प्रो. दिलीप मंडल ने बताया कि लोकतंत्र में कैसे काम करता है, जो लोकतंत्र में लोगों की भावना है उसको ध्यान में ही रखकर अभी भी बच्ची को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर हैं. उन्होंने कहा कि बच्ची उस वक्त अनाथ हुई जब मैन स्ट्रीम मीडिया ने उस मामले को छोड़ दिया था. लेकिन जिस तरह से बुहजन मीडिया ने, बहुजन लोगों और नेताओं ने इस मामले को पकड़ा हुआ है. हर आदमी की जान की बराबर कीमत है यह बात संविधान और कानून बोलता है, व्यवहार में हर जान की कीमत बराबर नहीं है क्योंकि निर्भया केस में एक मीडिया संस्थान को यह भ्रम हो गया था कि वह लड़की सर्वण हैं लेकिन यह बात बिलकुल सच नहीं है. जबतक इस बात का खुलासा हुआ तबतक काफी देर हो चुकी थी. हमारे देश में यह बहुत ही शर्मनाक है कि अब कास्ट, जगह, क्लास और दिल्ली में किस जगह की लड़की है यह बहुत की शर्मनाक है कि यह सब देखकर लोग सामने आते हैं.