दलित का हाथ काटने का मामला, कलेक्टर ने दिए सिर्फ दो लाख रुपए, डॉक्टर ने कहा हफ्ते भर बाद पता चलेगा हाथ जुड़ेगा या नहीं

अशोक साकेत की हालत गम्भीर बनी हुई है।
अशोक साकेत की हालत गम्भीर बनी हुई है।
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रीवा। मूकनायक टीम के लगातार प्रयासों से दलित मजदूर का हाथ काटने का मामला अब आम जनता का मुद्दा बन गया है। ट्विटर पर भी बहुजन समाज ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया है। मगर दलित मजदूर अशोक साकेत तक सिर्फ दो लाख रुपए पहुंचे हैं।

मूकनायक टीम लगातार अशोक साकेत के परिवार के साथ सम्पर्क में है। 24 नवम्बर दिन बुधवार को अशोक साकेत के मामा से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि क्षेत्र के विधायक मिलने आए थे। मदद का आश्वासन देकर गए हैं। साथ ही जिला कलेक्टर भी आए थे जिन्होंने दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता की है।

हाथ जुड़ने में संशय-

मजदूर के मामा के मुताबिक डॉक्टरों का कहना है कि एक हफ्ते बाद ही पता चल पाएगा कि अशोक का हाथ जुड़ेगा या नहीं। दवा चल रही है लेकिन अशोक न कुछ बोल पा रहे हैं न ही खा पा रहे हैं। पूरा परिवार बहुत परेशान है। 2 लाख रुपए से इलाज तो चल रहा है लेकिन चिंता इस बात की है कि अगर हाथ ठीक न हुआ तो आगे की ज़िंदगी कैसे चलेगी।

क्या है पूरा मामला-

घटना मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सिरमौर थाना क्षेत्र की है। अशोक साकेत नाम के एक दलित मजदूर का हाथ गणेश मिश्रा नाम के एक आदमी ने काट दिया। अशोक साकेत के सगे बड़े भाई शिवकुमार साकेत ने द मूकनायक के साथ पूरी बात साझा की। उन्होंने बताया कि 20 नवम्बर शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे अशोक घर से कहकर निकले कि उन्हें गणेश मिश्रा ने मजदूरी देने के लिए बुलाया है। अशोक अपने साथ एक दोस्त को भी ले गए थे। जब अशोक वहां पहुंचे तो गणेश मिश्रा ने अशोक को गालियां दीं। शिवकुमार के मुताबिक अशोक से गणेश मिश्रा ने कहा, 'तुम साले चमार, तुम्हारा कोई पैसा नहीं है यहां, भागो यहां से'। इसपर जब अशोक ने अपनी मजदूरी देने की ज़िद की तो गणेश अपने घर के अंदर से तलवार निकाल लाया। गणेश ने अशोक की गर्दन पर वार किया। अशोक ने बचने के लिए हाथ आगे किया तो उसका हाथ कटकर गिर गया। एक कान भी कटा है और गर्दन पर गहरा घाव है। इसके बाद लहुलुहान हालत में अशोक के साथ गए दोस्त ने उसे गाड़ी पर बैठाया और सिरमौर ले आए। यहां उनकी मरहम पट्टी की गई लेकिन हालत गम्भीर होने की वजह से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था।

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