भोपाल। बीते दिनों सीधी जिले में जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर एक दलित छात्र द्वारा आत्महत्या करने की घटना सामने आई है। यह घटना रामपुर (सैकिन) थाना क्षेत्र के पड़खुरी ग्राम की बतायी जा रही है। जहां नवोदय विद्यालय चिरहुट सर्रा के विद्यार्थी अमित प्रजापति (कक्षा 8 वीं) ने फांसी लगाकर आत्महत्या की।
अमित ने यह गंभीर कदम क्यों उठाया? यह जानने के लिए द मूकनायक ने मृतक अमित के परिजनों से बात की। अमित के पिता आल्हा प्रजापति बताते हैं कि, "नवोदय विद्यालय में अमित के क्लास टीचर और हाउस मास्टर अजीत पांडे अमित के साथ जातिगत आधार पर भेदभाव करते थे। वह कहते थे कि तुम नीची जाति के हो। गंदी नाली के कीड़े हो। तुम्हें यहां पढ़ने का कोई अधिकार नहीं। इसके बाद हमने उनसे (अजीत पांडे) से एक बार इस मामले की शिकायत की। तब वह कहने लगे, हम बच्चे को इसलिए डांटते हैं कि वह पढ़ने लिखने पर ध्यान दे, नाम रोशन करे। फिर हमने अपने बेटे अमित को भी समझाया कि वह (अजीत पांडे) तुम्हारे गुरु हैं। वह माता-पिता के तुल्य हैं। तुम्हारे अच्छे के लिए ही समझाते हैं।"
आल्हा प्रजापति फिर आगे कहते हैं कि, "22 दिसम्बर सुबह को मेरे बेटे ने फोन करके बताया कि पापा मेरी तबीयत खराब है। मुझे घर आना है। तब बच्चे की मां और छोटा भाई उसे लेने गये, लेकिन बच्चे को छुट्टी नहीं दी गयी। फिर, रात 12 बजे मेरे बेटे को घर पहुंचाया गया। जबकि हमको इसकी कोई सूचना नहीं दी गयी।"
"घर आकर बच्चे ने हमें बताया कि अजीत पांडे सर ने हमको टार्चर (प्रताड़ित) और जलील किया। मेरे साथ मारपीट भी की। आगे कहा 'कहीं भी जा कर मरे जाओं, फांसी लगा लो।' घर आने के बाद बालक ने हमको यह भी बताया कि 'पापा हम स्कूल नहीं जाएंगे।' ऐसे में 1 जनवरी की रात को उसने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली," अमित के पिता ने कहा।
अमित के पिता ने एक द मूकनायक को एक सुसाइड नोट भी दिखाया। इस सुसाइड नोट में लिखा कुछ अंश इस प्रकार है:
"मेरे को पता है कि आपको बहुत बुरा लग रहा होगा। मैने यह रास्ता इसलिए अपनाया क्योंकि मैं बहुत गंदा हो चुका हूं। अंदर से, मैं अपनी गंदी आदत को नहीं छुड़ा पाया। मुझे बहुत ज्यादा स्ट्रेस (तनाव) हो गया कि मैं क्या करूँ, सर की याद आ रही थी। मेरे 4 गुरु जी अच्छा एक बात बताइये कि कभी गलती हो जाए तो क्या माफ नहीं किया जा सकता। मुझे लगता है गलती माफ की जा सकती है। मैंने ये सब अजीत पांडेय के कहने पर किया था। उस दिन मेरे से गलती हो गयी थी उन्होनें बहुत गंदी-गंदी गाली दी, मुझे बहुत बुरा-भला कहा, मम्मी-पापा को भी भिखारी बोला। नशेड़ी, गंदी नाली का कीड़ा ऐसा उन्होने बोला। फिर यह भी बोला कि जहर खा कर मर जा, या फांसी लगा ले।"
सुसाइड नोट में आगे लिखा है: "मेरे मरने के बाद मेरे पिताजी शराब छोड़ दीजिएगा और अजीत पांडे ने कितनो की जिंदगी बर्बाद की है उसे गिरफ्तार करवा दीजियेगा।" अंत में लिखा गया, "सॉरी पापा", इसके बाद अजीत के हस्ताक्षर भी थे और दिनांक 31/12/2022 भी लिखी मिली।
मृतक अमित के परिजनों से प्रशासनिक कार्यवाई के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि, "प्रशासनिक कार्रवाई की जानकारी के लिए हमारी किसी दूसरे व्यक्ति के माध्यम से टीआई साहब से बात हुई। तब उन्होनें बताया कि मामला दर्ज कर, उच्चस्तरीय जांच चल रही।"
परिजन दर्द भरे लहजे में कहते हैं: "उच्चस्तरीय जांच में जो हो सो हो। हमारा तो बेटा चला गया। हमको तो न्याय चाहिए ताकि हमारे बेटे की आत्मा को शांति मिले। हमारी मांग है कि, अगर आपने (आरोपी) गलत किया है। तब सजा जरूर मिले।"
अमित द्वारा किये गये सुसाइड के विषय में द मूकनायक ने नवोदय विद्यालय चिरहुट सर्रा के शिक्षकों से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल बंद के कारण बात नहीं हो सकी। उसके बाद विद्यालय की प्रिसिंपल से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन अन्य किसी ने उठाया। फोन पर जवाब आया कि "मैडम बाहर हैं।" इस तरह प्रिसिंपल से भी बात नहीं हो पाई।
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