राजस्थान: विधानसभा चुनावों में चुनाव जीत कर भाजपा भले ही प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आ गई हो, लेकिन धौलपुर जिले में दलित अत्याचार के आरोपी विधायक को सरंक्षण देने वाली भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। दलित अत्याचार के आरोपी बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी गिर्राज सिंह मलिंगा को हार का स्वाद चखना पड़ा। भाजपा छोड़ बसपा में शामिल होकर चुनाव लड़े जसवंत सिंह गुर्जर ने मलिंगा को पटखनी दी है। दलित विरोध का ही असर है कि धौलपुर जिले में भाजपा इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई।
आपकों को बतादें कि बसपा विधायक जसवंत सिंह गुर्जर 1998 में भाजपा से विधायक रह चुके हैं। भाजपा छोड़ बसपा का दामन थामा और बाड़ी से विधायक का चुनाव लड़ा। कांग्रेस विधायक रहे मलिंगा के प्रति दलितों का रोष व बसपा का साथ जसवंत की जीत का मुख्य कारण माना जा रहा है। मलिंगा इस चुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़े थे। बसपा प्रत्याशी जसवंत सिंह गुर्जर ने मलिंगा को 27424 मतों से हराया।
68 वर्षीय बाड़ी विधायक जसवंत सिंह गुर्जर धौलपुर जिले के मोरोली गांव के मूल निवासी है। फिलहाल जिला मुख्यालय पर रहते हैं। इससे पहले जसवंत भाजपा में थे। 2013 में जसवंत भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़े और कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंग से चुनाव हारे थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़ बसपा से चुनाव लड़े और भाजपा से चुनाव लड़े मलिंगा को पटखनी दे दी। इससे पूर्व जसवंत सिंह 1998 में भाजपा से विधायक रह चुके हैं।
जसवंत साधारण परिवार से आते हैं, उनका मुख्य व्यवसाय खेती है। चुनाव के दौरान नामांकन के साथ शामिल शपथ पत्र के अनुसार एक करोड़ से अधिक बैंक खातों में जमा राशि व जेवर हैं तथा 18 करोड़ से अधिक विधायक दंपति की अचल संपति है। जसवंत के एफीडेविट के अनुसार कोई अपराधिक मुकदमा भी दर्ज नहीं है। जसवंत धौलपुर के कद़्दावर नेताओं में शुमार होते हैं। जसवंत के बाद बसपा के राजस्थान प्रभारी और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने कहा कि यह एक शुरुआत है। जो लोग बसपा को कमजोर समझते हैं उनके लिए यह एक संदेश है।
गिर्राज सिंह मलिंगा ने कांग्रेस विधायक रहते राजस्थान के धोलपुर जिले में बिजली निगम के दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी पर प्राणघातक हमला किया था। इसके बाद प्रदेश भर के दलित समाज ने चेतावनी जारी कर मलिंग को टिकट देने वाली राजनीतिक पार्टी का विरोध करने की बात कही थी। दलितों की चेतावनी के बाद विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को कांग्रेस ने नकार दिया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने शरण दे दी। भाजपा ने दलित सहायक अभियंता पर हमले के आरोपी मलिंगा को बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भी बना दिया। ऐसे में दलित समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी देखने को मिली।
विधायक मलिंगा को भाजपा में शामिल करने के बाद प्रत्याशी बनाए जाने पर अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान के पदाधिकारियों ने कड़ा एतराज जताते हुए भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता के साथ काम करने का आरोप लगाया और अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान (अजार) के संयोजक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्यवीर सिंह ने कहा था कि हमारे पदाधिकारी प्रदेश के चुनाव पर नजर रखे हैं। उन्होंने कहा कि समाज दलित अत्याचार की घटनाओं में दलितों के विरोध में खड़े रहे नेताओं को चिह्नित कर विधानसभा चुनावों में सबक सिखाएगी।
गौरतलब है कि, राजस्थान के संयुक्त दलित संगठनों ने राजनीतिक पार्टियों से बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को अपने साथ शामिल नहीं करने की मांग की थी। दलित संगठनों की मांग को ध्यान रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस से विधायक गिर्राजसिंह मलिंगा को नकार दिया। कांग्रेस ने दलित विरोधी मानसिकता के विधायक को नकार कर प्रदेश के अनुसूचित समाज को समानता का संदेश दिया था। दलित अत्याचार के आरोपी नेता के प्रति कांग्रेस के कड़े रुख का दलित संगठनों ने भी स्वागत किया था। आरोप है कि, जबकि भाजपा ने दलित सहायक अभियंता पर प्राणघातक हमला करने के आरोपी को पार्टी में शामिल कर दलित विरोधी होने के आरोपों पर मोहर लगा दी थी। हालांकि, इस बार राजस्थान में दलित मतदाता के क्षेत्रीय पार्टियों में बंट जाने से भाजपा की राह आसान हो गई।
उल्लेखनीय है कि, धोलपुर जिले के बाड़ी विद्युत निगम के कार्यालय में कार्यरत इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथ आये समाजकंटकों ने हमला करके 22 जगहों से उनकी हड्डियां तोड़ दी थी। घायल दलित इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि का अभी तक भी सवाईमान सिंह चिकित्सालय जयपुर में उपचार चल रहा है। घायल सहायक अभियंता अभी भी अस्पताल के बिस्तर पर हैं, और खड़े नहीं हो सकते हैं।
जयपुर सवाईमान सिंह अस्पताल में अपने बेटे इंजिनियर हर्षाधिपति की देखभाल कर रहे पिता मुकेश कुमार वाल्मिकी ने द मूकनायक को बताया कि उनका बेटा हर्षाधिपति वाल्मिकी राजस्थान के धोलपुर जिले के बाड़ी में बिजली निगम में सहायक अभियंता के पद पर कार्य कर रहा था। 28 मार्च 2022 को स्थानीय विधायक विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा अपने साथियों के साथ आया और कार्यालय में घुस कर सहायक अभियंता पर प्राणघातक हमला किया। हमले में मेरे बेटे की 22 हड्डियों को तोड़ दिया। उन चोटों के कारण आज मेरा बेटा सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर में उपचाराधीन है।
चुनाव से पूर्व दलित सहायक अभियंता के पिता मुकेश कुमार वाल्मिकी ने मार्मिक अपील करते हुए द मूकनायक से कहा था कि, "हम न्याय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। इसलिए हमने उच्च न्यायालय में आरोपी की जमानत को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रखा है। जमानत निरस्त नहीं हुई तो आरोपी इस प्रकरण में निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच नहीं होने देगा। न्याय व्यवस्था में धीरे-धीरे काफी समय बीतता जा रहा है। अभी तक याचिका पर निर्णय नहीं किया गया है।"
"अपराधिक प्रवृति के विधायक को कांग्रेस पार्टी ने टिकट काट कर बाहर का रास्ता दिखा दिया, लेकिन भाजपा, जो कहती है कि हमारा चाल, चरित्र, चेहरा अलग है, ने दलित विरोधी नेता को गले लगा लिया। सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मलिंगा को भाजपा में शामिल कराया और प्रत्याशी भी बनाया है", मुकेश कुमार वाल्मिकी ने कहा कि "घटना के समय भाजपा के लोग उनके बेटे से अस्पताल में मिलने आए थे। तब कांग्रेस को कोस रहे थे। अब मेरे बेटे पर हमले के आरोपी को गले लगा रहे हैं। इसलिए इनका चाल चरित्र और चेहरा अलग है।"
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