राजस्थानः दलित बलात्कार पीड़िता न्याय के लिए लगा रही पुलिस अधिकारियों के चक्कर

एक पखवाड़े से अधिक समय बीता, आरोपी की नहीं हुई गिरफ्तारी, एनसीआरबी के आंकड़ें भी बता रहे प्रदेश में बढ़ रहा दलितों पर अत्याचार।
राजस्थान। आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस अधिकारियों से मिलने पहुंची दलित बलात्कार पीड़िता।
राजस्थान। आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस अधिकारियों से मिलने पहुंची दलित बलात्कार पीड़िता।The Mooknayak
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जयपुर। प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल में आई एनसीआरबी की रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि हुई है। ताजा मामला डीडवाना से है, जहां आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बलात्कार की शिकार दलित महिला पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। वहीं कोटा शहर में एक दलित युवक की हत्या कर दी गई। कोटा में मृतक के परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी व पचास लाख मुआवजा राशि की मांग की है, लेकिन अभी तक मांगे पूरी नहीं हुईं।

डीडवाना जिले के मौलासर थाना क्षेत्र के एक गांव में दलित महिला के साथ बलात्कार की घटना हुई। आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से अब पीडि़ता ने पुलिस के आलाधिकारियों से मुलाकात कर न्याय की मांग की है। हालांकि पीड़िता को पुलिस उच्चाधिकारियों से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

पीड़िता दलित सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अतिरक्ति पुलिस अधीक्षक यौगेन्द्र फौजदार के पास पहुंची। जहां लिखित शिकायत देकर बताया कि उसका पति रोजगार के लिए विदेश में है। अकेली होने पर मौका पाकर आरोपी मंगल सिंह घर में घुस गया और डरा धमकाकर बलात्कार किया। इस दौरान आरोपी ने अश्लील वीडियो और फोटो बनाया। इसके बाद से आरोपी लगातार वीडियो वायरल करने की धमकियां देकर बलात्कार करता रहा।

आरोपी की हरकतों से तंग आकर गत 23 नवंबर को पीडि़ता ने मौलासर थाने में बलात्कार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवाई। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी खुला घूम रहा है। आरोपी और उसके परिजन महिला पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

पुलिस अधिकारियों से मिले समाज के लोग

सामाजिक कार्यकर्ता हरीश मेहराड़ा ने बताया कि दलित महिला के साथ बलात्कार की घटना को लंबा समय बीतने के बाद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही है। आरोपी सर्वण जाति से है। इस लिए न्याय में देरी हो रही है। समाज के लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की है।

इधर, पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच अधिकारी वृताधिकारी धर्मसिंह पूनिया की मां का देहांत होने के कारण आरोपी की गिरफ्तारी में देरी हुई है। दोष सिद्ध होने पर आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा।

कोटा शहर के उद्योगनगर में दलित युवक की हत्या

इसी तरह कोटा शहर के उद्योगनगर पुलिस थाना इलाके में एक दलित युवक की हत्या का मामला सामने आया है। हत्या का कारण पुरानी रंजिश है। फिलहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। बदमाशों ने राहुल वाल्मीकि नामक युवक की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल में की मोर्चरी में रखवा दिया।

राजस्थान। कोटा में दलित की हत्या के बाद थाने के बाहर प्रदर्शन करते वाल्मीकि समाज के लोग।
राजस्थान। कोटा में दलित की हत्या के बाद थाने के बाहर प्रदर्शन करते वाल्मीकि समाज के लोग। The Mooknayak

युवक की हत्या का पता चलते ही वाल्मीकि समाज के लोगों की भीड़ जमा हो गई। मोर्चरी के बाहर समाज के लोग प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान समाज के नेता विकास नरवाल ने 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग उठाई। पुलिस ने बताया कि मृतक राहुल वाल्मीकि का पड़ोस में रहने वाले सुनील उर्फ बाबू और वीरेन्द्र से पुराना विवाद चल रहा था, जिसका बदला लेने के लिए राहुल की हत्या कर दी गई। वहीं पुलिस ने दोनों आरोपियों को राउंडअप कर लिया है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट भी कर रही इशारा

दलित अधिकार केंद्र निदेशक एडवोकेट सतीश कुमार कहते है कि राजस्थान में दलितों पर अत्याचार के अपराध निरंतर बढ़ रहे हैं। वर्ष 2022 की एनसीआरबी के अपराध के आंकड़े भी चिन्ताजनक है। जातिगत भेदभाव व छुआछूत को समाप्त करने के लिए छुआछूत उन्मूलन अधिनियम 1955 में बनाया गया जो अभी भी लागू है, लेकिन उक्त कानून में एक भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, जो चिन्ता का विषय है। इस कानून के प्रति पुलिस प्रशासन में जागरूकता व संवेदनशीलता का अभाव है। जिसके कारण उक्त कानून में एक भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होना पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान लगाता है।

8752 अपराध के मामले दर्ज

एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय पर 8752 अत्याचार के प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 4483 प्रकरण आईपीसी में दर्ज किए गए। 70 प्रकरण बलात्कार, 595 प्रकरण पोक्सो प्रकरण के दर्ज किए गए। कुल 658 प्रकरणों में बलात्कार की घटनाएं हुईं। 41 प्रकरणों में अपहरण कर हत्या की गई। 138 प्रकरणों में हत्या के प्रयास में रिपोर्ट दर्ज की गई, 99 हत्या के प्रकरण दर्ज हुए इस प्रकार से उक्त आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि दलितों पर अत्याचारों में कोई कमी नहीं आई है।

राजस्थान। आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस अधिकारियों से मिलने पहुंची दलित बलात्कार पीड़िता।
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