भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में दलित के अंतिम संस्कार के लिए गांव के प्रभावशाली लोगों द्वारा रास्ता रोके जाने का मामला सामने आया है। इससे नाराज दलित समाज के लोगों ने 4 घंटे तक शव को सड़क पर रखा, जिसके बाद सड़क पर ही अंतिम संस्कार किया।
दरअसल, यह पूरा मामला अंबाह तहसील के भडौली गांव का है, जहां गांव के कुछ लोगों ने दलित के अंतिम संस्कार के लिए रास्ता नहीं दिया। गांव के लोगों का कहना था कि जो रास्ता श्मशान घाट की तरफ जाता है वह रास्ता उनकी निजी भूमि है। इसलिए वह शव को अपने रास्ते से नहीं निकलने देंगे, जिसके बाद दलित समाज के लोगों ने 4 घंटे तक शव को सड़क पर रखा।
मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन, उनकी समझाइश के बाद भी शव यात्रा को आगे बढ़ने नहीं दिया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने सड़क पर ही मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया।
दलित समाज का कहना है कि पूर्व में भी कई लोगों को गांव में अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिली तो उन्होंने सड़क के किनारे या फिर अपनी निजी जमीन पर अंतिम संस्कार किया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई बार पुलिस के अधिकारियों से की है, लेकिन किसी भी अधिकारी ने जमीन को खाली करने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया।
साल 2022 में मध्य प्रदेश के गुना जिले के कुंभराज थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव से घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले का खुलासा किया था। इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि, "दलित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के मंच का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।"
जानकारी के मुताबिक चांदपुरा गांव में रहने वाले दलित कन्हैया अहिरवार (70) की मौत हो गई थी, जिसकी शवयात्रा लेकर अंतिम संस्कार करने परिजन श्मशान घाट पहुंचे थे। लेकिन गांव के तीन लोगों ने कथित तौर पर परिजनों को श्मशान घाट में बने चबूतरे का इस्तेमाल करने से रोक दिया। इसके बाद मौके पर पहुचीं पुलिस ने अंतिम संस्कार कराया था।
साल 2020 में इंदौर में एक दलित महिला के शव का अंतिम संस्कार पर विवाद इसलिए खड़ा हो गया था, क्योंकि गांव के रसूखदार अपने श्मशान में दलितों के अंतिम संस्कार कराना नहीं चाहते थे।
जब इस मामले में विवाद हुआ तो दलित समुदाय के लोग शव को रखकर धरने पर बैठ गए थे फिर प्रशासन के आने के बाद मामला शांत हुआ और सरकारी जमीन पर महिला के शव का दाह संस्कार किया गया।
मामला मध्य प्रदेश के इंदौर के देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के चटवाड़ा गांव का था। जहां कमला बाई नामक एक दलित महिला का निधन हो जाने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए लोग श्मशान घाट पर ले गए, लेकिन वहां रसूखदार लोगों ने दलितों को अंतिम संस्कार करने से रोक दिया।
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