राजस्थान: दलित की पिटाई करने वाले आरोपी MLA गिर्राज सिंह मलिंगा को BJP से टिकट, पीड़ित 580 दिन से अस्पताल में भर्ती

दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी पर प्राणघातक हमले के आरोपी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को कांग्रेस ने नकारा, तो भाजपा ने दे दी शरण, प्रत्याशी भी बनाया. दलित संगठनों में मलिंगा को लेकर विरोध के स्वर तेज हुए. 580 दिन से अस्पताल में भर्ती है दलित एईएन, अभी तक नहीं हुआ चालान पेश, हाइकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार.
जयपुर सवाईमानसिंह चिकित्सालय में भर्ती बिजली निगम के दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी
जयपुर सवाईमानसिंह चिकित्सालय में भर्ती बिजली निगम के दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी फोटो- अब्दुल माहिर
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जयपुर। राजस्थान के धोलपुर जिले में बिजली निगम के दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी पर हुए प्राणघातक हमले के आरोपी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को कांग्रेस ने नकार दिया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने शरण दे दी है। भाजपा ने दलित सहायक अभियंता पर हमले के आरोपी मलिंग को बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भी बना दिया है। ऐसे में दलित समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है। विधायक मलिंगा को भाजपा में शामिल करने के बाद प्रत्याशी बनाए जाने पर अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान के पदाधिकारियों ने कड़ा एतराज जताते हुए भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता के साथ काम करने का आरोप लगाया है। अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान (अजार) के संयोजक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्यवीर सिंह ने कहा कि हमारे पदाधिकारी प्रदेश के चुनाव पर नजर रखे हैं। उन्होंने कहा कि समाज दलित अत्याचार की घटनाओं में दलितों के विरोध में खड़े रहे नेताओं को चिह्नित कर विधानसभा चुनावों में सबक सिखाएगी।

अजार से जुड़े एडवोकेट सतीष कुमार ने कहा कि दलित इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि पर प्राणघातक हमला करने वाले विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को भाजपा में शामिल करके पार्टी ने साबित कर दिया है कि वह दलित विरोधी पार्टी है और दलित अत्याचारों पर केवल हल्ला मचा कर वोट बटोरने की कोशिश कर रही है। जबकि भाजपा की मानसिकता दलित विरोधी रही है। यही वजह है कि दलित अत्याचार के बहुचर्चित दलित सहायक अभियंता पर कार्यालय में घुस कर प्राणघातक हमले के आरोपी को कांग्रेस ने तो भाजपा ने अपने साथ कर चुनाव मैदान में भी उतारा है।

गौरतलब है कि राजस्थान के संयुक्त दलित संगठनों ने राजनीतिक पार्टियों से बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को अपने साथ शामिल नहीं करने की मांग की थी। दलित संगठनों की मांग को ध्यान रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस से विधायक गिर्राजसिंह मलिंगा को नकार दिया। कांग्रेस ने दलित विरोधी मानसिकता के विधायक को नकार कर प्रदेश के अनुसूचित समाज को समानता का संदेश दिया है। दलित नेताओं के प्रति कांग्रेस के कड़े रुख का दलित संगठनों ने भी स्वागत किया है। आरोप है कि, जबकि भाजपा ने दलित सहायक अभियंता पर प्राणघातक हमला करने के आरोपी को पार्टी में शामिल कर भाजपा के दलित विरोधी होने के आरोपों पर मोहर लगा दी है।

अनुसूचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान के संयोजक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्यवीर सिंह, सह संयोजक एडवोकेट ताराचंद वर्मा, लेखक एवं चिन्तक भंवर मेघवंशी, दलित मेनिफेस्टो कमिटी के सदस्य एवं एडवोकेट सतीश कुमार, डॉ. महेंद्र कुमार आनंद, डॉ. नवीन नारायण, सहित दलित संगठनों के पदाधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी के इस मजबूत निर्णय का स्वागत करते हुए इसे महत्वपूर्ण फैसला बताया है।

