राजस्थान: दलित महिला के साथ गैंगरेप कर किया मुंडन! पत्थरों से दबा मिला शव

दलित महिला के साथ गैंगरेप के बाद मुंडन करने और तेजाब से चेहरा जलाने का आरोप
दलित महिला के साथ गैंगरेप के बाद मुंडन करने और तेजाब से चेहरा जलाने का आरोप
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राजस्थान के अलवर जिले के रेणी क्षेत्र में चार दिन पहले घर से किसी काम से निकली महिला घर नहीं लौटी। गुड़गांव में मजदूरी कर रहे पति ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट। पत्थर के नीचे दबा हुआ मिला पत्नी का शव।

राजस्थान। अलवर जिले के रेणी क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के एक गांव में दलित महिला के साथ कथित तौर पर गैंगरेप करने के बाद उसके सिर का मुंडन (सर के बाल छील देना) कर दिया गया। आरोप है कि, महिला के कान, नाक और हाथ काट दिए गए थे। चेहरा तेजाब से जला दिया गया था, और महिला के हाथ पैर तोड़ कर हत्या कर दी गई।

परिजनों के मुताबिक, महिला घर से किसी काम से निकली हुई थी, लेकिन वापस घर नहीं लौटी। जब महिला घर नहीं लौटी तो उसके 13 साल के बेटे ने मामले की जानकारी गुड़गांव में मजदूरी करने वाले पिता को दी। पिता घर आया उसने अपनी पत्नी की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली।

मामले को लेकर 2 जून को पति ने रेणी थाने में महिला की गुमशुदगी दर्ज कराई। 4 जून की सुबह गांव की एक बच्ची शौच के लिए पास के खंडहर में गई तो उसे तेज दुर्गंध आई। बच्ची ने जब पास जाकर देखा तो सड़ा हुआ शव देखकर सहम गई। मामले की जानकारी घर वालों को दी। गांव के पास खण्डहर में सड़ा हुआ शव पड़े होने की सूचना पाकर गुमशुदा हुई महिला का पति मौके पर पहुंचा, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पति की तहरीर के आधार पर पुलिस ने अपरहण और रेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पूरे मामले को लेकर एसपी अलवर तेजस्विनी गौतम का कहना है कि, पोस्टमार्टम में रेप की पुष्टि नहीं हुई है। पृथम दृष्टया यह दुर्घटना लगती है। खंडहर में अक्सर पत्थर गिरा करते हैं जिसके कारण उसकी मौत हुई होगी। हालांकि विसरा FSL भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले की जानकारी हो सकेगी।

क्या है पूरा मामला?

राजस्थान के अलवर जिले में रेणी क्षेत्र के दानुपुर गांव में दलित समाज की मीना देवी (30) रहती थी। मीना देवी का पति ओमप्रकाश बैरवा (38) गुड़गांव में मजदूरी का काम करते है। मीना देवी घर पर अपने तीन बच्चे प्रीतम (8), रोहतास (11) और निशांत (13) के साथ रहती थी। मीना देवी के ओमप्रकाश के मुताबिक, मीना देवी 31 मई को दोपहर घर से निकले और वापस घर नहीं लौटी। उनके बड़े बेटे निशांत ने फोन करके इस बात की जानकारी दी। ओमप्रकाश 1 जून को गांव पहुंच गए। ओमप्रकाश बताते हैं, " मैंने अपनी पत्नी को ढूंढने का खूब प्रयास किया। साइकिल से गांव के आसपास की कई जगहों पर भी गया और लोगों से भी पूछा लेकिन पत्नी की कोई जानकारी नहीं हुई। पत्नी के ना मिलने के कारण मैंने 2 जून को गुमशुदगी की रिपोर्ट रेणी थाने में दर्ज कराई थी।"

मीरा के पति ओमप्रकाश मामले की जानकारी देते हुए आगे बताते हैं, "4 जून की सुबह घर से लगभग 350 मीटर दूर स्थित मंदिर के बगल में एक खंडहर में गांव की एक बच्ची शौच के लिए गई हुई थी। बहुत तेज बदबू आने के कारण बच्ची ने पास जाकर देखा तो वह डर गई। उसने घर आकर घरवालों को सारी जानकारी बताई। मुझे इसकी जानकारी लालूराम की पत्नी से हुई।"

गैंगरेप के बाद मुंडन करने व नाक-कान, मुंह और हाथ काटने का आरोप

मीना के पति मीना के शव की हालत को देखते हुए बताते है, "जब मैं खंडहर के पास गया तो मेरी पत्नी का शव पत्थर की पट्टी के नीचे दबा हुआ था। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। शव से कुछ दूर पर ही उसके बाल अलग पड़े हुए थे। खोपड़ी कंकाल हो गई थी। नाक-कान मुंह काट दिए गए थे। चेहरा ऐसा लग रहा था जैसे तेजाब डालकर जलाया गया है। शव से दोनों हाथ गायब थे और दोनों पैर टूट हुए थे, और नीचे पैर के पास का पूरा हिस्सा खून से सना हुआ था।"

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

4 जून को खंडहर में शव मिलने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर फोरेंसिक टीम के साथ पहुंच गई। घटना स्थल की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी और सैम्पल एकत्र करने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

पूरे मामले को लेकर एसपी अलवर तेजस्विनी गौतम ने कहा, " इतनी गर्मी पड़ रही इसलिए शरीर पांच दिन में डिकम्पोज हो जाता है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अभी गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई है। सैम्पल FSL भेजा गया है, रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।"

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