तमिलनाडु: दलित व्यक्ति को पीटा, जबरन जमीन दूसरे के नाम करने का बनाया दबाव

अधेड़ को गंभीर चोट आने के कारण जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
Pic Credit: Indian Express
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नई दिल्ली। तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में एक दलित व्यक्ति को पीटा गया वहीं जमीन दूसरे के नाम करने का दबाव बनाया गया। अधेड़ को गंभीर चोट आने के कारण जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने इस मामले में एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक दलित युवक को अपनी बारात में घुड़चढ़ी की रस्म के लिए पुलिस की सुरक्षा मांगनी पड़ गई। इस मामले में पुलिस ने पत्र को स्वीकार करते हुए पूरी बारात के दौरान सुरक्षा दी।

जानिए क्या है सभी मामले?

तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में रहने वाले ए मुरुगानंदम (51) ने पुलिस से कई गई शिकायत में कहा है, ''मैं पुथु कॉलोनी में पोरोम्बोक जमीन पर बने घर में रहता हूं। हाल ही में, स्थानीय अधिकारियों ने दूसरी जगह मुफ्त पट्टा भूमि दी है। हम उस जमीन पर जाने की योजना बना रहे थे। मेरे भाई बालाकुमार ने घर और खुली जगह की मांग की, लेकिन कानूनी समस्याएं पैदा होने के डर से मैंने अपनी पुस्तैनी जमीन देने से मना कर दिया। उन्होंने इस मुद्दे को गांव के बुजुर्गों के सामने उठाया लेकिन इसका समाधान नहीं हो सका। उच्च जाति के शक्तिवेल नाइकर ने इस मामले में मुझसे बात की। उन्होंने पुराना घर मेरे भाई को देने के लिए दबाव बनाया। लेकिन मैंने इसका विरोध किया और इससे शक्तिवेल नाराज हो गए। 5 दिसंबर को, जब मैं अपने घर के सामने अपने भाई और मां के साथ गांव के बुजुर्गों से बात कर रहा था, तो दूर खड़े शक्तिवेल ने मुझसे बहस करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने उनका अपमान किया, जातिसूचक गाली दी और मुझे थप्पड़ मारा। बुजुर्गों ने शक्तिवेल को रोका, तब वह चले गए।''

ए मुरुगानंदम आगे बताते हैं, ''कुछ मिनटों के बाद, वह अपने बेटे मुथुकुमार के साथ एक लोहे की रॉड और नारियल का तना पकड़े हुए मेरे घर पहुंचे। उन्होंने मेरे साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया और मेरे साथ मारपीट की। मैं दर्द से चिल्लाया लेकिन कोई भी ग्रामीण मदद के लिए नहीं आया क्योंकि हमलावर प्रभावशाली समुदाय से थे। बाद में, मैंने अपनी बेटी को इसकी जानकारी दी, जिसने मुझे अस्पताल में भर्ती होने में मदद की। अगले दिन, मैंने मदाथुकुलम पुलिस में नाइकर और उनके बेटे मुथुकुमार पर एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।"

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नागराजन ने कहा, “कल प्रमुख समुदाय के सदस्यों का एक समूह अस्पताल आया और मुरुगानंदम को जान से मारने की धमकी दी और शिकायत वापस लेने का आदेश दिया। हमने एनसीएससी में भी शिकायत दर्ज कराई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ''हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. डीएसपी (उदुमलाईपेट) सुकुमारन ने शक्तिवेल और उनके बेटे को पकड़ने के लिए दो विशेष टीमें बनाई हैं।"

दलित को बारात ले जाने के लिए मांगनी पड़ी पुलिस सुरक्षा

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के महाराजपुर थाना क्षेत्र के टटम गांव के रहने वाले सूरज अहिरवार की शादी खजुराहो की रहने वाली नीलम अहिरवार से 9 दिसंबर को होनी थी। जिसको लेकर सूरज ने 4 दिसंबर को थाना महाराजपुर में एक आवेदन देते इस बात की शंका जाहिर की थी कि गांव में रहने वाले कुछ लोग मुझे घोड़ी पर चढ़ने से रोक सकते है, क्योंकि आज तक आजादी के बाद से इस गांव में कोई भी दलित घोड़ी पर नही चढ़ा है। मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने 9 दिसंबर की रात सूरज को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई और पुलिस की देख-रेख में गांव में बारात निकाली गई।

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