एडवोकेट ताराचंद वर्मा ने कहा कि, कांग्रेस के इस निर्णय से साफ हो गया कि कांग्रेस में दलित वर्ग के साथ अन्याय अत्याचार करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। राजस्थान के दलित संगठनों ने संयुक्त रूप से मलिंगा के टिकट काटे जाने की प्रशंसा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का आभार प्रकट किया है। वहीं भाजपा की कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने मलिंगा को प्रत्याशी बनाकर समाज के सबसे वंचित, उत्पीड़ित और भेदभाव सहने वाले वाल्मीकि समाज से आने वाले पीड़ित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। दलित संगठनों का आरोप है कि भाजपा दलित अत्याचारियों की पक्षधर है।

उल्लेखनीय है कि धोलपुर जिले के बाड़ी विद्युत निगम के कार्यालय में कार्यरत इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथ आये समाजकंटकों ने हमला करके 22 जगहों से उनकी हड्डियां तोड़ दी थी। घायल दलित इंजिनियर हर्षाधिपति वाल्मीकि का विगत 580 दिनों से सवाईमान सिंह चिकित्सालय जयपुर में उपचार चल रहा है। घायल सहायक अभियंता अभी भी अस्पताल के बिस्तर पर हैं और खड़े नहीं हो सकते हैं।

अजार के संयोजक सत्यवीर सिंह ने बताया कि, अनुसुचित जाति अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से 30 दिनों तक सम्पूर्ण राजस्थान में निकाली गई सामाजिक न्याय यात्रा के दौरान भी दलितों पर अत्याचार करने वाले उम्मीदवारों को राजनीतिक पार्टियों से बाहर रखने की प्रमुख मांग रही थी। इस मांग ने जयपुर में आयोजित हुए जनमंच के दौरान भी प्रमुखता से उठाई गई थी। जयपुर में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में जारी हुए दलित घोषणा पत्र के समय भी यह संकल्प लिया गया कि दलित अत्याचार के आरोपी विधायकों व उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने की मांग सभी राजनीतिक दलों से की गई थी।

कांग्रेस पार्टी के नकारने के बाद गिर्राज सिंह मलिंगा को भाजपा में शामिल करने के बाद दलित संगठनों की ओर से सामूहिक प्रेस नोट जारी कर कहा गया कि दलित अत्याचार के आरोपी बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को भाजपा में शामिल करके यह साबित कर दिया गया है कि भाजपा का राजस्थान में दलित अत्याचार का राग सिर्फ चुनावी ढकोसला था। सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रदेश में दलित अत्याचारों का हल्ला मचा रही है। हकीकत यह है कि अत्याचार करने वाले आरोपियों की भाजपा शरणगाह बन रही है। प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा है कि प्रदेश में बढ़े दलित अत्याचारों का अध्ययन किया जाए तो, आरोपियों में भाजपा, संघ की विचारधारा के समर्थक ही दलित अत्याचार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में भाजपा को कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है कि वह दलित हितैषी होने का ढोंग करें।

अब तक चालान नहीं हुआ पेश!

धोलपुर में दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी पर हमले प्राणघातक हमले के आरोप में पुलिस ने मई 2022 में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद 18 महीन बीत गए, लेकिन पुलिस ने अभी तक मलिंगा के खिलाफ चालान पेश नहीं किया है। अब पीड़ित ने चार्जशीट के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में बीते दिवस शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि मलिंग मामले में चार्जशीट तैयार है। परीक्षण के बाद जल्द ही न्यायालय में पेश कर दिया जाएगा। न्यायालय ने शनिवार को जोधपुर से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई की थी। याचिका में विधायक मलिंगा की जमानत रद्द करने की गुहार लगाई है।

आपकों को बता दें कि 29 मार्च 2022 को बाड़ी विधायक मलिंगा और उनके समर्थकों ने दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मिकी पर प्राणघातक हमला किया था। घटना को लंबा समय बीतने के बाद भी सीआईडी सीबी ने आरोप पत्र पेश नहीं किया। इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ पूर्व ही चार्जशीट हो चुकी है। विधायक मलिंगा के खिलाफ भी चार्जशीट तैयार होने की बात कही गई है।

राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष पर भी आरोप

राज्य नुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष सचिप विष्णुदेव सर्वटे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आयोग के अध्यक्ष एवं बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा पर दलित सहायक अभियंता पर प्राणघातक हमले के आरोपी के जेल से जमानत पर रिहा होने पर आरोपी विधायक की अगुवाई करने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था। पत्र में आयोग अध्यक्ष की गतिविधियों से वाल्मिकी समाज में आक्रोष होने की बात भी कही गई थी। साथ ही सर्वटे ने पत्र में आयोग अध्यक्ष पर ऑपरेशन एससी भूमि सरंक्षण अभियान का विरोध करने का आरोप भी लगाया था।

