राजस्थान: 15 दलित परिवारों का हुक्का-पानी बन्द, सामाजिक बहिष्कार से भूखों मरने की नौबत!

गांव में घटना की जांच करने पहुंची पुलिस [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
गांव में घटना की जांच करने पहुंची पुलिस [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
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झालावाड़ जिले के जावर थाना क्षेत्र के जतावा गांव का मामला, पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया।

जयपुर। राजस्थान में दलित अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला पूर्वी राजस्थान के झालावाड़ जिले से सामने आया है। यहां जावर थाना इलाके के जतावा गांव में दलितों का हुक्का पानी बन्द कर दिया गया। आरोप यह भी है कि गांव में बहुसंख्यक लोधा समाज के लोगों ने दलितों के साथ बोल-चाल व लेनदेन पर भी पाबन्दी लगा दी है। उन्हें किराने की दुकानों तक से सामान नहीं दिया जा रहा। दलित समाज के विरमलाल, रामदयाल, मथुरा लाल, चंपालाल आदि बताते हैं कि, उनपर अत्याचार यहीं नहीं रुका, आरोपियों ने दलितों के खेतों की जुताई के लिए किराए पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराना भी बन्द कर दिया। दूसरे गांव से ट्रैक्टर लेकर आए तो उन्हें गाली-गलौच कर भगा दिया गया। अब भूमि पड़त [खेती योग्य भूमि को मजबूरी में खाली छोड़ना] है। परिवारों के भूखों मरने की नौबत आ गई है। इस संबंध में पीड़ितों ने गत 18 अक्टूबर को उपाधीक्षक मनोहर थाना को लिखित शिकायत दी। इस पर 35 लोगों के खिलाफ पुलिस ने नामजद मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

क्या है विवाद?

जानकारी के अनुसार, लगभग दो हजार के आबादी वाले जतावा गांव में 10-15 घर बैरवा समाज के लोगों के हैं। लोधा समाज के लोगों की आबादी सर्वाधिक है। जावर पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार 31 अगस्त को बैरवा समाज के लोगों ने चारभुजा नाथ मंदिर को दान की गई भूमि पर बाबा रामदेव का जागरण कर रहे थे। जागरण में भोजन भी बनाया जाना था। सभी तैयारी पूरी हो चुकी थीं। तभी गांव के लोधा समाज के कुछ लोग वहां पहुंचे। उन्होंने दलितों को मंदिर की जमीन में जागरण करने व भोजन बनाने से रोक दिया।

मंदिर माफी की जमीन जहाँ जागरण के बाद विवाद हुआ [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
मंदिर माफी की जमीन जहाँ जागरण के बाद विवाद हुआ [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

पुलिस बताती है कि, दलितों ने लोधा समाज के लोगों पर जातिसूचक शब्दों से अपमानित कर भगाने का आरोप लगाया है। हालांकि उस दिन दलितों का जागरण उसी जगह होने की बात भी सामने आई है। इसके बाद से दोनों समाजों के बीच दरार बढ़ गई। आरोप यहां तक है कि दलितों की पीने के पानी की सप्लाई वाली पाइप लाइन भी काट दी गई। पुलिस बताती है कि, मामला उनके संज्ञान में लाया गया। गत 19 अक्टूबर को 35 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

