MP: बरोदिया नोनागिर दलित हत्याकांड की कहानी संदिग्ध, चाचा का शव ले जाते भतीजी की मौत!

अंजना ने साल 2019 में गाँव के ही कुछ लोगों पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपी समझौता का दबाव बना रहे थे, साल 2023 में उसके भाई की हत्या गई थी।
  मृतक अंजना अहिरवार.
मृतक अंजना अहिरवार. फाइल फोटो
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले के खुरई ग्रामीण अंतर्गत बरोदिया नौनागिर गांव में बीते रोज चाचा-भतीजी की मौत हो गई। दो पक्षों के झगड़े में रविवार तड़के पहले चाचा की मौत हो गई। पीएम के बाद शव लेकर जा रही भतीजी अंजना अहिरवार ने एंबुलेंस से कूदकर अपनी जान दे दी, यह बात पुलिस की ओर से कही जा रही है, लेकिन एम्बुलेंस से लड़की का कूदना और उसकी मौत हो जाना। पुलिस की इस कहानी में झोल नजर आ रहा है।

पिछले साल बरोदिया नौनागिर में इसी दलित परिवार में एक हत्या हुई थी। जिसके बाद आरोपियों की ओर से लगातार राजीनामा के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस मामले से जुड़े आरोपी, भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह के नजदीकी रिश्तेदार हैं। इसके कारण इस पूरे प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते रहे हैं।

बरोदिया नोनागिर गांव में दलित युवक की हत्या के पुराने मामले में राजीनामा करने की बात को लेकर दो पक्षों में गत शनिवार रात विवाद हो गया था। इस दौरान आरोपियों ने धारदार हथियार से राजेंद्र अहिरवार व पप्पू रजक पर हमला कर दिया। घायल पप्पू और राजेंद्र को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद राजेंद्र को गंभीर हालत में जिला अस्पताल सागर व फिर भोपाल रेफर किया गया था, लेकिन रास्ते में ही रविवार तड़के उसकी मौत हो गई।

पुलिस के मुताबिक इस घटना के बाद मृतक राजेंद्र अहिरवार की भतीजी अंजना अहिरवार अपने चाचा के शव को लेकर एम्बुलेंस से अपने गांव जा रही थी। पुलिस के अनुसार, तभी रास्ते में वह चलते हुए एम्बुलेंस से कूद गई, जिससे उसकी मौत हो गई। उसे सिर-पैर व अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। उसे जिला अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी।

हमारी पड़ताल में यह सामने आया कि मारुति बैन एम्बुलेंस में अंजना के चाचा मृतक राजेन्द्र अहिरवार का शव, मृतक राजेन्द्र के माता-पिता और ड्राइवर सहित एक पुलिसकर्मी मौजूद थे। ड्राइवर के बगल आगे की सीट पर पुलिसकर्मी आनंद खटीक बैठा था, वहीं शव के साथ आगे की तरफ मृतक के माता-पिता और पीछे वाले गेट के पास अंजना बैठी हुई थी।

द मूकनायक को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजय उइके ने बताया कि सागर से करीब 60 किलोमीटर दूर रविवार शाम 4:30 के समय, खुरई के केके पैलेस के नजदीक लड़की अचानक एम्बुलेंस के पीछे का गेट खोल के कूद गई। एम्बुलेंस के आगे खुरई ग्रामीण थाना प्रभारी, धनेंद्र यादव की गाड़ी थी। घटना के बाद वह तुंरत पहुँचे और वह घायल लड़की को खुरई अस्पताल ले गए। जहां उसे जिला अस्पताल सागर रैफर कर दिया गया।

एएसपी ने बताया कि लड़की के एम्बुलेंस से कूदने पर उसके सिर और हाथ पैरों में चोट लगी थी। सर में आई चोट से बहुत खून बह गया था। एएसपी उइके ने आगे कहा, "लड़की सागर से निकलते वक्त ही, फोन पर बात कर रही थी और मैसेज भी कर रही थी।"

द मूकनायक से सागर पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक तिवारी ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। एम्बुलेंस में मौजूद ड्राइवर, मृतक के माता-पिता के कथन लिए जा चुके है।

इस मामले को और गहराई से समझने के लिए हमने खुरई ग्रामीण थाना प्रभारी धनेंद्र यादव से बातचीत की। उन्होंने द मूकनायक प्रतिनिधि को बताया कि एम्बुलेंस में मौजद सभी लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।

मृतक के भाई ने बताई घटना

अंजना के बड़े भाई रोहित ने बताया कि शनिवार रात को नितिन की हत्या के मामले में राजीनामा करने के लिए चाचा राजेंद्र अहिरवार को आरोपी पक्ष से जुड़े पप्पू रजक के घर बुलाया गया। बातचीत के दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया। मारपीट में राजेंद्र अहिरवार बुरी तरह घायल हो गया।

खुरई सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद राजेंद्र को रविवार सुबह सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। हालत में सुधार नहीं आने के कारण भोपाल के हमीदिया अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। राजेंद्र के पिता रामसेवक अहिरवार की शिकायत पर खुरई देहात थाने में आशिक कुरैशी, बबलू बेना, इसराइल बेना, फहीम खान, टंटु कुरैशी पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

ड्राइवर ने नहीं रोकी एंबुलेंस तो सड़क पर कूद गई!

