जालौर प्रकरण: दहशत में दलित परिवार, मोटाराम पर हमले के छह आरोपी गिरफ्तार

जालौर प्रकरण: दहशत में दलित परिवार, मोटाराम पर हमले के छह आरोपी गिरफ्तार
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रिपोर्ट- अब्दुल माहिर/ दिलीप सोलंकी

आरोपियों ने मोटाराम पर मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के परिवार का साथ नहीं देने का बनाया था दबाव, बात नहीं मानने पर किया था हमला।

जालौर/जयपुर। राजस्थान के जालौर जिले का सुराणा गांव एक बार फिर चर्चा में है। पहले शिक्षक के लिए अलग रखी पानी की मटकी छूने मात्र पर छात्र इंद्र मेघवाल की मौत से यह गांव मीडिया की सुर्खियों में रहा था। इस बार इंद्र के परिवार का साथ देने से नाराज कथित जातिवादी गुडों ने सुराणा गांव के ही एक अन्य दलित मोटाराम मेघवाल पर जानलेवा हमला कर दिया। हालांकि इस बार सायला थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हमले के नामजद आरोपियों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से सभी 6 आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश हुए हैं। हालांकि इस घटना के बाद से दलित परिवारों में भय का माहौल है।

पुलिस ने बताया कि, मोटाराम पर हमले के आरोप में नामजद आरोपी डूंगर सिंह व जालम सिंह सहित महेंद्र सिंह, नकुल सिंह, नरपत सिंह राजपूत व छेलाराम भील को गिरफ्तार किया गया। पुलिस का दावा है कि अन्य आरोपियों ने मोटाराम पर हमले में नामजद आरोपियों का साथ दिया था। इसलिए गिरफ्तार किया गया है।

यह है मामला?

थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार हमले में घायल मोटाराम ने सायला थाना पुलिस को दिए बयान में बताया कि 13 दिसम्बर को प्रार्थी अपने घर पर था। सुबह के समय छात्र इंद्र मेघवाल के पिता देवाराम व किशोर मेघवाल पुत्र पोलाराम मेघवाल का फोन आया कि डिप्टी साहब बयान लेने आ रहे हैं। इस पर प्रार्थी ने कहा कि मैं आपके घर आ रहा हूं। प्रार्थी घर से देवाराम के बेरे की तरफ जा रहा था। इस दौरान सुबह साढ़े 10 बजे के बीच एक स्थान पर रास्ते में आरोपी डूंगर सिंह व जालम सिंह ने प्रार्थी को रोक कर जानलेवा हमला कर दिया। दोनों आरोपियों ने कुल्हाड़ी व हथोड़े से सर व शरीर पर चोट मारी। आरोपी मरा समझ कर भाग गए। हल्ला करने पर परिजन व गांव के अन्य लोग दौड़ कर आए। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित ने बताया कि पहले आरोपियों से उसका जमीन का झगड़ा चल रहा था। उसमें राजीनामा हो गया है। अब प्रार्थी देवाराम का साथ देता है इसलिए आरोपी नाराज थे। इसलिए हमला किया।

यह बोले सायला थानाधिकारी

सायला थानाधिकारी प्रदीप डांगा से जब द मूकनायक ने बात की तो उन्होंने बताया कि मोटाराम पर हमला हुआ है। आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमला करने सहित अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच के बाद हमले के नामजद दोनों आरोपियों सहित 4 अन्य इनका सहयोग करने वाले आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं। एसएचओ ने कहा कि छात्र इंद्र मेघवाल व मोटाराम पर हमले का कोई वास्ता नहीं है। आरोपी व पीड़ित के बीच पहले से जमीनी विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों में जमीन विवाद व मारपीट को लेकर पहले भी मामले दर्ज हुए हैं।

पीड़ित ने किया एफआईआर में जिक्र

पीड़ित मोटाराम ने जमीन विवाद का जिक्र पुलिस को दिए पर्चा बयान में भी किया है। साथ ही मोटाराम ने जमीन विवाद में पहले ही राजीनामा होने की बात भी कही है। मोटाराम बताते हैं कि सुराणा गांव के कुछ जातिवादी लोग मेरे परिवार का छात्र इंद्र मेघवाल के परिवार से सम्बन्ध नहीं रखने का दबाव बना रहे हैं। मैंने उनकी बात नहीं मान कर छात्र इंद्र के पिता देवराम का साथ दिया है। इसीलिए मेरे ऊपर हमला किया गया है।

गांव में पुलिस चौकी बनी, लेकिन सुरक्षा पर सवाल

छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के बाद पिता देवराम ने पुलिस से सुरक्षा मांगी थी। देवराम का कहना था कि राजीनामा के लिए उस पर दबाव बना रहे हैं। उसके परिवार पर भी हमला हो सकता है। ऐसे में परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए। इसके बाद पुलिस ने सुराणा गांव में अस्थायी पुलिस चौकी स्थापित कर खाना पूर्ति कर दी, लेकिन यहां दलितों की सुरक्षा को लेकर अभी भी सवाल खड़े हैं। मोटाराम पर हमले के बाद गांव के अन्य दलित परिवारों में दहशत का माहौल है।

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