विपक्ष का तंज— दलित होने के कारण राजस्थान के DyCM प्रेमचंद बैरवा के साथ किया जा रहा है भेदभाव!

जब उन्होंने दिसंबर 2023 में पदभार ग्रहण किया था, तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन गई थी।
विपक्ष का तंज— दलित होने के कारण राजस्थान के DyCM प्रेमचंद बैरवा के साथ किया जा रहा है भेदभाव!
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जयपुर- भाजपा सरकार पर दलित और आदिवासी विरोधी होने के आरोप लगते ही रहे हैं, इसके साथ ही सरकार पर अब अपने ही उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ जाति-आधारित भेदभाव के लिए घेरा जाने लगा है. बैरवा के साथ असमानतापूर्ण व्यवहार के आरोपों को एक बार फिर हवा मिल गई है, ये सवाल फिर से उठने लगे हैं कि क्या बैरवा की सामाजिक पृष्ठभूमि के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है?

जब उन्होंने दिसंबर 2023 में पदभार ग्रहण किया था, तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बन गई थी।

सबसे हालिया घटना 5 सितंबर की है. जयपुर में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह के दौरान जहाँ मंच पर मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान किया गया—लेकिन बैरवा को नजरअंदाज कर दिया गया। मंच में शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे जिन्होंने बाद में चूक मानी की बैरवा का सम्मान करना भूल गए लेकिन माफ़ी मांगने के बावजूद भूल नहीं सुधारी गई और उपमुख्यमंत्री का सम्मान करना रह ही गया.

इस घटना के सामने आने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 6 सितबर को सुबह अपने x हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया जिसमे उन्होंने भजनलाल सरकार को टारगेट करते हुए उपमुख्यमंत्री के साथ हो रहे भेदभाव पर नाराजगी जाहिर की. इनके पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट किये और कहा कि बीजेपी पार्टी हमेशा से ही दलित विरोधी रही है.

जूली ने बैरवा के कार्यभार संभालने के समय हुए बर्ताव का भी स्मरण करवाया जिसमे मुख्यमंत्री समेत कोई मंत्री शामिल नहीं हुआ था जबकि दूसरी उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के कार्यभार संभालने में सभी मौजूद थे। जूली ने शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर भी सवाल पूछा कि आखिर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में दलित उपमुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार कैसे किया जा सकता है?

हालांकि, इस मामले में स्वयं बैरवा ने दिसंबर 2023 में अपने पदभार के समय मंत्रियों की गैर मौजूदगी को लेकर किये गए सोशल मीडिया पोस्ट को झूठी खबर बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष के कुछ लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं, और उन्हें ऐसी रणनीतियों में शामिल होने के बजाय राजस्थान को एक विकसित राज्य बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।

लेकिन कुछ समय बाद में बैरवा ने सड़कों के विकास से जुड़े मुद्दों पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा था कि प्रशासन में कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है।

शिक्षक दिवस समारोह में हुई ताजा घटना ने विपक्ष के नेता टीकाराम जूली को सरकार की खुलेआम आलोचना करने के लिए प्रेरित किया। जूली ने अपने पोस्ट में सवाल उठाया कि क्या बैरवा की बार-बार हो रही उपेक्षा उनके दलित होने के कारण हो रही है। उन्होंने सीधे पूछा, "मुख्यमंत्री की उपस्थिति में इस तरह का व्यवहार कैसे सहन किया जा सकता है? क्या भाजपा सरकार में दलितों के साथ इसी तरह का व्यवहार होता रहेगा?"

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