राजस्थान: दलित IPS हो या आम व्यक्ति, शादी में घोड़ी पर चढ़ना क्यों नहीं पचा पा रहे जातिवादी समाज के लोग

दलित IPS हो या आम व्यक्ति, शादी में घोड़ी पर चढ़ना क्यों नहीं पचा पा रहे जातिवादी समाज के लोग / द मूकनायक
दलित IPS हो या आम व्यक्ति, शादी में घोड़ी पर चढ़ना क्यों नहीं पचा पा रहे जातिवादी समाज के लोग / द मूकनायक
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रिपोर्ट- अविनाश बराला

किसी घटना की आशंका में सतर्कता के लिए, राजस्थान में एक दलित आईपीएस अधिकारी को अपनी शादी में घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने के लिए प्रशासन से लेनी पड़ी मदद। दलितों की शादी में कथित सवर्ण जातियों द्वारा अबतक होते आए हस्तक्षेप से लोगों की बीच भय का माहौल।

राजस्थान। देश के अलग-अलग हिस्सों से अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं कि दलित समाज के लोगों को घोड़ी पर बैठने नही दिया जाता है। घोड़ी पर बैठकर बंदोरी (बारात) निकालने पर उनके साथ मारपीट की जाती या उन्हें जान से मार दिया जाता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या दलित होना गुनाह है? क्या उन्हें सिर्फ इसलिए मारा-पीटा जायेगा कि वह एक दलित हैं? अभी हाल ही में एक ऐसा ही ताजा मामला राजस्थान से प्रकाश में आया है।

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आजादी के बाद गांव में पहली बार निकली दलित की बिंदोरी

मामले की जानकारी होने पर मूकनायक टीम सूरजपुरा गाँव जा पहुंची जो विराटनगर विधानसभा, जयपुर में स्थित है। वहाँ के दलित परिवार के भीम आर्मी के सक्रिय कार्यकर्ता विनोद ने बताते हैं कि, उन्हें भी पुलिस जाब्ते में बंदोरी निकालनी पड़ी थी (पुलिस सुरक्षा के बीच बारात निकली गई)।

विनोद ने बताया कि, "मेरी शादी अप्रैल 2021 में थी, जब मैंने बंदोरी निकालने की इच्छा जाहिर की तो गांव के ही राजपूत जाति (सवर्ण जाति) के लोगों द्वारा मुझे जान से मारने की धमकी दी गई और मेरे परिवार पर हमारी जाति को लेकर टिप्पणियाँ की गईं।"

"इसी दौरान भीम आर्मी प्रमुख भाई चंद्रशेखर आजाद भी मेरे साथ आये और उन्होंने भी मुझसे बात की, फिर मैंने मदद मांगी और पुलिस ने मुझे सुरक्षा मुहैया करवाई और भारी पुलिस जाब्ते के साथ मेरी बंदोरी निकाली गई।" विनोद द मूकनायक को बताते है।

अपनी शादी के संघर्षों को याद करते हुए विनोद बताते हैं कि, "मेरी शादी में समाज के अनेक युवा क्रांतिकारी साथी और भीम सेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर व अनेक सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता आये और ससम्मान मेरी बंदोरी निकाली गई, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई पर पुलिस के जाने के बाद मेरी शादी के कुछ ही दिनों के बाद गांव के उन्हीं लोगों द्वारा मुझे और मेरे परिवार को बार-बार नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है और हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। एक बार तो हमारे कच्चे घर में आग तक लगा दी गई थी, और आज तक हमें डर के माहौल में जीना पड़ रहा है।"

वीडिओ रिपोर्ट यहां देखें:

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