मध्य प्रदेशः महापरिनिर्वाण दिवस पर दलित महिला सफाईकर्मी की पुलिस ने क्यों की पिटाई?

एसपी ने की कार्रवाई, महिला एएसआई सहित एक पुलिसकर्मी निलंबित, सीएसपी कर रहे मामले की जांच
पुलिस की पिटाई से गंभीर घायल हुई महिला।
पुलिस की पिटाई से गंभीर घायल हुई महिला।The Mooknayak
Published on

भोपाल। देश आज डॉ. भीमराव अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर उनको याद कर रहा है। इसबीच मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) से आए एक समाचार ने सब को झकझोर कर रख दिया है। यहां दलित महिला सफाईकर्मी से पुलिस द्वारा बेरहमी से मारपीट करने का मामला सामने आया है। इस घटना ने एक बार फिर वंचित बहुजन समुदाय को एकजुट हो अराजक व्यवस्था के खिलाफ लड़ने को मजबूर कर दिया है।

दरअसल, बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को जबलपुर के ओमती थाने में पदस्थ एक महिला एसआई और एक आरक्षक ने चोरी के शक में दलित महिला सफाईकर्मी को बेरहमी से पीटा (Dalit Woman beaten)। आरोप है कि बिना एफआईआर दर्ज किए चार घंटे तक बेल्ट-जूते से पीटने के बाद फिर घायल हालत में ही महिला को थाने से बाहर निकाल दिया। घटना की जानकारी जैसे ही महिला के परिजन और समाज के लोगों को लगी तो उन्होंने ओमती थाने को घेर लिया। समाज के लोग घायल महिला को भी लेकर थाने पहुंचे और बताया कि किस बेरहमी से ओमती पुलिस ने उसे पीटा है।

कई घंटे तक ओमती थाने में चले हंगामे के बाद एसपी ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर जांच सीएसपी को सौंपी है। पुलिस की पिटाई से घायल हुई महिला को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। महिला के हाथ पैर, पीठ पर गंभीर चोट आई हैं। महिला का इलाज फिलहाल जारी है।

पीड़िता के परिवारजनों के मुताबिक रलस चौक स्थित एक निजी होटल में बीते दस सालों से जबलपुर शहर के शीतला माई निवासी मंजू बशंकार सफाईकर्मी का काम कर रही हैं। 1 दिसंबर को होटल में एक पार्टी थी। पार्टी खत्म होने के बाद मंजू जब सफाई कर रही थीं। इस दौरान उसे सोने का ब्रेसलेट मिला। मंजू ने यह सोचते हुए ब्रेसलेट अपने पास रख लिया कि अभी होटल में मैनेजर नहीं है, कल दे देगी।

अगले दिन मंजू होटल पहुंची और साथी सफाई कर्मचारी को बताया कि कल पार्टी में सोने का ब्रेसलेट मिला था, मेरी जैकेट में रखा है। आप देखना मैं सर को बताकर आती हूं। थोड़ी देर बाद मंजू वापस लौटकर आई तो देखा कि जैकेट में ब्रेसलेट नहीं रखा है। मंजू ने जब मनोज से पूछा तो उसने साफ इंकार कर दिया कि उसे कुछ नहीं पता। होटल के मैनेजर ने मंजू और मनोज को दो दिन का समय दिया कि वो ब्रेसलेट को लाकर दे।

थाना परिसर में घायल दलित सफाईकर्मी महिला।
थाना परिसर में घायल दलित सफाईकर्मी महिला।The Mooknayak

मंजू का कहना था कि ब्रेसलेट मेरी जैकेट में था। और ये बात मैंने मनोज को बताई थी। दो दिन बाद भी जब ब्रेसलेट नहीं मिला तो ओमती थाने में शिकायत की गई। चार दिसंबर की शाम करीब पांच बजे ओमती थाने की पुलिस होटल पहुंची और पूछताछ के लिए मंजू बंशकार सहित मनोज, प्रेमवती और मोनू को थाने लेकर आई। मंजू बंशकार का आरोप है कि शाम पांच बजे से पुलिस ने पीटना शुरू किया तो रात 9 बजे तक मारती रही। एसआई सुनीता और आरक्षक रुबी उन्हें बेल्ट और जूतों से पीटती रहीं।

इसके बाद पुलिस ने उन्हें थाने से बाहर निकाल दिया। पीडि़ता ने घटना की जानकारी परिवार को दी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस की पिटाई से घायल हुई मंजू का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। मंजू का कहना है कि चार घंटे तक पीटते-पीटते जब पुलिस थक गई तो बिना किसी को कुछ बताए मुझे थाने के बाहर घायल हालत में छोड़ दिया।

घटना की जानकारी जब बंशकार समाज के लोगों को लगी तो उन्होंने ओमती थाने का घेराव कर दिया। वंशकार समाज की जिला अध्यक्ष पूजा बंशकार ने कहा कि अगर पुलिस को मंजू पर चोरी का शक था, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करती और विधिवत कार्रवाई करती, पर पुलिस ने ऐसा नहीं किया। पुलिस चार घंटे तक मंजू के साथ मारपीट करती रही फिर बिना किसी लिखा पढ़ी के उसे छोड़ दिया।

बंशकार समाज की मांग थी, जब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही नहीं होती, तब तक कोई भी थाने से बाहर नहीं जाएगा। आक्रोशित लोगों को पुलिस अधिकारी समझाते रहे, यहाँ पर लोग दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग पर अड़े रहे। इस घटनाक्रम की जानकारी जब एसपी आदित्य प्रताप सिंह को लगी तो उन्होंने एसआई सुनीता पंच और आरक्षक रुबी को निलंबित कर दिया। साथ ही सीएसपी पंकज शुक्ला को जांच सौंपी है। सीएसपी पंकज शुक्ला ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर दोनों ही आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जांच संस्थित की गई है। जांच कर प्रतिवेदन एसपी को भेजेंगे।

थम नहीं रहे एमपी में महिलाओं पर अत्याचार

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार एमपी महिलाओं के साथ अपराध के मामले में पूरे देश में 5वें पायदान पर है। वहीं, महिलाओं के साथ रेप मामले में राजस्थान और यूपी के बाद तीसरे नंबर पर है।

महिलाओं के साथ रेप के मामले में प्रदेश तीसरे नंबर पर आ गया है। यहां पर 3029 मामले सामने आए हैं। इससे पहले के दो स्थानों पर यूपी 3,690 केस और राजस्थान 5,399 रेप केस हुए है। एमपी में हुए 98 फीसदी केस यानी 2983 मामलों में आरोपी पीडि़त महिला को जानता था। वहीं, 259 मालमों में आरोपी परिवार के सदस्य ही थे और 1407 केस में आरोपी या तो दोस्त थे या फिर लिव- इन पार्टनर और अलग हुए पति थे। प्रदेश में केवल 46 ऐसे मामले थे, जिनमें रेपिस्ट अजनबी या अज्ञात लोग थे।

सुधर रहे हालात

स्टेट पुलिस हेडक्वार्टर के स्टेटिक विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से जहां 2020-21 में महिलाओं के ऊपर हुए अत्याचार में 19.6 फीसदी की बढ़त हुई थी। वहीं 2021-22 में घटकर 6.8 फीसदी रह गई है। इसी तरह साल 2022 के शुरूआती 6 महीने में जहां रेप के 4160 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं साल 2023 में घटकर 3450 रह गए। इस तरह से देखा जाए तो 17 फीसदी की गिरावट हुई है। वहीं 1.2 फीसदी पॉक्सो के मामलों में गिरावट आई है।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com