बेलगावी। देश में दलित वर्ग और पिछड़े वर्ग के साथ प्रताड़ना के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक के बाद एक देश के हर कोने से आए दिन अत्याचार और प्रताड़ना की खबरें जारी हैं। ताजा मामला कर्नाटक से सामने आया है। कर्नाटक में एक दलित परिवार पर कथित धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर हमला किया गया। इस हमले में एक महिला समेत पांच लोग घायल हो गए।
क्या है पूरा मामला
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 29 दिसंबर 2021 को कर्नाटक के बेलगावी में एक दलित परिवार पर एक हिंदुत्ववादी संगठन ने हमला किया। जब 29 दिसंबर, बुधवार को एक पादरी अक्षय कुमार करंगवी अपने आवास पर वार्षिक प्रार्थना का आयोजन कर रहे थे, तो हिंदुत्ववादी संगठन के सदस्यों ने जबरन ईसाई बनाने का आरोप लगाते हुए एक दलित परिवार पर हमला कर दिया था।
वार्षिक प्रार्थना के दौरान ही एक हिंदुत्ववादी संगठन के सात सदस्यों ने कथित तौर पर उनके घर में प्रवेश किया और प्रार्थना में अड़चन डाली। इन लोगों ने ये दावा किया कि परिवार धर्मांतरण में शामिल था और पड़ोसियों को जबरन ईसाई बना रहा था। हिंदुत्ववादी संगठन के लोगों ने कथित तौर पर परिवार की पिटाई की। शिकायत दर्ज कराने वाली अक्षय कुमार की पत्नी कविता ने कहा कि हमले में भारती व्यापारी नाम की एक महिला झुलस गई।
कविता ने एफआईआर दर्ज कराई है। इस शिकायत में उन्होंने बताया कि, "क्रिसमस के बाद एक वार्षिक अनुष्ठान के तहत हम प्रार्थना कर रहे थे, सभी आरोपी प्रार्थना में बाधा डालने के इरादे से आए थे और भारती पर गर्म करी (ग्रेवी) फेंक दी, जिससे वह झुलस कर घायल हो गई। ये बस भगवान को याद करने का एक जरिया था न कि कोई धर्मांतरण। धर्मांतरण के जो भी आरोपों लगे है वो बेबुनियाद हैं।"
बता दें कि, इस हमले में एक महिला समेत परिवार के पांच सदस्य घायल हो गए थे। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, घायलों का इलाज मुदलागी शहर के एक सरकारी और एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
दर्ज हुई एफआईआऱ
इंडियन एक्सप्रेस की माने तो इस मामले में 5 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। हिंदुत्ववादी संगठन से होने का दावा करने वाले पांच सदस्यों पर कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा के एक जिले बेलगावी में एक दलित परिवार पर कथित रूप से हमला करने और लूटने का मामला दर्ज किया गया है।
घटप्रभा पुलिस ने 326 (खतरनाक तरीके से गंभीर चोट पहुंचाना), 354 (महिलाओं की विनम्रता भंग करने) और 392 (डकैती) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
इस मामले में मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया है लेकिन अभी तक इनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
द क्विंट के अनुसार, आरोपियों में तुक्कनट्टी गांव के शिवानंद गोटूर, रमेश दंडापुर, परसप्पा बाबू, फकीरप्पा बागेवाड़ी और कृष्णा कानिटकर, कंकनवाड़ी के चेतन गदादी और हट्टारकी के महंतेश हट्टाराकी शामिल हैं।
पहले भी सामने आई ऐसी घटनाएं
आपको बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब कर्नाटक से इस तरह का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी एक स्कूल में कुछ हिंदू संगठन के लोग घुस गए थे और महिला टीचर के साथ अभद्रता की थी। खास बात ये है कि ये मामला तब सामने आया था जब सरकार की ओर से धर्मांतरण मामले का विधेयक पारित हुआ था।
उस समय कर्नाटक के मांड्या जिले में हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने एक स्कूल में जमकर बवाल किया था। कार्यकर्ताओं का समूह निर्मला इंग्लिश हाई स्कूल और कॉलेज में घुस गया, जहां पर क्रिसमस से जुड़े कार्यक्रम चल रहे थे। उन्होंने स्कूल में चल रहे क्रिसमस कार्यक्रम को रोक दिया और स्कूल के अध्यापकों को जमकर धमकाया था।
इसी तरह एक और मामला कर्नाटक से सामने आया था। कर्नाटक में एक घर में हिंदू संगठन के लोग जबरन घुसकर वहां मौजूद लोगों से क्रिसमिस मनाने पर ऐतराज और पहनावे पर सवाल उठाने लगे थे। उस वक्त वहां की महिलाओं ने उन्हें सख्ती से जवाब देते हुए घर से बाहर निकाल दिया। घटना राज्य के तुमकुरु थी। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी।
कर्नाटक सरकार ने लाई विधेयक
आपको बता दें कि, कर्नाटक सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में एक धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित भी किया गया है। हालांकि, इस विधेयक को अभी उच्च सदन में पारित किया जाना बाकी है।
बसवराज बोम्मई सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून को और सख्त करने पर विचार कर रही है। इस बिल के नए मसौदे में सजा की अवधि तीन साल से बढ़ाकर 10 साल और जुर्माने की रकम 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख और 5 लाख तक की जा सकती है। फिलहाल, कर्नाटक से लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। खास बात तो ये है कि ज्यादातर मामले धर्मांतरण के शक में सामने आए हैं। यह इस बात को इंगित करता है कि कथित हिंदुवादी संगठन आए दिन धर्मांतरण के शक में किसी घर में घुसकर गुंडागर्दी कर रहे हैं तो कहीं किसी के साथ मारपीट कर रहे हैं।
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