दलित युवाओं को बिजनेस शुरू करने के लिए लोन नहीं दे रही एमपी सरकार!

दलित युवाओं को बिजनेस शुरू करने के लिए लोन नहीं दे रही एमपी सरकार!
Published on

राज्य वित विभाग ने अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के 40 करोड़ रोके, निगम ने आवेदन प्रक्रिया रोकी।

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की दलितों के लिए संचालित योजनाएं कागजों तक सिमट कर रह गई हैं। हाल ये है की योजनाओं के लिए स्वीकृत की गई रकम का आवंटन तक नहीं हो पाया है। द मूकनायक ने इस मामले की पड़ताल की है। पढिए हमारी यह खास रिपोर्ट…

दरअसल मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को सरकार द्वारा स्वीकृत 40 करोड़ की राशि का आवंटन आज तक नहीं हो पाया है। अब अनुसूचित जाति निगम प्राप्त आवेदनों को एकत्रित कर स्वीकृत राशि का इंतजार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार राशि कब तक निगम को मिलती है यह तय नहीं है।

क्या है अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम?

अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित संचालित होता है। निगम अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और व्यवसाय से जोड़ने के लिए योजनाएं बनाता है। इन्हीं योजनाओं से एससी वर्ग के लोगों को विभिन्न प्रॉजेक्टों के तहत लोन देता है। लोन की प्रक्रिया में आवेदकों के निकटवर्ती बैंक से लोन दिलाया जाता है। जिसमें ब्याज पर छूट देने का प्रावधान निगम द्वारा दिया जाता है।

जानकारी के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम को 40 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन उक्त राशि का आवंटन आज तक निगम को नहीं हो सका। द मूकनायक ने मामले की पड़ताल करने पर पाया कि सरकार के वित्त विभाग ने यह राशि निगम में हितग्राहियों के लिए स्वीकृत तो की मगर कागजी कार्यवाहियों में राशि का आवंटन नहीं हो सका। वहीं सूत्रों के मुताबिक सरकार में बजट की कमी के कारण आवंटन में देरी हो रही है।

मुख्यमंत्री कर रहे ताबड़तोड़ घोषणाएं

मध्यप्रदेश में आगामी वर्ष 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सीएम शिवराज सिंह लगातार खुले मंचों से हर वर्ग को साधने के लिए योजनाओं की ताबड़तोड़ घोषणाएं कर रहे हैं। पूर्व में विपक्ष मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए घोषणावीर बता चुका है। आरोप लगते रहे हैं कि सीएम शिवराज घोषणाएं कर भूल जाते हैं। हालांकि अनुसूचित वित्त विकास निगम को स्वीकृत राशि का आवंटन नहीं होना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी सरकार कुक्कड़ विकास निगम को तो राशि स्वीकृत करना तक भूल गई थी।

वर्तमान में 4 योजनाएं हो रही संचालित

संत रविदास स्वरोजगार योजना

संत रविदास स्वरोजगार योजना के तहत एक लाख रुपए से पचास लाख रुपए तक के उद्योग परियोजनाएं शामिल हैं। जैसे एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग इसी तरह की अन्य परियोजनाएं। वहीं सेवा इकाई एवं खुदरा व्यवसाय प्रोजेक्ट में ब्यूटी पार्लर, वाहन मरम्मत, फुटवियर मरम्मत, किराना व्यवसाय व कपड़ा व्यवसाय के लिए परियोजना एक लाख रुपए से पच्चीस लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है। इस योजना के लिए आवेदक की शिक्षा आठवीं पास एवं न्यूनतम आयु 18 से 45 वर्ष होना अनिवार्य है। साथ ही आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 12 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना में निगम वित्तीय सहायता के लिए 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान देता है।

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना दस हजार रुपए से एक लाख तक की स्वरोजगार परियोजनाएं शामिल हैं। इस योजना में संचालित व्यवसाय के विस्तार के लिए भी लोन दिया जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष तक की होनी अनिवार्य है। इसके साथ ही आवेदक आयकर दाता न हो। निगम द्वारा स्वीकृत लोन पर वित्तीय सहायता के रूप में 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जाता है।

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के हित में विभिन्न विभागों के माध्यम से प्राप्त होने वाले विशेष परियोजना प्रस्तावों में सहायता दी जाती है। वित्तीय सहायता इसके लिए अधिकतम राशि रुपए दो करोड़ तक योजना की संपूर्ण लागत राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी।

सावित्रीबाई फुले स्वयं सहायता समूह योजना

सावित्रीबाई फुले स्वयं सहायता समूह योजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूह को इस योजना में शामिल किया गया है। जिनको दो करोड़ तक का लोन दिए जाने का प्रावधान है।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com