प्रो. विक्रम के जान माल की सुरक्षा हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षा मुहैया कराया जाए: सामाजिक संगठन

अधिवक्ताओं और समाजिक संगठन के लोगों ने प्रो. विक्रम की छवि को धूमिल करने वाले दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है. उन्होंने कहा कि डॉ. विक्रम पर दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाय.
प्रो. विक्रम के जान माल की सुरक्षा हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षा मुहैया कराया जाए: सामाजिक संगठन
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लखनऊ: प्रयागराज में शनिवार को सिविल लाइंस में प्रो. विक्रम हरिजन (इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद) के समर्थन में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन करते हुए सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, कमिश्नररेट प्रयागराज को सम्बोधित ज्ञापन सिविल लाइंस थाना अध्यक्ष को सौंपा।

धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि, आज प्रदेश और देश में कानून का राज्य पूरी तरह से खत्म हो चुका है, चारों तरफ भय और आतंक का वातावरण बना हुआ है. एक तरफ जहां नई शिक्षा नीति सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन कर रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर निर्दोष छात्रों को जेलों बंद किया जा रहा है, उन्हें स्वयं प्रॉक्टर द्वारा जातिसूचक गाली गलौज करते हुए बर्बर तरीके से लाठियों द्वारा पीटा जा रहा है, छात्रों को विश्विद्यालय में प्रवेश प्रतिबंध करते हुए निलंबित किया जा रहा है। भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकारों का प्रयोग करते हुए अनुसूचित जाति के स्वच्छ व लोकप्रिय छवि वाले प्रो. सोशल मीडिया पर अपने निजी विचार शेयर कर रहे हैं तब उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.

विदित हो कि कुछ दिन पूर्व प्रो. विक्रम ने सोशल मीडिया पर अपने व्यक्तिगत विचार शेयर/पोस्ट किया थे. जिसका सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने विरोध किया था. उसके बाद लोगों की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रो. विक्रम ने सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने माफी भी मांग लिया है.

प्रो. विक्रम के समर्थन में जुटे सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया कि, डॉ. विक्रम के अनुसूचित जाति के होने, स्वच्छ छवि के कारण व इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों में अत्यधिक लोकप्रिय होने से कुछ लोग प्रो. विक्रम से द्वेष भावना रखते हैं, इसी द्वेष भावना के कारण इन लोगों ने डॉ. विक्रम के सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने के बावजूद भी थाना कर्नलगंज, प्रयागराज में मिथ्या, कपोल कल्पित मुकदमा लिखा दिया है। अब असामाजिक तत्वों/आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा प्रो. विक्रम पर जानलेवा हमला करने/कराने की आपराधिक साजिश रचा जा सकता है. इसी भयवश जहां एक ओर प्रो. विक्रम की तबीयत खराब हो गई है वहीं दूसरी ओर आगामी दिनों में अध्यापन कार्य न कर पाने के कारण छात्रों का भविष्य खराब होगा और प्रो. विक्रम के आमख्याति की क्षति होंगी. प्रो. विक्रम के अध्यापन कार्य/सेवा शर्तों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए हम लोग जिलाधिकारी महोदय/पुलिस आयुक्त, कमिश्नरेट प्रयागराज से हम लोग मांग करते हैं कि प्रो. विक्रम हरिजन की जान माल की सुरक्षा हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षा मुहैया कराई जाय। प्रो. विक्रम की छवि को धूमिल करने वाले दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय, और प्रो. विक्रम पर दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाय।

धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से डॉ. कमल उसरी, नागरिक समाज इलाहाबाद, आर पी कैथल, एलआईसी, राम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष- डॉ अंबेडकर विचार एकता मंच, अधिवक्ता अन्नू सिंह, त्रिलोकी पटेल, सचिव -इफको फूलपुर ठेका मजदूर संघ, अधिवक्ता श्याम चन्द्र पाल, मनोज कुमार चौधरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष- अम्बेडकर मिशन इंडिया, अधिवक्ता श्याम जी बौद्ध, विवेक कुमार, इलाहाबाद जिला अध्यक्ष आइसा, अधिवक्ता कमलेश कुमार चौधरी, चंदन कुमार, शोध छात्र- इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अधिवक्ता अखिलेश भारती,अधिवक्ता अवनीश यादव, अधिवक्ता राकेश भारती, अशोक कुमार इत्यादि लोग शामिल रहें. धरने की अध्यक्षता राम सिंह और संचालन डॉ. कमल उसरी ने किया।

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