महाराष्ट्र। मराठी अभिनेत्री द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों को टार्गेट करने वाला विवादित बयान देने का मामला सामने आया है। अभिनेत्री ने कहा है कि "एससी-एसटी एक्ट पैसा ऐंठने का धंधा बना लिया गया है, इसे खत्म कर देना चाहिए।" इसके साथ ही उन्होंने एससी-एसटी के तहत दर्ज मामलों की जांच कराए जाने की सार्वजनिक मंच पर मांग की। इस विवादित के बाद बीड जिले के परली शहर में प्रेमनाथ जगतकर ने मराठी अभिनेत्री केतकी चितले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
मिली जानकारी के अनुसार, अभिनेत्री केतकी चितले ने 25 फरवरी को परली में आयोजित ‘ब्राह्मण एक्य परिषद’ सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि, एससी/एसटी अधिनियम के तहत झूठे मामले दर्ज करना एक रैकेट बन गया है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए कि अत्याचार अधिनियम के तहत कितने मामले दर्ज किए गए हैं और उनमें से कितने झूठे हैं। उनका यह भाषण बाद में ऑनलाइन एक स्थानीय निवासी प्रेमनाथ जगतकर ने सुना और परली शहर पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई।
कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने दावा किया कि एससी/एसटी अधिनियम के तहत झूठे मामले दर्ज करना एक रैकेट बन गया है और पिछले 5 वर्षों में दायर ऐसे सभी मामलों की जाँच की माँग की। मराठी अभिनेत्री ने टिप्पणी की थी कि, "एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर यह पैसा कमाने एक धंधा बन गया है। इसका पूरा रैकेट है। कई झूठे केस दायर होते हैं।”
उन्होंने इस दौरान मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व वाले मराठा आरक्षण आंदोलन की भी आलोचना की और कथित तौर पर इसे ‘मूर्खों का मेला’ बताया। शुक्रवार (1 मार्च 2024) को केतकी चितले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 502(2) (वर्गों के बीच दुश्मनी) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई।
बता दें कि, इससे पहले केतकी पर आरोप लगा था कि उन्होंने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद 2022 में उन्हें एक महीने से अधिक समय सलाखों के पीछे रहना पड़ा था। तब, उन्हें उस साल 15 मई को एक फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कथित तौर पर पवार पर लिखी एक कविता साझा की थी, जिसमें उन्हें ब्राह्मणों से नफरत करने वाला व्यक्ति बताया गया था। उस समय, उनके खिलाफ मुंबई और उसके उपनगरों के कई पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज किए गए थे।
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