रोहित वेमुला केसः क्लोजर रिपोर्ट पर मां-भाई ने उठाए सवाल, जानिए अब तक क्या हुआ?

Follow-up:- रोहित के परिवार ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की। परिवार ने सीएम को पत्र सौंपा और न्याय की मांग की।
सीएम को पत्र सौंपता रोहित का परिवार।
सीएम को पत्र सौंपता रोहित का परिवार।
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नई दिल्ली। तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर गत शनिवार को रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और उनके भाई राजा वेमुला ने सवाल उठाया। राजा वेमुला ने कहा कि SC स्टेटस पर जिला कलेक्टर फैसला करेंगे। मां और बेटे के सवालों के बाद तेलंगाना DGP ने कहा कि हम इस मामले की दोबारा जांच करेंगे।

तेलंगाना पुलिस ने रोहित की मौत के 8 साल बाद अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि वो दलित नहीं था। इस बीच, रोहित वेमुला की मौत मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट सामने आने के बाद रोहित के परिवार ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी से शनिवार को मुलाकात की। परिवार ने सीएम को पत्र सौंपा और न्याय की मांग की।

पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में दावा किया कि रोहित इस बात को जानता था कि वह दलित नहीं था। जाति की पहचान उजागर होने के डर से उसने आत्‍महत्‍या कर ली थी।

सीएम को पत्र सौंपता रोहित का परिवार।
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रिपोर्ट में हरियाणा गवर्नर, पूर्व वीसी निर्दोष साबित

​​​​​​​रिपोर्ट में भाजपा के पूर्व सिकंदराबाद सांसद और हरियाणा के मौजूदा गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचंद्र राव, पूर्व कुलपति अप्पा राव, ABVP नेताओं सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को निर्दोष बताया गया है।

21 मार्च 2024 को दाखिल की फाइनल रिपोर्ट

मधापुर के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर रोहित वेमुला केस के इन्वेस्टिगेशन अफसर थे। उन्होंने पिछले साल नवंबर 2023 में फाइनल क्लोजर रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट 21 मार्च 2024 को फाइल की गई है। इसमें कहा गया, "रोहित वेमुला खुद को अनुसूचित जाति वर्ग (ST) से बताया था। वो ST वर्ग से नहीं था। रोहित को पता था कि उनकी मां ने उन्हें अनुसूचित जाति (SC) का सर्टिफिकेट दिलवाया था।

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रोहित ने इसी सर्टिफिकेट के जरिए अपनी एकेडमिक उपलब्धियां हासिल की थीं। रोहित वेमुला को डर था कि अगर उनकी जाति की सच्चाई बाहर आ गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।"

हमें पूरी उम्मीद- सरकार फिर से जांच कराएगी

दैनिक भास्कर डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर के अनुसार रोहित वेमुला के भाई राजा वेमुला ने कहा है कि क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद तेलंगाना DGP ने मामले की फिर से जांच करने और हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। सीएम रेवंत रेड्डी ने भी हमें रोहित के मामले की निष्पक्ष जांच और न्याय दिलाने का वादा किया है। हमें उम्मीद है कि कांग्रेस सरकार मामले की फिर से जांच करवाएगी।

रोहित समेत 5 स्टूडेंट्स को हॉस्टल से निकाला गया था

रोहित समेत पांचों छात्रों पर साल 2015 में आरोप लगा था कि उन्होंने ABVP के सदस्य पर हमला किया था। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रोहित सहित पांच छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया था। यूनिवर्सिटी ने अपनी प्रारंभिक जांच में पांचों छात्रों को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन बाद में अपने फैसले को पलट दिया था। 17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद देशभर की यूनिवर्सिटी में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे। रोहित अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का सदस्य भी था।

तेलंगाना में इस समय कांग्रेस सरकार है। घटना साल 2016 में हुई थी, उस वक्त राज्य में के चंद्रशेखर राव की सरकार थी। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हुए प्रदर्शनों का समर्थन किया था। राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में भी उठाया था।

सीएम को पत्र सौंपता रोहित का परिवार।
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