भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले के चर्चित बरोदिया नौनागिर दलित हत्याकांड मामले में अब मृतिका अंजना अहिरवार के भाई विष्णु अहिरवार ने पुलिस पर बिना कारण मोबाइल जब्त करने का आरोप लगाया है। द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए विष्णु ने बताया कि वह, हाल ही में चाचा राजेन्द्र अहिरवार की हत्या और बहन अंजना की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक कर्यालय सागर गए थे। वहां पर एसपी के आदेश पर पुलिस अधिकारियों ने मोबाइल जब्त कर लिया।
दरअसल, मंगलवार को विष्णु अहिरवार कुछ अन्य लोगों के साथ सागर पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक तिवारी से मिलने गए थे, विष्णु के मुताबिक वह एसपी से बातचीत का वीडियो भी रिकार्ड कर रहे थे। इसलिए उस वक्त पुलिसकर्मियों ने उनका मोबाइल छीन लिया था। विष्णु के मोबाइल मांगने पर पुलिसकर्मियों ने कहा कि वह कल लौटाएंगे, लेकिन बाद में उन्होंने उस मोबाइल फोन की जब्ती बना दी।
विष्णु ने द मूकनायक प्रतिनिधि से कहा, "मेरे मोबाइल में घटना से जुड़े अहम सबूत थे, इसलिए पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है। पुलिस इस केस से जुड़े तथ्यों को मिटा सकती है। हम वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत करेंगे।"
विष्णु ने आगे कहा, "बहन अंजना चाहती थी, छोटे भाई के हत्यारों को सजा मिले, गवाही के पहले चाचा की हत्या कर दी गई. परिवार को न्याय दिलाने के लिए अंजना लड़ रही थी उसकी भी मौत हो गई. अब जो कुछ सबूत केस को मजबूत कर रहे थे, उस फोन को भी पुलिस ने जब्त कर लिया. पुलिस है कोई भी कारण बता कर जब्ती दिखा सकती है."
इस केस में बिष्णु की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मोहन दीक्षित ने द मूकनायक को बताया कि पुलिस के द्वारा विष्णु के मोबाइल जब्त करने का कोई मतलब ही नहीं बनता था। हम राज्य अनुसूचित जाति आयोग, समेत पुलिस महानिदेशक को शिकायत भेज रहे हैं।
इधर, हमने सागर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी को कई बार फोन (7587621984) और टेक्स्ट मैसेज भी किए, लेकिन उनका कोई जवाब हमें खबर लिखे जाने तक नहीं मिला।
राजेन्द्र अहिरवार की हत्या के मामले में पुलिस फिलहाल जांच कर रही है। घटना के जांच अधिकारी एवं उप पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संजय उइके ने द मूकनायक को कहा कि फिलहाल एक आरोपी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस आरोपियों के कई ठिकानों पर दबिश दे चुकी है। हम आरोपी की तलाश कर रहे है, जल्द ही चालान कोर्ट में पेश करेंगे।
सागर जिले के बरोदिया नौनागिर गांव के दलित परिवार की लड़की अंजना ने साल 2019 में गाँव के ही कुछ लोगों पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। इसी मामले में समझौता का दबाव बना रहे आरोपी 24 अगस्त को इस पीड़ित लड़की के घर पहुंचे। माफीनामे की बातचीत पर एक राय नहीं बनी तो आरोपी विक्रम सिंह ठाकुर, कोमल सिंह ठाकुर, आजाद सिंह ठाकुर और कुछ अन्य लोगों ने पहले दलित के घर पर तोड़फोड़ की। फिर, वहां से लौटते वक्त रास्ते में पीड़ित युवती के भाई नितिन अहिरवार को आरोपियों ने मिलकर उसे बेरहमी से पीटा।
नितिन के साथ मारपीट की जानकारी मिलते ही मां दौड़ते हुए वहां पहुंची और अपने बेटे को बचाने की कोशिश करने लगी, आरोपियों ने पीड़ित की माँ को भी पीटा और उसके कपड़े उतार कर निर्वस्त्र कर दिया। पिटाई के कारण बदहवास स्थति में दलित युवक को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने के कारण नितिन को सागर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
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