उदयपुर : सवर्ण महिलाओं ने दलित महिला को मंदिर में पूजा करने से रोका, बाद में हाथ जोड़ मांगी माफी

सवर्ण महिलाओं ने दलित महिला को मंदिर में पूजा करने से रोका / Photo- Twitter
सवर्ण महिलाओं ने दलित महिला को मंदिर में पूजा करने से रोका / Photo- Twitter
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राजस्थान। उदयपुर में सवर्ण महिलाओं ने एक दलित महिला को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। महिला दशा माता मंदिर पर पूजा करने गई थी। हालांकि, दलित महिला के विरोध करने पर सवर्ण महिलाओं ने उससे माफी भी मांग ली।

राजस्थान में आये दिन दलित उत्पीड़न की खबरें अलग-अलग रूपों में सामने आती रही हैं। दलितों को मंदिर में प्रवेश न करने देने की ये कोई नई घटना नहीं है, इससे पहले भी देश के अन्य हिस्सों से भी ऐसी खबरें आती रही हैं। राजस्थान के उदयपुर में दशा माता मंदिर की पूजा का कार्यक्रम था ज़िसमें भारी संख्या में महिलाएं और पुरूष भी मौजूद रहे। उसी बीच पूजा के लिए पहुँची एक दलित महिला को वहाँ मौजूद सवर्ण महिलाओं ने रोक दिया और पूजा करने से इनकार किया। इसके बाद दलित महिला और उसके साथ रहे लोगों ने जब विरोध किया तो सवर्ण महिलाओं ने हाथ जोड माफी मांग ली और मामले को वहीं खत्म करने की बात कही। जानकारी के मुताबिक इस मामले में पुलिस को अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है।

गौरतलब है कि, राजस्थान दलितों, आदिवासियों के लिए असुरक्षित जगह बनता जा रहा है, और हाल ही में हुई ऐसी घटनायें इसको और पुख्ता करती हैं। कुछ दिन पहले पाली में ज़ितेन्द्र मेघवाल नामक युवक की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई थी कि वो मूंछे रखता था, अच्छे कपड़े पहनता था। यही बात ऊंचे जाति के लोगों को रास नहीं आई और उसकी चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई।

एक अन्य मामले में, अलवर में एक दलित युवक द्वारा फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी करना उसको महंगा पड़ गया। राजेश मेघवाल नाम के युवक ने लिखा कि, 'सभी को पंडितों का दर्द दिखता है लेकिन दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार किसी को नहीं दिखते और न ही उनपर कोई फिल्म बनाता है'..इस फेसबुक कमेंट के बाद गांव के ही यादव और पंडित लोगों ने उससे न सिर्फ माफी मंगवाई बल्कि मंदिर की चौखट पर रखे पायेदान पर उससे नाक भी रगड़वाई।

और अब यह ताजा मामला उदयपुर में सामने आया है। ज़िसमें दलित महिला को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया। हालांकि, बाद में सवर्ण महिलाओं ने हाथ जोड माफी मांग ली। इस मामले को लेकर पुलिस के पास भी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं पहुँची है।

लेकिन इन सब घटनाओं के बीच बड़ा सवाल ये उठता है कि कांग्रेस शासित राजस्थान में इन घटनाओं पर राहुल गांधी और न ही प्रियंका गांधी कुछ बोल पा रहे हैं। वहीं बीजेपी शासित प्रदेशों में ऐसी घटनाएं सामने आते ही राजनीति शुरू हो जाती है।

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