जयपुर। उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में निर्माणाधीन राम मंदिर (Ram Mandir) में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी को होगी। देश भर में उत्साह का माहौल है। गांव-गांव उत्सव की तैयारी चल रही है। उस दिन प्रसादी वितरण, कलश यात्रा निकालने के नाम पर कई जगह चंदा भी एकत्रित किया जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला राजस्थान के झालावाड़ जिले (Jhalawara district) के खानपुर थाना इलाके के मूंडला गांव (Mundla village ) से सामने आया है। जहां पहले तो दलितों से घर-घर जाकर अयोध्या में बन रहे राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन उत्सव, कलशयात्रा व प्रसाद वितरण के लिए चंदा राशि ली गई। दलित समाज के लोगों ने आस्था के अनुसार चंदा भी दिया, लेकिन बाद में चंदा लेने वालों ने दलितों को उनकी जाति बताकर कह दिया कि तुम्हारे पैसों से भगवान के भोग नही लगेगा और जो प्रसादी बनेगी वह भी अपवित्र हो जाएगी। यह कहते हुए दलितों से ली गई चंदा राशि वापस लौटा दी गई।
जाति को आधार बातकर चंदा राशि वापस लौटाने से नाराज दलित समाज के लोगों ने झालावाड़ा जिला प्रशासन को शिकायत देकर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। दलितों का कहना है कि पहले राम मंदिर उत्सव के लिए सहयोग राशि के रूप में चंदा लिया गया। बाद में जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर चंदा वापस लौटा दिया गया। यह दलित समाज का अपमान है। शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
द मूकनायक ने मूंडला गांव निवासी मुकेश मेघवाल से बात की। मुकेश ने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग से कई जातियां हमारे गांव में निवास करती है। कुछ लोगों ने राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन उत्सव मनाने के लिए दलितों से पहले चंदा ले लिया, इन लोगों ने नकद राशि चंदे के रूप में दी। अगले दिन आकर चंद लेने वाले लोगों ने उक्त चंदा राशि वापस लौटा दी।
मुकेश आगे कहते है कि पहले चंदा लेने व बाद में वापस लौटाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे समाज के लोग आप से चंदा लेने से नाराज है। जातिसूचक शब्द बोलते हुए कहा कि तुम्हारी राशि से भगवान राम को भोग नहीं लगा सकते। प्रसादी भी अपवित्र हो जाएगी।
मुकेश ने बताया कि इस सम्बंध में हमने शिकायत की थी। अब पुलिस वाले हम पर राजीनामे का दबाव बना रहे हैं। गांव में भी आ रहे हैं। खानपुर थाने की पुलिस आती है। डिप्टी एसपी व सीआई भी अभी हमारे गांव में है। हमें आरोपियों के सामने आने के लिए दबाव दे रहे हैं। हमने पुलिस वालों को आरोपियों के सामने जाने से मना कर दिया है। हम अपने बयान दे देंगे। पुलिस मुकदमा भी दर्ज नहीं कर रही है। यदि पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो दलित समाज के लोग आगामी सोमवार को झालावाड़ा जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
गत 11 जनवरी को मूंडला गांव के दलित समाज से जुड़े लोगों ने झालावाड़ा जिला प्रशासन को शिकायत सौंप कर बताया था कि हम प्रार्थीगण ग्राम मूण्डला पुलिस थाना खानपुर जिला झालावाड़ के रहने वाले है। हम मेघवाल समाज, बैरवा समाज, धोबी समाज, मेहर समाज के हैं, जो कि अनुसूचित जाति में आती है। हमारे गांव में अयोध्या में बन रहे राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन उत्सव, कलशयात्रा, प्रसाद वितरण के आयोजन के लिये हमारे गांव के जगदीश नागर पुत्र मांगीलाल, हरिशंकर नागर, ओम नागर व इनके साथ 10-15 नागर समाज के लोग चन्दा राशि लेने आये थे। जिस पर हम सभी ने अपनी हैसियत अनुसार दान राशि दी थी।
इसके बाद 9 जनवरी को रात्रि 9 बजे करीब यह लोग हमारी एससी समाज की बस्ती में आए। इन्होनें हम लोगों को घर के बाहर बुलाया। रामस्वरूप पुत्र खेमराज धाकड़, छोटूलाल उर्फ चन्द्रप्रकाश, जगदीश पुत्र भैरूलाल घाकड़, महावीर पुत्र हेमराज धाकड़ ने जाति सूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि इन से लिए हुए पैसों से भगवान के भोग नही लगेगा। प्रसादी बनेगी वह भी अपवित्र हो जाएगी। इसलिए हम तुम्हे चंदा राशि वापस देने आए हैं। फिर राशि वापस लौटा दी।
खानपुर थाना पुलिस पर राजीनामे के लिए दबाव डालने के आरोपों के बाद द मूकनायक ने खानपुर थानाधिकारी रामकिशन गोदारा से बात की। थानाधिकारी ने कहा कि राजीनामे के लिए दबाव बनाने के पुलिस पर लगाए गए आरोप निर्थक है। हम मूंडला गांव में है। पुलिस उपाधीक्षक खुद गांव में आकर निष्पक्ष गवाहों से बात कर रहे हैं। हम आमजन में पुलिस का विश्वास कायम करना चाहते हैं। पुलिस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी।
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