आपकों बता दें कि, एससी आयोग अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने हाल ही कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद अध्यक्ष पद से इस्तिफा दे दिया है। हालांकि इस्तिफा देने का कारण अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं का समाधान नहीं करवा पाना लिखा गया है। जबकि इससे पूर्व ही एससी आयोग के अध्यक्ष सर्वटे ने सीएम को पत्र लिख कर आयोग अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा पर विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए थे।

भाजपा में शामिल होने के बाद मीडिया को दिए बयान में गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए मुझे तंग किया गया। जेईएन, एईएन मारपीट मामले में मेरा कहीं नाम नहीं था। बाद में सीएम और डीजीपी कार्यालय में फेक्च्वल रिपार्ट मंगवा कर पर्चाबयान के आधार पर देर रात उनके (मलिंगा) खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मलिंगा ने भाजपा में मोदी की निती रिती को देख कर शामिल होने की बात कही।

इलाज के दौरान हर्षाधिपति वाल्मिकी
इलाज के दौरान हर्षाधिपति वाल्मिकीफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

'मेरा बेटा आज भी अस्पताल में उपचाराधीन, आरोपी खुला घूम गवाहओं को धमका रहा'

जयपुर सवाईमान सिंह अस्पताल में अपने बेटे इंजिनियर हर्षाधिपति की देखभाल कर रहे पिता मुकेश कुमार वाल्मिकी ने द मूकनायक को बताया कि उनका बेटा हर्षाधिपति वाल्मिकी राजस्थान के धोलपुर जिले के बाड़ी में बिजली निगम में सहायक अभियंता के पद पर कार्य कर रहा था। 28 मार्च 2022 को स्थानीय विधायक विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा अपने साथियों के साथ आया और कार्यालय में घुस कर सहायक अभियंता पर प्राणघातक हमला किया। हमले में मेरे बेटे की 22 हड्डियों को तोड़ दिया। उन चोटों के कारण आज मेरा बेटा सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर में उपचाराधीन है।

दलित सहायक अभियंता के पिता ने आरोप लगाया कि हमले के आरोपी गिर्राज सिंह मलिंगा जो विधायक था उसकी गिरफ्तारी काफी देर से हुई। जब गिरफ्तारी हुई तो उसने अपने स्वजातिय चिकित्सा अधिकारी से मिलीभगत कर खुद को कोरोना पॉजेटिव घोषित करवा लिया। इससे जेल नहीं जाकर अस्पताल में ही रहा। वहां लोगों से मिलता रहा। इस दौरान आरोपी विधायक की राजस्थान हाइकोर्ट से जमानत हुई। जमानत होने के बाद आरोपी ने जुलूस निकाल कर खुलेआम आंखे निकाल लेने की धमकियां दी। आरोपी विधायक खुलेआम गवाहओं को डरा धमका रहा है।

मुकेश कुमार वाल्मिकी ने द मूकनायक से कहा कि, "हम न्याय व्यवस्था में विश्वास करते हैं। इस लिए हमने उच्च न्यायालय में आरोपी की जमानत को निरस्त करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रखा है। जमानत निरस्त नहीं हुई तो आरोपी इस प्रकरण में निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच नहीं होने देगा। न्याय व्यवस्था में धीरे-धीरे काफी समय बीतता जा रहा है। अभी तक याचिका पर निर्णय नहीं किया गया है।"

"अपराधिक प्रवृति के विधायक को कांग्रेस पार्टी ने टिकट काट कर बाहर का रास्ता दिखा दिया, लेकिन भाजपा, जो कहती है कि हमारा चाल, चरित्र, चेहरा अलग है, ने दलित विरोधी नेता को गले लगा लिया। सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मलिंगा को भाजपा में शामिल कराया और प्रत्याशी भी बनाया है", मुकेश कुमार वाल्मिकी ने कहा कि "घटना के समय भाजपा के लोग उनके बेटे से अस्पताल में मिलने आए थे। तब कांग्रेस को कोस रहे थे। अब मेरे बेटे पर हमले के आरोपी को गले लगा रहे हैं। इसलिए इनका चाल चरित्र और चेहरा अलग है।"

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