राजस्थानः 2 अप्रैल को जयपुर में दलित-आदिवासी महापंचायत का आयोजन

प्रदेश व देशभर से समाज के लोग पंचायत में करेंगे शिरकत, एक जाजम पर बैठ कर समाज उत्थान पर करेंगे चर्चा
सांकेतिक
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जयपुर। दलित-आदिवासी महापंचायत के बहाने आगामी 2 अप्रैल को बहुजन समाज अधिकार दिवस मना रहा है। इसकी तैयारियां की जा रही है। राजधानी जयपुर के मानसरोवर मैदान में होने जा रही दलित-आदिवासी महापंचायत में पहली बार दलित और आदिवासी समाज लाखों की संख्या में एक जाजम पर बैठकर समाज की एकता और अखंडता पर मन्त्रणा करने जा रहा हैं।

ऐसे में राजनीतिक फलक पर दलित-आदिवासी महापंचायत को बहुजन शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। यहां लाखों की संख्या में बहुजन एकत्रित होकर अपने अधिकारों को लेकर सरकारों से मुतालबा करने वाले है। यही वजह है कि महापंचायत आयोजन समिति ने यहां कोई मंच नहीं बनाकर समाज के हर वर्ग को आमंत्रित किया है। चाहे वह मजदूर हो या फिर अफसर। समाज की जाजम पर सब बराबर बैठेंगे। आयोजन से जुड़े रोशन मूंडोतिया कहते हैं कि यहां सब अतिथि है। उन्होंने कहा कि आयोजन समिति ने समाज के मौजूदा संसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों से महापंचायत में समर्थन मांगा है।

मूंडोतिया आगे कहते हैं कि समाज में ’मैं बड़ा’ की सोच को खत्म करने के लिए दलित- आदिवासी महापंचायत समिति के मुख्य संयोजक सेवानिवृत आईएस डॉ. बीएल आर्य के नेतृत्व में सभी दो दर्जन सह संयोजकों की सहमति से तय किया गया कि महापंचायत में केवल डायस पर माइक होगा। पीछे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और आदिवासी महापुरुष बिरसा मुंडे की तस्वीर लगा बेनर होगा। इनके साथ 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद आंदोलन में जान गंवाने वाले लगभग एक दर्जन शहीदों की तस्वीर होगी। इन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

राजनीतिक पार्टी के प्रचार पर होगी पाबन्दी

राजधानी जयपुर में 2 अप्रैल को आयोजित होने वाली दलित-आदिवासी महापंचायत समिति से जुड़े एवं अधिकार मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रोशन मूंडोतिया ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि महापंचायत में समाज सांसद व विधायकों से भी सवाल पूछेगा की आखिर उन्होंने समाज के अधिकार के लिए सरकार से क्या काम करवाये। उन्हें समाज की जाजम पर सवालों के जवाब देने होंगे। उन्होंने कहा कि इस लिए समिति ने किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को न्योता नहीं दिया। समाज की महापंचायत में जो स्वेच्छा से आना चाहे आ सकता है। सभी को समानता से समाज की जाजम पर बैठना होगा।

यह प्रमुख मुद्दे होंगे महापंचायत में

आयोजन समिति के अनुसार 2 अप्रैल को जयपुर में आयोजित दलित-आदिवासी महापंचायत में मुख्य रूप से 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद आंदोलन व कांकरी डूंगरी प्रकरण के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी, दलित और आदिवासियों को जनसंख्या के अनुपात में एससी को 16 की जगह 18 प्रतिशत व एसटी को 12 की जगह 14 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने, दलित आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार अंकुश लगाने के लिए कड़े कानून, दलित और आदिवासियों की भूमियों को अतिक्रमियों से मुक्त कराने तथा भूमिहीन समाज को भूमि आवंटन की मांग रखी जाएगी। इसके अलावा समाज की एकता व अखंडता तथा समाज का आर्थिक व राजनीतिक उत्थान पर विचार-विमर्श होगा।

भीम आर्मी एकता मिशन संगठन ने भी 2 अप्रैल को जयपुर में दलित-आदिवासी महापंचायत की आयोजन समिति को पत्र लिख कर समाज के कई और महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के सुझाव दिए हैं। भीम आर्मी एकता मिशन के प्रदेश प्रभारी अनिल घेनवाल ने पत्र के माध्यम से आयोजन समिति को सुझाव दिया कि 2 अप्रैल को जयपुर में होने जा रही इस महापंचायत में कार्तिक भील, जितेंद्र मेघवाल, इंद्र मेघवाल, ओमप्रकाश रैगर, की नृशंस हत्याओं पर न्याय और मुआवजे में कांग्रेस सरकार द्वारा जातीय भेदभाव किए जाने के मुद्दे को उठाते हुए पीडि़त परिवारों को एक एक करोड़ की मुआवजा राशि के साथ परिवार के एक एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी रखी जाए।

पत्र में आगे लिखा कि पीडि़त परिवारों की सुरक्षा की समुचित व्यवस्था करने, हर्षधिपति वाल्मीकि जिस पर कांग्रेस सरकार के विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा एवं उनके गुंडों ने दिनदहाड़े ऑन ड्यूटी हमला कर घायल किया था को भी एक करोड़ मुआवजा देने व सभी आरोपियों को जेल में डालने की मांग भी रखी जाए।

इसी तरह एससी, एसटी एक्ट की मुआवजा राशि बढा कर 30 लाख रुपए करने, उत्पीड़न करने वालो की संपत्ति जब्त किए जाने का विशेष कानून बनाने, स्कूल और कॉलेज शिक्षा सहित सभी विभागों में आरक्षण नीति को लागू करने के लिए रोस्टर संधारित कर बैकलॉग पूरा किया जाने, आरवीआरईएस 2010 की भर्तियों की एवज में एससी, एसटी के बैकलॉग को तत्काल भरने, 28 हजार कोविड सहायक के पदों में आरक्षण सुनिश्चित कर स्थायी करने, एससी, एसटी स्कॉलरशिप को मैट्रिक स्तर पर न्यूनतम 20 हजार, मेट्रिकोत्तर पर 50 हजार, साइंसेज और तकनीकी शिक्षा में वार्षिक एक लाख रुपए करने, वर्षो से लंबित छात्रवृत्ति का तत्काल भुगतान मरने तथा विदेश पढ़ने के लिए विदेश भेजे जा रहे छात्रों में संवेधानिक आरक्षण लागू करने, टीएसपी क्षेत्र में रिक्त रहे आरक्षित पदों पर सामान्य से नहीं भरकर स्थानीय लोगों से भरे जाने तथा शहीद पवन झाड़ोली के माता पिता को महापंचायत में बुलाकर सम्मानित करने के सुझाव भी दिए हैं।

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