कटनी, मध्य प्रदेश – सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद, जिसमें कथित तौर पर पुलिस हिरासत में 55 वर्षीय दलित महिला और उसके पोते के साथ मारपीट करते हुए दिखाया गया है, कटनी शहर में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक पुलिस इंस्पेक्टर और पांच कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है।
पीड़िता कुसुम वंशकार ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें पिछले साल 29 अक्टूबर को हुई घटना का विवरण दिया गया है। वंशकार ने कहा कि उन्हें और उनके पोते को उनके 35 वर्षीय बड़े बेटे दीपक के बारे में पूछताछ के सिलसिले में कटनी जीआरपी पुलिस स्टेशन ले जाया गया था, जो चोरी के एक मामले में संदिग्ध था।
वंशकार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया, "इंस्पेक्टर अरुणा वाहने ने पूछताछ के बहाने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। उसने मेरे बाल खींचे, मुझे घसीटा और मुझे लकड़ी के डंडे से मारा। उसने मुझे लात मारी और शाम 6 से 7 बजे के बीच बेरहमी से पीटा।"
वंशकर ने आगे बताया कि चार कांस्टेबलों ने उनके पोते पर हमला किया, उसे पकड़कर नीचे गिराया और बार-बार लकड़ी के डंडे से उसके पैरों पर वार किया।
यह घटना कथित तौर पर पुलिस स्टेशन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, और सोशल मीडिया पर फुटेज वायरल होने के बाद इसने व्यापक ध्यान आकर्षित किया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को एक सार्वजनिक बयान में वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "जीआरपी कटनी थाने के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा मारपीट का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जब यह मेरे संज्ञान में आया तो मैंने तत्काल डीआईजी रेल को मामले की मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए। प्रारंभिक जांच के आधार पर मैंने तत्कालीन थाना प्रभारी जीआरपी कटनी, एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि इस तरह का दुर्व्यवहार दोबारा न हो।"
निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में इंस्पेक्टर अरुणा वहाने, हेड कांस्टेबल अजय श्रीवास्तव और कांस्टेबल शोएब अब्बासी, सलमान खान, ओमकार सिरसम और वर्षा दुबे शामिल हैं। इस घटना से राज्य में पुलिस के आचरण, खासकर हाशिए पर पड़े समुदायों के प्रति, को लेकर आक्रोश और चिंताएं पैदा हो गई हैं।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.