महाराष्ट्र: "तुम जय भीम वाले हो, मैं जय भीम वाले को नौकरी पर नहीं रखती हूँ"

वॉटसएप पर यह लिखा , जातीय भेदभाव पर मुकदमा हुआ दर्ज.
महाराष्ट्र: "तुम जय भीम वाले हो, मैं जय भीम वाले को नौकरी पर नहीं रखती हूँ"
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मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई शहर के गोरेगांव में एक 23 साल के दलित युवक को कथिततौर पर नौकरी से सिर्फ इसलिए निकाल दिया, क्योंकि वह अम्बेडकर का समर्थन करता था, इसके साथ ही वह अनुसूचित जाति समाज का सदस्य है।

युवक के वकील के मुताबिक उसने एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। वह तीन दिन नौकरी पर गया भी था। किन्तु अम्बेडकर जयंती के दिन उसके पास ऑफिस से एक महिला ने मैसेज किया और पूछा कि-'तुम जय भीम वाले हो? इस पर लड़के ने हाँ कहा और ऐसा पूछने का कारण भी पूछा। युवती ने सीधे जवाब लिखते हुए कहा है कि वह जय भीम वालों को नौकरी पर नहीं रखती है। इस घटना के बाद आहत युवक ने थाने में शिकायत की। पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी है।

मामला मुंबई शहर के गोरेगांव का है। पीड़ित के अधिवक्ता दीपक सोनावने द मूकनायक को बताते हैं- "युवक 23 साल का है। उसने मास मीडिया और कम्युनिकेशन से कला स्नातक किया है। उसने नौकरी के लिए आवेदन किया था। 8 अप्रैल को एक इवेंट मैनेजमेंट फर्म एलीट सैफायर कम्पनी में नौकरी के लिए उसका साक्षात्कार हुआ। इसके साथ ही कम्पनी ने अगले दिन ₹15,000 के मासिक वेतन पर नौकरी पर आने के लिए आदेश दिया। उसने 9 अप्रैल को गोरेगांव में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करना शुरू किया था। अम्बेडकर जयंती पर, कथित तौर पर उसकी जाति के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया है।"

सोनावने ने बताया-"14 अप्रैल को उसे कम्पनी मालिक नेहा दत्त ने व्हाट्सएप पर एक मैसेज किया था। इस मैसेज में नेहा ने युवक से पूछा था कि, "तू जय भीम वाला है क्या (क्या आप दलित हैं)"; इस पर युवक ने जवाब देते हुए हामी भरी थी, इस पर नेहा ने कहा कि, "मैं जय भीम वाले को नौकरी नहीं देती हूँ। (मैं दलितों को नौकरी नहीं देती)। युवक का कहना है उस संदेश के बाद, मैं उस माहौल में काम नहीं कर सकता था। यह उसके लिए करियर और जीवन में पहली बार है कि उसे इस तरह के जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा है। सोनावने ने कहा, "आज भी मुंबई जैसे महानगर में उच्च शिक्षित युवाओं के साथ जाति के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। यह भयावह है कि मुंबई में अभी भी ऐसा घोर भेदभाव होता है।''

युवक की शिकायत के आधार पर, गोरेगांव पश्चिम पुलिस ने बुधवार को इवेंट मैनेजमेंट फर्म एलीट सैफायर की मालिक नेहा दत्त के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

इस मामले में द मूकनायक ने फर्म की मालिक नेहा दत्त से सम्पर्क किया। महिला का कहना है मैंने उसे मैसेज किया था,लेकिन मेरा मतलब यह नहीं है कि मैंने उसे नौकरी से निकाल दिया है। मैंने उसे काम पर न आने के लिए नहीं कहा था। जब वह सोमवार को नहीं आया तो मैंने उसे मैसेज करके पूछा कि वह कहां है।'

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