भरतपुर। देश के कई हिस्सों से दलित दूल्हों की बारात रोके जाने की ख़बरें इन दिनों लगातार सामने आ रही है. ताजा मामला राजस्थान के भरतपुर जिले के कुम्हेर थाना इलाके में स्थित गांव सह का है जहां दलित दूल्हे की बारात भारी सुरक्षा बल के सुरक्षा घेरे में निकाली गई.
यहां आशंका थी कि बारात को लेकर कथित जातिवादी लोग बारात को रोक सकते हैं और किसी तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं. मामले को लेकर पूरी रात पुलिस बल के साथ जिला कलेक्टर आलोक रंजन और जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह एक साथ बारात में मौजूद रहे, जिससे कोई अनहोनी घटना न हो सके। हालांकि, बारात निकालने को लेकर गांव में तनाव था, इसलिए रात 12:00 बजे तक पुलिस भी शांत थी लेकिन बाद में और ज्यादा पुलिस बल मंगाकर पूरे गांव में तैनाती बढ़ा दिया गया तब जाकर दलित दूल्हे की बारात निकाली जा सकी।
क्या था पूरा मामला?
भरतपुर के सह गांव में विगत 14 अप्रैल को अंबेडकर रैली निकालने को लेकर एक जाति विशेष के लोगों और दलितों के बीच विवाद हो गया था. दोनों तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी. बीते दिनों दलित समुदाय के लोग गांव छोड़कर जिला कलेक्टर कार्यालय भी पहुंचे थे, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में उनको गांव वापस भेजा गया था. बुधवार को उसी गांव के एक दलित व्यक्ति की बेटी की शादी भी थी. दलितों ने आरोप लगाया था कि एक जाति विशेष के लोग उनकी बारात गांव से होकर नहीं निकलने देते हैं. जिसके बाद बीती रात जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक भारी पुलिस बल लेकर मौके पर रात भर बैठे रहे और पूरी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के घेरे में दलित दूल्हे की बारात गांव से होकर निकाली जा सकी.
जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने द मूकनायक को बताया कि, "दलित दूल्हे की बारात निकाली गई. गांव में पूरी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई थी. किसी भी तरह के विवाद की कोई सूचना सामने नहीं आई है. शांतिपूर्ण तरीके से बारात की निकासी हुई है. पूर्व में 14 अप्रैल के दिन गांव में दो पक्षों में झगड़ा हो गया था, जिसमें शिकायत दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है। सूचना मिली थी कि इस गांव में दलित दूल्हे की बारात नहीं निकलने दी जाती है, इसलिए हम सभी अधिकारी और पुलिस बल गांव में तैनात रहे और सुरक्षा के बीच गांव से बारात निकलवाई". उन्होंने कहा कि, 14 अप्रैल को जो विवाद हुआ था उसकी जांच की जा रही है. अभी किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
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