"दलित बच्चों को मंदिर के बाहर खेलने से सामंतियों का मंदिर अपवित्र हो गया" — यूपी में दलित बच्चों की पिटाई पर भड़के चंद्रशेखर आजाद

यूपी के मैनपुरी में मंदिर के बाहर खेलते बच्चों को कथित रूप से मंदिर अपवित्र होने के कारण बेरहमी से पीटा गया। बच्चों के शरीर पर लगे चोटों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल।
दलित बच्चे को लगी चोटों के निशान
दलित बच्चे को लगी चोटों के निशान
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उत्तर प्रदेश। मैनपुरी जिले में मंदिर के बाहर खेल रहे दलित बच्चों की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। आरोप है कि मंदिर के बाहर खेल रहे दलित बच्चों से मंदिर अपवित्र होने का हवाला देते हुए बच्चों की पिटाई की गई। मामला बेवर थाना के दौदापुर गांव का बताया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार घटना पुरानी है। मामले में 26 अगस्त को FIR दर्ज हुई थी, लेकिन किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई।

घटना की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए नगीना लोकसभा से सांसद व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने लिखा कि, "उत्तर प्रदेश के तथाकथित रामराज्य में 3 दलित बच्चों को मंदिर के बाहर खेलने से ‘सामंतियों’ का मंदिर अपवित्र हो गया। इससे गुस्साए धर्म के ठेकेदार, दो लोगों ने न सिर्फ तीनों बच्चों को बंधक बनाकर पीटा बल्कि घर के बुजुर्ग यहां तक कि महिलाओं को भी जाति सूचक गालियां दीं।"

उन्होंने आगे लिखा कि, "जातिवादी सिस्टम का हाल देखिए 26 अगस्त को घटना की FIR तो दर्ज हुई लेकिन अभी तक आरोपी सामंतियों की गिरफ्तारी करने की पुलिस की हिम्मत नहीं हुई। पीड़ित सनी प्रताप जाटव का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से परिवार में दहशत का माहौल है, बीजेपी के स्थानीय विधायक व सत्ता पक्ष के लोग समझौते के लिए दवाब बना रहे हैं। @myogiadityanath जी इस तरह की घटनाओं में कार्रवाई न होने से साफ-साफ जातिवाद की बू आती है।"

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने चेतावनी देते हुए कहा कि, "अगर जल्द ही नामजद आरोपियों को गिरफ्तार न किया गया तो आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।"

जबकि, घटना पर मैनपुरी पुलिस ने अपने ऑफिसियल एक्स हैंडल से जानकारी दी कि, "मामले में थाना स्थानीय पर सुसंगत धाराओं में पूर्व में ही 02 नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत है, जिसमें साक्ष्य संकलन एवम विवेचनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जांच कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है, अन्य धमकाने संबंधी आरोप निराधार हैं।"

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