रोहित ने एक स्थानीय समाचार पत्र को यह बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद राजेंद्र का शव परिजन को सौंप दिया गया था। उसकी बहन अंजना अहिरवार समेत परिजन शव को लेकर गांव की तरफ निकले। इससे पहले फोन पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों और ग्रामीणों को बरोदिया नौनागिर से करीब 20 किलोमीटर पहले खुरई के आचार्य श्री विद्यासागर तिराहा के पास पहुंचने के लिए कहा। यहां चक्काजाम करने की बात तय हुई।

तिराहा करीब आते ही अंजना ने ड्राइवर से एंबुलेंस रोकने को कहा, लेकिन ड्राइवर नहीं माना। इसके बाद उसने चलती गाड़ी का गेट खोला और बाहर कूद गई। अंजना के शव का पोस्टमॉर्टम सोमवार सुबह सागर के बुंदेलखंड मेडिकल अस्पताल में कराया गया। खबर लिखे जाने तक मृतिका का अंतिम संस्कार नहीं हुआ था।

जानिए बीते साल का पूरा घटनाक्रम?

सागर जिले के बरोदिया नौनागिर गांव के दलित परिवार की लड़की अंजना ने साल 2019 में गाँव के ही कुछ लोगों पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। इसी मामले में समझौता का दबाव बना रहे आरोपी 24 अगस्त को इस पीड़ित लड़की के घर पहुंचे। माफीनामे की बातचीत पर एक राय नहीं बनी तो आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर, कोमल सिंह ठाकुर, आजाद सिंह ठाकुर और कुछ अन्य लोगों ने पहले दलित के घर पर तोड़फोड़ की। फिर, वहां से लौटते वक्त रास्ते में पीड़ित युवती के भाई नितिन अहिरवार को आरोपियों ने मिलकर बेरहमी से पीटा।

नितिन के साथ मारपीट की जानकारी मिलते ही मां दौड़ते हुए वहां पहुंची और अपने बेटे को बचाने की कोशिश करने लगी, आरोपियों ने पीड़ित की माँ को भी पीटा और उसके कपड़े उतार कर निर्वस्त्र कर दिया। पिटाई के कारण बदहवास स्थति में दलित युवक को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने के कारण नितिन को सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

उस समय द मूकनायक प्रतिनिधि को मृतक की 20 वर्षीय बहन ने बताया था कि 2019 में आरोपियों द्वारा मुझे परेशन किया गया था। हमने न्याय के लिए जब शिकायत दर्ज कराई तब मेरे भाई को मार डाला। बहन ने कहा कि मेरे भाई को गाँव के बाजार में आरोपी लाठी डंडों से पीटते रहे वह जमीन पर गिर पड़ा। तब भी वह पीटते रहे मेरी माँ जब भाई को बचाने पहुचीं तो उसे भी पीटा गया, माँ के कपड़े उतारे गए उसे निर्वस्त्र कर दिया गया। मृतक की बहन ने कहा था, "हर हाल में न्याय लेकर रहेंगे।"

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अंजना से बंधवाई थी राखी

पिछले साल इस घटना के पीड़ितों को न्याय दिलाने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बरोदिया नोनगिर आए थे। उस समय अंजना और उसकी मां से दिग्विजय सिंह ने राखी बंधवाई। उस समय दिग्गी बोले थे में भाई और मामा का फर्ज निभाऊंगा। आप लोगों को न्याय दिलवाकर ही दम लूंगा। आज से यह मेरा परिवार है।

अब जिस परिवार से राखी बंधवाई थी उसी परिवार में फिर हत्या हुई है। साथ ही भतीजी और दिग्विजय सिंह की मुंहबोली भांजी अंजना ने एंबुलेंस से कूदकर आत्महत्या कर ली। सोमवार को अंतिम संस्कार होगा। एक दफा फिर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बरोडिया नोनगीर आ रहे हैं।

वकील ने कहा केस मजबूत था

अंजना के भाई की हत्या के मामले में पैरवी कर रहे एडवोकेट मोहन दीक्षित ने बताया कि अंजना के भाई की हत्या के प्रकरण का वह केस लड़ रहे थे। केस मजबूत था, क्योंकि अंजना हर हाल में भाई के हत्यारों को न्याय दिलाना चाहती थी। एडवोकेट दीक्षित ने आगे कहा, "अंजना बहुत मजबूत थी, दबंग आरोपियों को सजा दिलाना चाहती थी। वह कभी भी राजीनामा के पक्ष में नहीं रही, उसे कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद थी। अचानक उसकी मौत की खबर मिली है।"

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