जयपुर। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़ते जा रहे है। प्रदेश में दिल दहला देने वाला महिला अपराध का ताजा मामला बीकानेर के खाजूवाला से सामने आया है। यहाँ दो पुलिसकर्मियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर 20 वर्षीय दलित छात्रा को कमरे में ले जा कर गैंगरेप किया, इसके बाद छात्रा की संदिग्ध मौत हो गई।
खाजूवाला थाने में तैनात दो पुलिसकर्मियों का एफआईआर में नाम आने के बाद पुलिस ने गैंगरेप और हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बीकानेर पुलिस अधीक्षक तेजश्वनी गौतम ने हत्या और बलात्कार के अरोपी पुलिसकर्मी भागिरथ और मनोज को निलंबित कर दिया है। हालांकि मृतक छात्रा के परिजन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े हैं।
घटना के बाद मृतक छात्रा के पिता ने खाजूवाला थाने में रिपोर्ट दी है। मृतक छात्रा के पिता ने रिपोर्ट में बताया कि उसकी 20 वर्षीय बेटी गांव से खाजूवाला में कम्प्यूटर कोर्स के लिए एक सेंटर पर पढ़ाई कर रही थी। वह गांव से प्रतिदिन सुबह 10 बजे आती थी। पिछले 10-15 दिनों से खाजूवाला तावणीया कॉलोनी में रहने वाला दिनेश विश्नोई उसका पीछा कर रहा था। इस दौरान आरोपी को बेटी का पीछा करने से मना भी किया था, लेकिन वह नहीं माना। मंगलवार 20 जून को भी सुबह 10 बजे उसकी बेटी गांव से खाजूवाला में एक कम्प्यूटर सेंटर पर कम्प्यूटर की पढ़ाई के लिए आई थी। इस दौरान आरोपी दिनेश विश्नोई, कांस्टेबल भागीरथ और मनोज बेटी को कमरे में ले गए जहां तीनो नामजद आरोपियों ने दो - तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद उसे खाजूवाला सामुदायिक अस्पताल से फोन आया कि उसकी बेटी अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल पहुंचा तो उसकी बेटी मर चुकी थी। पिता का आरोप है कि दिनेश, भागीरथ, मनोज ने अपने दो-तीन साथियों के साथ मिलकर उसकी बेटी के साथ बलात्कार कर हत्या कर दी। पुलिस ने दिनेश सहित दोनों पुलिसकर्मियों को नामजद करते हुए हत्या व सामूहिक बलात्कार और एससी, एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीकानेर ग्रामीण दीपक शर्मा को जांच सौंपी है।
खाजूवाला में दलित छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या में पुलिसकर्मियों का नाम सामने आने के बाद ग्रामीणों में रोष है। परिजनों ने हत्या और बलात्कार के आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी नहीं होने तक पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया। 24 घण्टे से अधिक समय से दलित छात्रा का शव खाजूवाला सीएचसी की मोर्चरी में रखा है। परिजन ग्रामीणों के साथ थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस लगातार समझाइश कर रही है, लेकिन परिजन मांगों पर अड़े हैं।
घटना क्रम को लेकर द मूकनायक ने खाजूवाला थाना क्षेत्र की 2 केजेडी ग्राम पंचायत सरपंच प्यारे लाल मेघवाल से बात की। सरपंच प्यारे लाल मेघवाल ने कहा कि दलितों पर अत्याचार बढ़ रहा है। रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। ऐसे में लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता है। उन्होंने कहा कि एक दलित छात्रा का सामूहिक बलात्कार कर हत्या में पुलिसकर्मी शामिल है। मुकदमा दर्ज हो चुका है, लेकिन अफसर इन्हें बर्खास्त नहीं कर रहे हैं। हमारी मांग है दोनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। मृतक परिवार को एक करोड़ रुपये सरकारी मदद और सरकारी नौकरी दी जाए। प्रकरण की जांच एसओजी से कराई जाए।
बलात्कार व हत्या के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और बलात्कार व हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार दोपहर में दर्जनों महिलाओ ने पीड़ित परिवार के साथ खाजूवाला पुलिस थाने में घुसने का प्रयास किया। इस दौरान धक्का मुक्की में दो महिला प्रदर्शनकरियों की तबीयत बिगड़ने पर खाजूवाला सीएचसी में भर्ती कराया गया है।
उधर दलित छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार व हत्या के मामले की गम्भीरता व आंदोलनकारियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए खाजूवाला में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। एएसपी दीपक शर्मा मोर्चा सम्भाले हुए है। पुलिस अधिकारी लगातार समझाइश कर रहे हैं। पूर्व संसदी सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल भी धरना स्थल पर मौजूद है।
घटना को लेकर द मूकनायक ने जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीकानेर ग्रामीण दीपक शर्मा से बात की। इस दौरान शर्मा ने खुद को आंदोलन स्थल पर भीड़ के बीच बताते हुए बात करने से इनकार कर दिया।
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