जयपुर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के श्री करणपुर पुलिस थाना क्षेत्र के दलित युवती यौनशोषण मामले में अभी भी दो मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है। वांछित दोनों आरोपियों को पुलिस ढाई महीने बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई। इससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। दलित संगठनों के दबाव के चलते पुलिस ने वांटेड आरोपियों के शहर में पोस्टर लगाए हैं।
गत दिनों पीड़ित युवती खुद को अनुसूचित जाति की होने के कारण पुलिस पर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने के आरोप लगा चुकी है। यहां आपको बता दें की वांछित आरोपियों की राजनेताओं से निकटता होने के आरोपों के साथ एक भाजपा नेता के साथ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हो चुकी है। ऐसे में युवती का आरोप है कि कहीं न कहीं आरोपियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि दबाव के चलते पुलिस ढाई महीने बाद भी आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है।
हालांकि पुलिस ने आरोपों को नकारते हुए दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश देने का दावा किया है। इतना ही नहीं पुलिस ने अब थाना इलाके में आरोपियों के पोस्टर भी चस्पा कर दिए हैं। पुलिस ने वांछित आरोपियों की सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखने के भरोसे के साथ कॉन्टेक्ट नम्बर भी जारी किए हैं।
पुलिस के अनुसार, एक 25 वर्षीय युवती ने 20 नवंबर 2022 को रिपोर्ट पेश कर जगतार सिंह, महावीर जाट व साहिल अरोड़ा को नामजद करते हुए श्रीगंगानगर के श्री करणपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था। पुलिस के अनुसार पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि जगतार सिंह निवासी 4 एफएफ से 3 साल पहले उसकी जान पहचान हुई थी। इस बीच आरोपी ने उसके साथ गलत काम करते हुए आपत्तिजनक वीडियो बनाई। बाद में आपत्तिजनक वीडियो को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दी। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरपीएस अधिकारी को जांच सौंपी। प्रारम्भिक जांच में पुलिस के कई अहम वीडियो भी हाथ लगे हैं।
इस पूरे मामले में राजनैतिक दबाव में पुलिस पर आरोपियों को बचाने के आरोप भी लगे हैं। पीड़ित युवती का आरोप है कि आरोपी साहिल आरोड़ा की राजनेताओं के साथ घनिष्ठता है। सूत्रों की माने तो आरोपी साहिल पहले कांग्रेस का सदस्य था। स्थानी एक नेता से अनबन के बाद अपने घर पर हुए कार्यक्रम में दर्जनों लोगों के साथ भाजपा की सदस्यता ली थी। आरोपियों की राजनैतिक पहुंच की चर्चा भी आम है।
श्रीकरणपुर थानाधिकारी बलवंत सिंह ने बताया कि 20 नवंबर 2022 को एक दलित युवती द्वारा लंबे समय तक देह शोषण कर उसकी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल प्लेटफॉर्मस पर वायरल करने के मामले में वांछित दो आरोपियों को पकड़ने के लिए पोस्टर चस्पा किए गए हैं। इस मामले में धारा 376 तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। मुख्य आरोपी साहिल अरोड़ा उर्फ भिंडी निवासी श्रीकरणपुर व जगतार सिंह निवासी 4 एफ एफ वांछित है। गिरफ्तारी के लिए फोटो सहित पोस्टर विभिन्न स्थानों पर पुलिस द्वारा लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि, उक्त प्रकरण में हाल ही में पीड़ित युवती ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर अपनी जान माल की सुरक्षा सहित न्याय की गुहार लगाई थी। इस मामले में हालांकि पुलिस ने महावीर जाट नामक एक अभियुक्त को राउंडअप भी कर रखा है जिससे पूछताछ जारी है लेकिन दो मुख्य अभियुक्त अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर होने पर पुलिस ने अभियुक्तों की फोटो सहित पोस्टर चस्पा किए हैं। पुलिस गंभीरता से जांच में जुटी हुई है। इस संबंध में द मूकनायक ने पीड़ित युवती के सोशल मीडिया पर पुलिस पर आरोप लगाते वायरल वीडियो में दिए बयान की सत्यता जानने के लिए सम्पर्क करना चाहा, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका।
पीड़िता ने कहा कि यदि उसकी जगह किसी अन्य जाति की लड़की होती तो अब तक लोग सड़कों पर आ गए होते। बाजार बंद कर दिए होते, लेकिन अनुसूचित जाति से होने से एसपी व आईजी भी उसकी नहीं सुन रहे हैं। पीड़िता का पुलिस पर आरोपों के साथ गुहार लगाते वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने एक युवती सहित महावीर जाट को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि दो नामजद आरोपी अभी भी पुलिस पकड़ से दूर हैं।
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