राजस्थान: कथित मानव तस्करी की चपेट में आए बेटों की तलाश में पिता ने बताया पुलिस कैसे कर रही बर्ताव?

मासूम बेटों की तलाश में दर-दर भटक रहा दलित पिता. आरोप है कि बेटों की बरामदगी की गुहार लेकर जाने पर पुलिस डंडे मारकर भगा देती है. आईजी से शिकायत के बाद दर्ज हुई एफआईआर.
मानव तस्करी
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जयपुर। राजस्थान के बूंदी जिले में एक दलित पिता दो नाबालिग बेटों की तलाश में दर-दर भटक रहा है। पिता, पुलिस चौकी से लेकर मुख्यमंत्री तक बेटों की बरामदगी की गुहार लगा चुका, लेकिन नतीजा नहीं निकला। पीड़ित पिता ने बूंदी सदर पुलिस थाने में नामजद आरोपियों के खिलाफ शिकायत देकर बताया कि उसके सात महीने व तीन साल के बेटे को मानव तस्करी के गैंग से जुड़े लोगों ने कहीं बेच दिया है। आरोपियों के नाम व कांटेक्ट नम्बर देने के बावजूद पुलिस मासूम बच्चों को बरामद करने में रुचि नहीं ले रही है।

बूंदी जिले के रामनगर निवासी परमानंद कंजर ने कोटा रेंज आईजी को शिकायत कर अपने बेटों की तलाश की गुहार लगाई है। पीड़ित पिता ने आईजी को शिकायत पत्र के माध्यम से बताया कि, "पांच माह पूर्व प्रार्थी की पत्नी बिना बताए घर से चली गई थी। वह अपने साथ सात महीने व तीन साल के बेटे को ले गई थी। पत्नी व दो बेटों के अचानक गायब होने पर उसने रिश्तेदारों के यहां तलाश किया, लेकिन वह कहीं नहीं मिले। इसे बाद पीड़ित ने 14 अगस्त 2023 को सदर पुलिस थाना बूंदी में पत्नी व बेटों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित की पत्नी को बरामद कर कानूनी कार्रवाई के बाद उसे सौंप दिया था, लेकिन प्रार्थी के बेटे नहीं मिले।"

पीड़ित पिता का आरोप है कि, झालावाड़ में रहने वाले राहुल व मनीषा मानव तस्करी गैंग के सदस्य हैं। उन्होंने उनके बेटों को बेच दिया है। परमानंद कंजर ने आईज रेंज कोटा को बताया कि बूंदी जिले के रामनगर पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल रामप्रसाद मीणा ने आरोपियों से सांठ-गांठ कर उन्हें छोड़ दिया। लेकिन उनके बेटों की बरामदगी नहीं की। आईजी को शिकायत के बाद मंगलवार 30 जनवरी को पुलिस ने परमानंद की पूर्व में दी गई तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर ली।

पुलिस की कार्यशैली पर संदेह

पुलिस पर मानव तस्करी गैंग से संपर्क के आरोपों के बाद द मूकनायक ने सच जानने के लिए बूंदी के रामनगर पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल रामप्रसाद मीणा से बात की। हेड कांस्टेबल मीणा ने द मूकनायक से बात करते हुए परमानंद कंजर की पत्नी को झालावाड़ से बरामद करने की बात तो स्वीकार की, लेकिन उसके दोनों नाबालिग बेटों की बरामदगी के सवाल को टाल गए। उन्होंने बस इतना ही कहा कि "परिवाद की मैं जांच कर रहा हूं। आरोपी राहुल व मनीषा को जल्द डिटेन किया जाएगा।" उन्होंने मिलीभगत के आरोपों से इनकार कर दिया।

पत्नी को भी बेचने का आरोप

परमानंद कंजर ने आईजी रेंज को बताया कि, राहुल व मनीषा ने मानव तस्कर गैंग के अन्य सदस्य के साथ मिलकर प्रार्थी की पत्नी को नशीली दवा/वशीकरण व जड़ी-बूटी खिलाकर एक लाख चालीस हजार रुपए में बेच दिया था। इस संबंध में भी पुलिस को बताया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में उसकी पत्नी आरोपी के चुंगल से भागकर आई थी। जिसे पुलिस ने दस्तयाब (बचाव) कर कानूनी कार्रवाई की थी।

