तिरुवन्नामलाई। क्या आप कभी सोच सकते हैं कि किसी दलित के शव को ले जाने के लिए अलग से रास्ता बनाया गया हो। किसी भी दलित परिवार में अगर किसी सदस्य की मौत होती है तो उसे श्मशान तक ले जाने के लिए सिर्फ उसी रास्ते का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन ऐसा तमिलनाडु में हुआ है, जहां शव ले जाने के लिए सामान्य रास्ते का इस्तेमाल करने पर एक दलित परिवार का विरोध किया गया।
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ये मामला तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के वीरलूर का है। यहां एक कॉलोनी है जिसे दलित कॉलोनी कहा जाता है वहां एक दलित महिला की लम्बी बिमारी के बाद शनिवार 15 जनवरी को मौत हो गई। लॉकडाउन के चलते सोमवार को दलित महिला के शव का अंतिम संस्कार किया जाना था। परिवार वालों ने शव को श्मशान ले जाने के लिए सामान्य रास्ते का इस्तेमाल किया।
जैसे ही लोगों को ये पता चला कि दलित महिला का शव सामान्य रास्ते से श्मशान ले जाया जा रहा है लोगों ने विरोध करना शुरु कर दिया। अन्य समुदायों के सैकड़ों लोगों ने सड़क जाम कर दिया। उनमें से कुछ ने कॉलोनी में घुसकर कुछ घरों पर पथराव किया और इलाके में खड़े दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस ने मामले में दखलअंदाजी की।
दलितों के लिए बनाया गया है अलग रास्ता
तिरुवन्नामलाई जिले के वीरलूर में दो रास्ते बनाए गए हैं। एक सामान्य रास्ता और दूसरा रास्ता दलितों के लिए। दलित समुदाय के जो लोग हैं वो सामान्य रास्ते का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसा करने पर उसका खामियाजा कुछ ऐसे भुगतना पड़ता है।
इस दलित परिवार ने जब सामान्य रास्ते का इस्तेमाल किया तो उनके घरों पर पथराव किया गया, तोड़-फोड़ की गई। इसके चलते वहां स्थिति काफी तनावपूर्ण बन गई।
पुलिस ने मामला सुलझाया
जैसे ही इस पूरे मामले का पता पुलिस को चला तो उन्होंने फौरन एक्शन लिया। तिरुवन्नामलाई के पुलिस अधीक्षक अल्लातिपल्ली पवन कुमार रेड्डी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों से बात की। पुलिस ने बीच का रास्ता निकालने पर जोर दिया। जिसके बाद जाकर मामला शान्त हुआ।
इससे पहले भी हुई है ऐसी घटना
तिरुवन्नामलाई के पुलिस अधीक्षक अल्लातिपल्ली पवन कुमार रेड्डी ने बताया कि, "ये पहली बार नहीं है जब किसी दलित का शव सामान्य रास्ते से ले जाया गया हो। इससे पहले भी दलित कॉलोनी से शव को सामान्य रास्ते से ले जाया गया है। 11 जनवरी को एक आदमी जो की दलित कॉलोनी का ही था उसका शव सामान्य रास्ते से ही ले जाया गया था।"
उन्होंने आगे कहा कि, उस वक्त गांव के किसी भी समुदाय के लोगों ने इसका कोई विरोध नहीं किया था। रेड्डी ने कहा कि इस बार जरुर कुछ ऐसा हुआ जिससे झड़प हुई। उन्होंने कहा अलग-अलग समुदायों के लोगों के बीच कुछ बात हुई और उन्होंने मुख्य सड़क पर शव ले जाने पर आपत्ति जताई।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.