उत्तर प्रदेश: एससी/एसटी मुकदमे में समझौता कराने के लिए पुलिस बना रही थी दबाव, दलित छात्र को देनी पड़ी जान! ग्राउंड रिपोर्ट...

सुसाइड नोट में लिखा- दरोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल व सिपाही मोहित शर्मा ने फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए मांगे थे 50 हजार, नहीं दिए तो मामले में लगाई चार्जशीट, मृतक के शव का सोमवार को गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
उत्तर प्रदेश: एससी/एसटी मुकदमे में समझौता कराने के लिए पुलिस बना रही थी दबाव, दलित छात्र को देनी पड़ी जान! ग्राउंड रिपोर्ट...
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लखनऊ। "माल रहीमाबाद थाना भ्रष्ट है...। मुझ पर झूठा केस दर्ज किया...। फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए दारोगा राजमणिपाल व लल्लन प्रसाद पाल व सिपाही मोहित शर्मा ने 50 हजार रुपए मांगे...। नहीं दिए तो चार्जशीट लगा दी", ऐसा लिखकर माल के गहदो निवासी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे दलित छात्र आशीष कुमार रावत (22) ने गत रविवार दोपहर करीब 12 बजे खुदकुशी कर ली। शव कमरे में पंखे के कुंडे से लटका मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सोमवार को लखनऊ स्थित मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम कराया। देर शाम मृतक के पैतृक गांव में गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इससे पहले महकमे की किरकिरी होती देख पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने गत रविवार रात साढ़े 8 बजे दोनों दरोगा व सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया था। साथ ही इन सबके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी। देर रात तीनों पुलिसकर्मियों समेत पांच के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। प्रभारी निरीक्षक रहीमाबाद अख्तियार अंसारी के मुताबिक गहदों निवासी मयंक रावत ने दोपहर करीब एक बजे पुलिस को सूचना दी कि उसके भाई आशीष ने खुदकुशी कर ली है। मौके पर पहुंची पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला था। इधर, आशीष की मां सुशीला ने थाने में तहरीर देकर दारोगा राजमणि पाल व लल्लन प्रसाद पाल व सिपाही मोहित शर्मा के साथ ही बकतौरीपुर निवासी नंदू विश्वकर्मा व श्यामलाल के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी। मृतक के भाई मयंक ने द मूकनायक को बताया कि आशीष सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था।

मृतक के घर पर लगी भीड़
मृतक के घर पर लगी भीड़फोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

शव को देख बिलख पड़ी मां, भाइयों का हुआ बुरा हाल

पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। अपराह्न करीब तीन बजे परिजन शव को लेकर पैतृक गांव गहदो पहुंचे। यहां पहले से ही ग्रामीणों की भारी भीड़ थी। मां बेटे के शव को देखकर बिलख पड़ी, भाइयों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया। ग्रामीणों में घटना को लेकर भारी आक्रोश था।

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केन्द्रीय मंत्री व उनकी विधायक पत्नी के खिलाफ लगे नारे

इधर, घटना की जानकारी मिलने पर केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी व मलिहाबाद विधायक पीड़ित परिवार को सांत्वना देने मृतक के घर पहुंची। यहां स्थानीय लोगों ने विधायक को जमकर खरीखोटी सुनाई वहीं विरोध में नारे लगाए। स्थानीय लोगों का आरोप था कि क्षेत्र में लगातार दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़े है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि कोई भी पुख्ता कार्रवाई करते नजर नहीं आ रहे है। विधायक व उनके समर्थक आक्रोशित लोगों को शांत करते नजर आए। वहीं मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

