दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्रिपरिषद से हाल ही में इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को सर काटने की धमकी मिली है। पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को अयोध्या के कुछ स्वघोषित संतों ने कहा है कि उनका-सर काट कर लाने वाले को 50 लाख का इनाम दिया जाएगा।
अयोध्या के स्वघोषित स्वामी परमहंस नामक संत ने अपने बयान में कहा कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के खास राजेन्द्र पाल गौतम हिन्दू सनातम धर्म के खिलाफ हैं। स्वामी परमहंस ने कहा है, "केंद्र सरकार इस मामले में कार्रवाई कर उन्हें दंडित करें और यदि सात दिन के भीतर कोई कठोर कार्रवाई नही की जाती, तो उनका सर काट कर लाने वाले को मैं 50 लाख रुपए का इनाम दूंगा।"
मंत्री के खिलाफ एक अन्य विवादित बयान में स्वघोषित संत जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेशाचार्य, हरि धाम गोपाल पीठ, अयोध्या ने कहा, "मुझे तो लगता है कि यह तो आतंकवादियों से भी खतरनाक है। हिन्दू धर्म के देवी देवताओं और सनातनधर्मियों के प्रति उसके हृदय में जो जहर है वह उगलने का कार्य कर रहा है।"
"मैं पूरे देश के लोगों से कहूँगा कि जो हिन्दू आतंकवाद की बात करते थे, जो अपना अवॉर्ड लौटाने की बात करते थे, जो सांप्रदायिक दंगा भड़काने का कार्य करते थे आज उनकी बोलती बंद क्यों हो गई! क्या ऐसे लोगों की जुबान नहीं काट लेनी चाहिए! क्या ऐसे लोगों की गर्दन काट कर अलग नहीं कर देना चाहिए।" स्वघोषित संत ने कहा। "मुझे लगता है कि देश ऐसे जो लोग हैं या आतंकवादी से ज्यादा खतरनाक हैं, ऐसे लोगों को फांसी पर लटका देना चाहिए। जिससे कोई भी दूसरा व्यक्ति हमारे देवी -देवताओं का अपमान न कर सके।"
एक अन्य तीसरे स्वघोषित संत विवेक आचार्य, दंत धवन कुंड आचार्य मंदिर अयोध्या ने कहा, "ये राजेन्द्र पाल हैं, जिन्होंने हिन्दू धर्म का अपमान किया है, और जिन्होंने हिन्दू देवी-देवताओं के बारें में अपशब्द कहा है, शपथ दिलाई है, मैं भारत सरकार से और उत्तर प्रदेश सरकार से और समस्त भारतवासियों से अपील करता हूँ कि उनका परित्याग किया जाए। और भारत से उन्हें बाहर निकाला जाए।"
वहीं इस मामले में द मूकनायक से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने बताया कि मैंने वीडियो देखा है। "यह स्वघोषित संत हैं। ये जो 50 लाख इनाम देने की बात जो कर रहे हैं पहले इसकी जांच होनी चाहिए कि इनके पास ये पैसा आया कहां से। ये लोग बहुजन समाज और अंबेडकरवादी लोगों को खुलेआम धमका रहे हैं।" उन्होंने कहा।
पूर्व मंत्री का कहना है कि इसकी जांच होनी चाहिए कि इन बाबाओं के तार किस आतंकवादी संगठन से जुड़े हैं और इनके पास इतना पैसा आया कहां से!
उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस रह चुके अमिताभ ठाकुर का कहना है कि ऐसे बयानों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए पूर्व आईपीएस ने कहा कि देश में किसी व्यक्ति के बयानों से आहत होकर उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की मांग करना हमारा अधिकार है। लेकिन सार्वजनिक रूप से किसी का सर कलम करने पर इनाम घोषित कर देना हिंसा फैला सकता है। अमिताभ ठाकुर ने कहा, "स्वामी परमहंस के इस हिंसक बयान पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।"
स्वामी परमहंस के विवादित बयान के मामले को लेकर एसपी सिटी अयोध्या मधुबन कुमार सिंह जवाबदेही से बचते नज़र आए। जब द मूकनायक ने उनसे फोन पर बातचीत की तो एसपी मधुबन सिंह ने बताया, "इस मामले की जानकारी नहीं है। आपके माध्यम से इसकी जानकारी हुई है। एलआईयू से भी रिपोर्ट मांगी जाएगी। स्वामी परमहंस ने क्या कहा है? वह कहां मौजूद हैं? इसके विषय में जानकारी ली जाएगी।" विधिक कार्रवाई का सवाल पूछने पर एसपी सिटी बातों को घुमाते हुए नजर आए।
मंत्री परिषद से दिया था इस्तीफा
राजेंद्र पाल गौतम ने विजयदशमी के दिन बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह का कार्यक्रम में कहा था कि 14 अक्टूबर 1956 को बाबा साहेब ने जातिगत छुआ-छूत के खिलाफ 22 प्रतिज्ञाओं के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। पूर्व कैबिनेट मंत्री गौतम ने उन्हीं 22 प्रतिज्ञाओं को दोहराया था। जिसके बाद से उन्हें तथाकथित हिन्दू संगठनों ने निशाने पर लिया। बीजेपी ने इस मामले पर बवाल किया था। बाद में राजेंद्र पाल गौतम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन उसके बाद भी ये मामला ठंडा होता नहीं दिख रहा है।
[द मूकनायक इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि उक्त कथित संतों द्वारा दिया गया बयान कब का है।]
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