यह आरोप लगाए गए

जावर थाने के जतावा निवासी वीरम लाल, राम दयाल, मथुरा लाल चंपा लाल बैरवा, राधेश्याम व हीरालाल ने मनोहरथाना वृत्त पुलिस उपाधीक्षक को एक रिपोर्ट सौंप कर बताया कि, प्रार्थी झालावाड़ जिले के जावर थाना इलाके के जतावा गांव के रहने वाले हैं। जतावा में दलित परिवारों की 10 – 15 घरों की आबादी है। आरोपी लोधा समाज के बहुसंख्यक होने से दलितों को डरा धमका कर रखना चाहते हैं। नाजायज परेशान करते हैं। गत 31 अगस्त को प्रार्थीगण ने जतावा में बाबा रामदेव का जागरण करवाया था। प्रार्थीगण गांव के चार भुजानाथ मंदिर के नाम से जानी जाने वाली भूमि में बाबा रामदेव का जागरण करना चाहते थे। लोधा समाज के आरोपियों ने जागरण करने से रोक दिया। जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा कि 'तुम्हारी इतनी हिम्मत की मंदिर की जगह में जागरण करोगे'। मौके से दलित परिवारों को गाली गलौच कर भगा दिया गया। उस दिन पीड़ितों ने हाथ जोड़ कर जैसे-तैसे जागरण पूरा किया। वहां रसोई भी बनाई गई। पीड़ितों ने रिपोर्ट में बताया कि इसके बाद आरोपियों ने गांव में लोधा समाज की बैठक बुलाकर के दलित परिवारों से किसी प्रकार की लेनदेन या बोल चाल रखने पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। दलितों से सम्पर्क करने या लेनदेन करने पर लोधा समाज के लोगों पर आर्थिक रूप से पांच हजार रुपए का दंड लगाने व जुर्माना राशि नहीं देने पर जाति से बाहर करने की बात भी कही गई।

आरोप है कि, आरोपी असामाजिक तत्वों ने दलित समाज के लोगों का हुक्का पानी बन्द कर दिया है। किराने की सामग्री तक नहीें दी जा रही है। फसल हकाई जुताई का समय आ गया है। दलितों के खेतों की हकाई जुताई नहीं हो रही है। बाहर से ट्रैक्टर या कृषि यंत्र लाते हैं तो आरोपी उनके साथ गाली-गलौच कर भगा देते हैं। दलितोें की जमीन पड़त रहने की आशंका है। भूखे मरने की नौबत आ गई है। आरोपी दलितों की जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं।

घटना के विरोध में ज्ञापन देते भीम आर्मी के सदस्य [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
घटना के विरोध में ज्ञापन देते भीम आर्मी के सदस्य [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

दलित उत्पीड़न की घटना सामने आने के बाद शुक्रवार को भीम आर्मी प्रदेश सचिव कृषणा मेहर व भीम आर्मी जिला संयोजक अशोक सोलंकी के नेतृत्व में जतावा गांव में दलित समाज के लोगों के साथ गांव के ही उच्च जाति के लोगों द्वारा मंदिर में कीर्तन करने पर हुक्का पानी बंद करने व जान से मारने की धमकी देने पर उचित कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक को अवगत करवाया गया। इस दौरान भगवान सिंह मेघवाल पूर्व जिला परिषद सदस्य आजाद समाज पार्टी, जिला अध्यक्ष फरीद खान, जिला उपाध्यक्ष संदीप मेघवाल, भीम आर्मी जिला प्रभारी राजकुमार आगर एमपी, जिला उपाध्यक्ष पंकज मेघवाल झालरापाटन, विधान सभा क्षेत्र प्रभारी हंसराज वर्मा, राम लखन, अरबाज खान, ईश्वर मेहर, अविनाश वाल्मिकी व सोनू मीणा आदि उपस्थित रहे।

इन मामलों में भी की कार्रवाई की मांग

भीम आर्मी प्रदेश सचिव कृष्ण मेहर ने द मूकनायक को बताया कि, "बहुजन समाज पर हो रहे अत्याचारों को रोकने व ऐसे प्रकरणों में उचित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन के माध्यम से खानपुर के राजकुमार मेघवाल हत्याकांड में उचित कार्यवाही करने व पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग की मांग की गई। साथ ही झालरापाटन में सुरेश भील हत्याकांड में बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार कर उचित कार्यवाही करने व पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने की मांग है।"

यह बोले पुलिस अधिकारी

पुलिस उपाधीक्षक कैलाश चंद ने द मूकनायक को बताया कि, "19 अक्टूबर को प्रकरण दर्ज हुआ है। बैरवा समाज के लोगों ने लोधा समाज के लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। आज घटना स्थल का मौका देखा है। घटना की जांच शुरू कर दी गई है जो भी होगा जांच में सब सामने आ जाएगा। हर पहलू को सामने रख कर जांच करेंगे।"

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