शिक्षकों की प्रताड़ना के कारण दलित छात्राओं के सुसाइड के ये मामले आपको कर देंगे हैरान!

हैदराबाद और छत्तीसगढ़ में दो दलित छात्राओं की आत्महत्या ने उठाए शिक्षा प्रणाली पर सवाल। परेशान करने वाले शिक्षकों के खिलाफ जांच की मांग। पढ़ें पूरी खबर।
सांकेतिक तस्वीर
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तेलंगाना। हैदराबाद में दो दलित छात्राओं ने कथित रूप से शिक्षक की डांट से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। दोनों छात्राओं पर कुछ जूनियर छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा था। जिसके बाद शिक्षक ने दोनों को जमकर फटकार लगाई थी। दोनों छात्राओं ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इस नोट में छात्राओं ने लिखा है कि वह दोनों निर्दोष हैं। उन पर झूठा आरोप लगाया गया है। पुलिस ने आत्महत्या की जांच से संबंधित सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद जिले के भोंगिर के सरकारी स्कूल में दोनों छात्राएं 10वीं में पढ़ती थी। दोनों स्कूल के छात्रावास में ही रहती थीं। छात्राओं के परिवार शहर में रहते हैं। पुलिस ने कहा कि दोनों दोस्तों ने एक कथित सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें कहा गया है कि उन पर झगड़े के लिए झूठा आरोप लगाया गया था, जिसके कारण उन्हें परेशान किया गया और उन्होंने "डरे हुए" और "शर्मिंदा" होने की बात कबूल की है।

पुलिस के मुताबिक, छात्राओं ने सुसाइड नोट में हस्ताक्षर भी किया है। छात्राओं ने सुसाइड नोट में लिखा है "कोई भी हम पर विश्वास नहीं करता। केवल शैलजा मैडम (हॉस्टल वार्डन) ने हम पर विश्वास किया। हमने वह नहीं किया है जिसका हम पर आरोप लगाया जा रहा है। हमें उस चीज़ के लिए फंसाया जा रहा है जो हमने नहीं किया। हम इसका सामना करने में असमर्थ हैं और इसलिए हम आत्महत्या करके मर रहे हैं। हमारा अंतिम संस्कार एक साथ करें।"

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी नारायण रेड्डी ने कहा, "फिलहाल, ऐसा प्रतीत होता है कि जूनियर कक्षाओं के छात्राओं ने दो लड़कियों के खिलाफ शिकायत की थी। यह एक छोटा सा मुद्दा था, और स्कूल ने तुरंत वार्डन को सूचित किया। वार्डन आई और लड़कियों को ले गई और उनकी काउंसलिंग की। मामला सुलझ गया, लेकिन ऐसा लगता है कि लड़कियां इससे परेशान थीं।"

परिजनों ने पुलिस से निष्पक्ष जांच करने की मांग की

दोनों छात्राओं की आत्महत्या की घटना से दोनों परिवार सदमे में हैं। छात्राओं के परिजनों का कहना है, "हमें इस बात पर यकीन नहीं है कि उन्होंने सिर्फ अपने वार्डन की प्रशंसा करते हुए ऐसा पत्र लिखा है। हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि जब उनके खिलाफ शिकायतें थीं तो उनके शिक्षकों और वार्डन ने फोन करके हमें सूचित क्यों नहीं किया? पुलिस को उनकी भूमिका की जांच करनी चाहिए।" हालांकि, पुलिस ने आत्महत्या की जांच से संबंधित सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जांच शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़: टीचरों की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने लगाई फांसी

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक स्टूडेंट ने कथित रूप से टीचर्स की प्रताड़ना के चलते खुदकुशी कर ली। मणिपुर थाना क्षेत्र के दर्रीपारा की रहने वाली 12 साल की कक्षा छठवीं की छात्रा ने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। छात्रा ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें खुदकुशी करने की वजह स्कूल के टीचरों की प्रताड़ना को बताया है। छात्रा के आत्महत्या करने से परिजन सदमे में है। छात्रा शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ाई करती थी। मंगलवार देर रात करीब 11 बजे घर के पंखे में फांसी लगाकर उसने आत्महत्या कर ली।

छात्रा के पिता आलोक कुमार सिन्हा ने स्कूल प्रबंधन और स्कूल के टीचरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पिता ने बताया की सुसाइड नोट में लिखा है कि, "स्कूल की टीचर ने छात्रा और उसके दोस्तों की आईडी कार्ड को छीना और परिजनों को बुलाने को कहा, टीचर बहुत ज्यादा पनिशमेंट देती थी। मेरा पास एक ही रास्ता बचा है मरने का। मरने के बाद मैं बदला लूंगी। वह बहुत बुरी है, बहुत डेंजरस है। प्लीज जितने मेरे दोस्त हैं उनको पनिशमेंट न दें।" फिलहाल पूरे मामले में की जांच में पुलिस जुटी गई है।

भाजपा युवा मोर्चा ने किया प्रदर्शन

घटना के बाद से अभिभावकों और स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है। वहीं भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के सामने जमकर प्रदर्शन किया। मौके पर भारी पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचे और स्कूल के शिक्षकों पर कार्रवाई करने का आश्वासन मिलने के बाद युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन शांत हुआ।

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