मृतक आशीष
मृतक आशीष

दो पन्नों का मिला था सुसाइड नोट

आशीष ने दुकान में रखे एक सीमेंट कंपनी के एस्टिमेट बुक के दो पन्नों पर सुसाइड नोट लिखा था। इसमें उसने लिखा कि हमने दरोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल व सिपाही मोहित शर्मा ने कहा कि हमारे घर पर सीसीटीवी कैमरे लगे है। उनको चेक कर लो धोखे से हम सब भाइयों को सादे कागज व आधार कार्ड पर दस्तख्त करा लिए। मैं खुदकुशी करने जा रहा हूं। रहीमाबाद थाना पूरा भ्रष्ट है।

एसपी मलिहाबाद करेंगे जांच

एडीसीपी चिरंजीवनाथ सिन्हा के मुताबिक तीनों पुलिसकर्मियों समेत पांच आईपीसी की धारा 306(आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही एससी/एसटी एक्ट की धाराएं जोड़ी गई है। एडीसीपी ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर तीन नामजद और दो अन्य पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच एसीपी मलिहाबाद वीरेन्द्र विक्रम सिंह को सौंपी गई है।

वह मामला, जिसने आशीष को जान देने पर मजबूर किया

सुशीला के मुताबिक 8 दिसम्बर 2018 को आशीष पिता महादेव के साथ नंदू विश्वकर्मा की दुकान पर ट्रॉली खरीदने गया था। वहां पर किसी बात पर नंदू से कहासुनी हो गई। इसपर नंदू के मजदूरों ने आशीष के सिर पर सरिया से वार कर घायल कर दिया था। पिता महादेव ने नंदू व उसके मजदूरों पर माल थाने में केस दर्ज कराया था। इस मुकदमें में समझौते के लिए नंदू लगातार आशीष व उसके पिता महादेव पर दबाव बना रहा था। सुशीला का आरोप है कि समझौता नहीं करने पर नंदू ने शिवपुरी निवासी अपने मित्र श्यामलाल से रहीमाबाद थाने में 28 सितम्बर 2022 को एक तहरीर दिलवाई। इसमें श्यामलाल ने बताया कि वह महादेव के घर में स्थित मौरंग व गिट्टी की दुकान में सामान खरीदने गया था। वहां खरीदारी के दौरान आशीष व उसके भाई मयंक ने मारपीट की।

मृतक आशीष की मां सुशीला देवी
मृतक आशीष की मां सुशीला देवीफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

अंतिम रिपोर्ट लगाने के लिए पैसे नहीं देने पर धमकाने लगे

सुशीला का आरोप है कि दारोगा राजमणि पाल, लल्लन प्रसाद पाल, सिपाही मोहित शर्मा ने आशीष व मयंक पर दर्ज केस में अंतिम रिपोर्ट लगाने की बात कही। इसके लिए तीनों ने 50 हजार रुपए की मांग की। कहा कि रुपए दे दो मुकदमें को खत्म कर दूंगा। रुपए देने से इंकार करने पर धमकी देने लगे। इसके बाद दूसरे पक्ष से मिलकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।

चार्जशीट से नौकरी मिलने में दिक्कत होगी

मां सुशीला के मुताबिक केस में चार्जशीट लगने के बाद आशीष डिप्रेशन में चला गया। उसे हर वक्त यही चिंता सताती रहती की इसकी वजह से उसे सरकारी नौकरी मिलने में दिक्कत होगी। वह अक्सर कमरे में गुमशुम बैठा रहता या रोता रहता था।

पोस्टमार्टम के बाद शव को ले जाते परिजन
पोस्टमार्टम के बाद शव को ले जाते परिजन

लिखित आश्वासन के बाद किया अंतिम संस्कार

पीड़ित परिवार ने मृतक के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई। मामला गरम होता देख मलिहाबाद और माल थाने की पुलिस भी बुलानी पड़ी। एसीपी मलिहाबाद मौके पर पहुंच गए। लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे। मौके पर मौजूद विधायक ने एसडीएम मलिहाबाद को फोन करके मौके पर बुला लिया। एसडीएम मलिहाबाद ने मौके पर पहुंचकर परिवार को सुरक्षा एक सरकारी नौकरी और आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिखित आश्वासन पर परिजन मान गए। इसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

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