राजस्थानः दलित नाबालिग बच्ची के साथ रास्ते में की छेड़छाड़, आरोपी फरार, पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज


dalit minor harassed
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धौलपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में सरकारी स्कूल की 15 वर्षीय दलित छात्रा के साथ रास्ते में एक युवक ने छेड़छाड़ की. लड़की ने चिल्लाकर अपने आप को किसी तरह बचाया. वहीं लड़की के चिल्लाने से आरोपी मौके से भाग निकला. यह मामला धौलपुर के बाड़ी कोतवाली थाने का है. स्थानीय लोगों ने पुलिस थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने पर जोर दिया.

द मूकनायक की टीम ने जब बाड़ी थाने में पुलिस से बात की तो उप निरीक्षक भगवान सिंह ने बताया कि इस मामले में बच्ची का बयान लिया गया है. बच्ची के साथ जो भी घटना घटी वह नोट कर ली गई है. सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बच्ची का कोर्ट में भी बयान दर्ज किया जाएगा. वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है। पॉक्सो एक्ट, एससीएसटी के साथ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और कार्रवाई की जा रही है.

उप निरीक्षक भगवान सिंह से जब पूछा गया कि आरोपी की अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है इस दौरान अगर आरोपी के तरफ से पीड़ित परिवार को किसी तरह का नुकसान पहुंचाया गया तो इस बात का जिम्मेदार कौन होगा. इस पर उप निरीक्षक ने बताया कि इस मामले को फिलहाल बाल कल्याण समिति को भेज दिया गया है. वह इस मामले को देख रहे हैं, जैसे ही बच्ची के कोर्ट में बयान हो जाता है तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी भारत में अपराध -2019 रिपोर्ट के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले राजस्थान में दर्ज किए गए. साल 2019 में 5997 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए, जिसमें 1313 नाबालिग बच्चियों के खिलाफ दर्ज हुए मामले हैं. राजस्थान में पिछले 10 साल में रिपोर्ट हुए रेप केसों की संख्या में 295 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई.

वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के आधार पर डीआईयू ने जिलेवार रिपोर्ट हुए रेप केसों की एक सूची बनाई. इस सूची में 8 सबसे खतरनाक जिले जो शामिल हैं वह इस प्रकार हैं.

जिले और मामले
राजधानी जयपुर- 507
भरतपुर- 290
अजमेर- 256
गंगानगर- 248
अलवर- 236
जोधपुर- 231
बीकानेर- 227
बांसवाड़ा- 223

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट कहती है भारत में पिछले तीन साल में बच्चों के खिलाफ 4,18,385 अपराध दर्ज किए गए. इनमें पॉक्सो एक्ट के तहत करीब 1,34,383 मामले दर्ज हुए. वहीं पॉक्‍सो (प्रोटेक्‍शन ऑफ चिल्‍ड्रेन अगेंस्ट सेक्‍सुअल ऑफेंस) जैसे कड़े कानून के बावजूद भारत में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों साल दर साल इजाफा हो रहा है. साल 2020 की रिपोर्ट की बात करें तो देश में बाल यौन शोषण के 47,221 मामले दर्ज किए गए.

गौरतलब है कि यौन शोषण से बचाने के लिए नौ साल पहले पॉक्सो एक्ट को बनाया गया था. लेकिन सवाल वही है कि नौ साल पहले बने कानून पर किस तरह से काम किया गया. क्योंकि एनसीआरबी की जो रिपोर्ट सामने आई है वह कुछ और ही बयां करती है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में 36,321 से बढ़कर 2020 में 47 हजार मामले दर्ज किए गए. यह 31 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 36 प्रतिशत मामले ही पॉक्सो के तहत दर्ज होते हैं.

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