बाड़मेर। नल से पानी पीने पर दलित छात्र की पिटाई के मामले को द मूकनायक की टीम ने मुद्दे को उठाया. इस मामले में परिवार का कहना है कि पुलिस की तरफ से किसी की भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. वहीं बच्चे की पिटाई एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने की है. बच्चे के परिवार का कहना है कि उनको अब भी धमकी दी जा रही है कि वह उनके घर के सामने से न गुज़रे नहीं तो उनका अंजाम बुरा होगा. परिवार का यह भी आरोप है कि आरोपी पक्ष कई बार बोल चुका है कि उनका कुछ नहीं होगा और उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. पीड़ित परिवार ने बच्चे की टूटी हड्डी के बारे में बताया कि डॉक्टर अब तक कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं बता सके हैं।
क्या था पूरा मामला
बाड़मेर के तिरसिंगड़ा गांव में स्कूल से घर आते वक्त कुछ जातिवादी मानसिकता के लोगों ने एक दलित छात्र की पिटाई कर दी. वहीं बच्चे के साथ बुरी तरह से मारपीट की जाने पर रीढ की हड्डी तक टूट गई.
बताया जा रहा है कि बच्चे की गलती इतनी थी कि उसे प्यास लगी थी और पास में लग नल से उसने पानी पी लिया. इस दौरान नल के मालिक ने बच्चे को जातिसूचक गालियां दी साथ ही उसके साथ मारपीट की. परिवार का आरोप है कि बच्चे को मारपीट कर पास के ही खेत में फेंक दिया था जिसके बाद पड़ोसियों के माध्यम से बच्चे की जानकारी परिवार को मिली. परिवार जैसे ही बच्चे के पास पहुंचा तो बच्चा बुरी तरह से रो रहा था. परिवार ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि बच्चे और परिवार को धमकाया कि उस गली से होकर वह लोग ना गुजरे नहीं तो अंजाम बुरा होगा. वहीं पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के साथ कई धाराओं में अरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज तो कि है लेकिन परिवार का आरोप है कि किसी भी शख्स की गिरफ्तारी नहीं कि गई है.
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