हैं।"
द मूकनायक को मीरगंज के एसओ कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि चौकीदार का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। उसके सारे आरोप झूठे हैं।
अभी हाल में तहसील परिसर में एक चौकीदार की पिटाई की गई थी। बरेली जिले के नवाबगंज के बहोरनगला गांव निवासी वीरेंद्र धानुक थाना नवाबगंज में चौकीदार हैं। बीते मंगलवार को तहसीलदार कार्यालय में तैनात होमगार्ड वीर बहादुर और रामपाल ने लात-घूसों के साथ राइफल की बट से उनकी पिटाई कर दी थी। पुलिस ने दोनों होमगार्डों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर शांतिभंग में चालान कर दिया था।
नवाबगंज तहसील परिसर में अनुसूचित जाति के चौकीदार को पीटने का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष असीम अरुण ने बरेली एसएसपी को पत्र भेजकर मामले की रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने एसएसपी को निर्देश दिया है कि निश्चित अवधि में जांच की विस्तृत रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करें। इधर, जिला कमांडेंट होमगार्ड शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी होमगार्डों को ड्यूटी परेड से हटा दिया गया है। दोनों को बर्खास्तगी पूर्व कार्रवाई से संबंधित कारण बताओ नोटिस दिया गया है। 15 दिनों में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर दोनों की बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
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