बेटों की बरामदगी की गुहार पर मिलते हैं लठ

पीड़ित परमानंद कंजर ने आरोप लगाया कि वह जब भी अपने मासूम बेटों की बरामदगी की गुहार लेकर रामनगर पुलिस चौकी जाता है तो पुलिसकर्मी उसके साथ अभद्रता करते हैं। लाठी लेकर पीछे दौड़ता है। पुलिस चौकी से भगा देते हैं। पीड़ित ने द मूकनायक को बताया कि, "दो दिन पहले पुलिस चौकी गया तो वहां परिवाद की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल ने अभद्रता की। उन्होंने कहा कि 'तुझे जहां जाना है जा। तेरे बेटे नहीं मिलेंगे।' इससे पूर्व पीड़ित पुलिस थाना सदर बूंदी, प्रभारी मानव तस्करी यूनिट जिला बून्दी, थानाधिकारी महिला थाना बूंदी व  पुलिस अधीक्षक बूंदी के समक्ष लिखित शिकायत कर चुका है, लेकिन उसके मासूम बेटों को बरामद नहीं किया गया।"

बीते दिनों 16 जनवरी को परमानंद की पत्नी ने सदर पुलिस थाने में एक तहरीर देकर बताया था कि, "लगभग पांच महीने पहले वह पति से कहासुनी के बाद दो बेटों को साथ लेकर घर से निकल गई थी। इस दौरान राह चलते अनजान व्यक्ति के नंबर से अपनी परिचित मनीषा नामक महिला से बात की। आरोपी महिला ने उसे पति का घर छोड़ कर अपने पास बुला लिया। वह उसके बहकावे में आ गई। दोनों बेटों को लेकर मनीषा के पास झालावाड़ चली गई। जहां उसने दोनों के बेटों व उसे भी अपने साथ रखा।"

परमानंद की पत्नी ने पुलिस तहरीर में बताया कि, "कुछ दिन साथ रखने के बाद मनीषा ने प्रार्थीया को झालरापाटन निवासी दिनेश नामक व्यक्ति को एक लाख चालीस हजार रुपए में बेच दिया। आरोपी महिला ने पैसे व दोनों बेटों को अपने पास रोक लिया तथा पीड़िता को दिनेश को सौंप दिया।" पीड़िता के अनुसार आरोपी उसे झालरापाटन में बंदी बनाकर रखने लगा। जबरन दुष्कर्म करता रहा। मौका पाकर प्रार्थिया 10 नवंबर 2023 को आरोपी के चंगुल से भागकर पति के पास बूंदी आ गई।

पीड़िता ने पुलिस तहरीर में बताया कि, उसके दोनों नाबालिग बेटे मनीषा व राहुल के कब्जे में है और प्रार्थीया को संदेह है कि मनीषा व राहुल ने प्रार्थीया के बेटों को अवैध तरीके से बेच दिया है। दोनों बच्चो का जीवन खतरे में है। आरोपी मासूम बेटों के साथ कोई गंभीर घटना कर सकते हैं। ऐसे में आरोपियों को गिरफ्तार कर उसके बेटों को बरामद किया जाए।

कौन है मनीषा?

परमानंद कंजर ने बताया कि मनीषा झालावाड़ जिले में रहती है। इसके साथ राहुल नामक युवक भी रहता है। दोनों मानव तस्करी से जुड़े हुए हैं। परमानंद ने बताया कि उसकी पत्नी ने मनीषा को बहन बना रखा है। इसलिए वह उस पर भरोसा कर उसके पास चली गई थी, लेकिन अब मनीषा ने उसके बेटों को कहीं गायब कर दिया है। परमानंद ने कहा कि वह ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता है। 6 महीने से अधिक समय हो गया। उसके दोनों बेटे नहीं मिले हैं। आईजी से मिले तो उन्होंने कह दिया कि जाओ रामनगर पुलिस चौकी पर जाकर मिलो। वहां जाते हैं तो पुलिस कर्मी डंडे देकर भगा देते हैं। हम कहां जाए।

बूंदी के सदर पुलिस थानाधिकारी अरविंद भारद्वाज ने द मूकनायक से कहा कि इस घटना में हमने जांच के बाद मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली है। हमारी जांच में सामने आया है कि परमानंद की पत्नी ही अपने दोनों बेटों को साथ लेकर गई थी, और वही मनीषा के पास छोड़ कर आई थी। अब मुकदमे की तफ्तीश की जा रही है। बच्चों को बरामद किया जाएगा।

कंजर महापंचयत के प्रदेशाध्यक्ष ग्यारसी लाल गोसावत ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि "यह मानव तस्करी से जुड़ा मामला है। प्रदेश में मानव तस्कर गैंग सक्रिय है। यह गैंग अक्सर कंजर जाति के छोटे बच्चों को टारगेट करते हैं। परमानंद कंजर के बेटों को भी मानव तस्करों ने कहीं बेच दिया। पुलिस प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस प्रकरण में लापरवाह पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की जाए।"

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