लखनऊ। यूपी के मेरठ जिले में एक दलित ठेकेदार की बकाया पैसा मांगने पर बांधकर पिटाई की गई। उसके पैरों में कीलें ठोंकी गईं। गोली भी मारी, इससे भी मन नहीं भरा तो गला दबाकर हत्या कर दी और शव पेड़ पर टांग दिया। इस वीभत्स हत्याकांड को जिसने भी सुना उसकी रूह कांप गई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मेरठ जिले के इंचौली थाना क्षेत्र के साधारणपुर गांव निवासी दलित इंद्रशेखर पेशे से राजमिस्त्री थे। उनके बेटे वंश प्रिय ने द मूकनायक को बताया, "मेरे पिता परीक्षितगढ़ के धनपुरा गांव में पिछले एक वर्ष से किसान विजयपाल के यहां मकान निर्माण कार्य कर रहे थे। मकान मलिक विजयपाल पर मजूदरी के ढाई लाख रुपए बकाया थे। इसे लेकर फोन पर भी कई बार बहस हुई थी। मेरे पिता मजदूरों का भुगतान करने के लिए लगातार पैसे मांग रहे थे।"
मृतक इंद्रशेखर की बेटी ने द मूकनायक को बताया, "मेरे पिता विजयपाल सिंह मकान के निर्माण के लिए कई महीनों से काम कर रहे थे। विजयपाल सिंह के पिता गांव के प्रधान भी रहे हैं। मेरे पिता राजमिस्त्री का काम करते थे। मकान निर्माण के लिए वह मजदूर भी खुद लेकर जाते थे। सभी मजदूरों को मेरे पिता अपने पास से हर रोज दिहाड़ी देते थे। विजयपाल सिंह ने उनकी मजदूरी का करीब ढाई लाख रुपया नहीं दिया था। पैसा खत्म हो जाने के कारण मेरे पिता ने काम रोक दिया था। वह बार-बार विजयपाल से पैसे देने के लिए बोल रहे थे। काम रुकने की वजह से विजयपाल सिंह उन पर गुस्सा हो गए।"
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों इंद्रशेखर और विजयपाल सिंह के बीच पैसे की बात को लेकर विवाद हुआ था। पैसा मांगने पर विजयपाल ने इंद्रशेखर के लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया था। इस दौरान उसने जान से मार डालने की धमकी भी दी थी। विवाद बढ़ता देखकर मौजूदा ग्राम प्रधान लीलू और महकार ने इस मामले में समझौता कराया था। वहीं पैसे के भुगतान की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद इंद्रशेखर ने विजयपाल के मकान पर निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया था।
प्रियवंश ने आगे बताया, "25 अक्टूबर की दोपहर भुगतान के लिए बैंक से पैसा निकालने की बात कह कर विजयपाल सिंह और उसके साथी इंद्रशेखर को अपने साथ ले गए थे। शाम तक इंद्रशेखर अपने घर नहीं लौटे। मैं अपने भाई के साथ उनकी तलाश करता हुआ खेतों तक पहुंचा और देखा कि यहां कई लोगों के साथ मिलकर विजयपाल सिंह मेरे पिता के हाथ बांधकर पिटाई कर रहा था। हम वापस गांव भागकर आए परिवार के लोगों और पुलिस को सूचना दी। वापस जब मौके पर लौटे तबतक आरोपी इंद्रशेखर की हत्या कर भाग चुके थे।"
जानकारी के मुताबिक मृतक के दोनों हाथ पीठ की ओर रस्सी से बंधे हुए थे, जिसके बाद उसकी बर्बरता से पिटाई की गई। पैर में कील भी ठोंकी गई थीं। पुलिस के मुताबिक उसके पैर में गोली भी मारी गयी थी। इंद्रशेखर के शव की छाती पर भी खून के निशान मिले हैं।
इंद्रशेखर के चचेरे भाई ने बताया, "विजयपाल ने अपने बेटे और कुछ अन्य के साथ मिलकर हत्या की है। हत्या से पहले उन्हें शारीरिक यातनाएं दी गईं। बाद में गला घोंटकर उन्हें मार डाला गया।"
इस मामले में इंद्र शेखर के बेटे प्रियवंश की तहरीर पर विजयपाल सहित तीन नामजद और दो अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराएं 147, 148, 149, 323, 302, 506, 34 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 (संशोधन 2015) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
मामले पर मेरठ पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा कि पैसे के विवाद में मकान निर्माण करने वाले व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या की गई। इसके बाद उसे आत्महत्या दिखाने के लिए शव को फंदे पर लटकाया गया। मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। एक अभियुक्त को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।
मेरठ पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कमलेश बहादुर ने बताया, "मुख्य आरोपी विजयपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी अभियुक्तों की तलाश जारी है। जांच के दौरान कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनकी भूमिका की पुष्टि की जा रही है। आरोपी विजयपाल सिंह ने इंचौली पुलिस को खुद फोन करके इंद्रशेखर की हत्या करने की जानकारी दी थी।"
इस मामले में भीम आर्मी एकता मिशन के प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र सूद घटना के बाद पीड़ित परिवार के साथ मौजूद थे। भीम आर्मी ने राजमिस्त्री की हत्या पर जमकर हंगामा काटा। जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष लगातार आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े रहे। जिसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता और एक बच्चे को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी की है।
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