मध्य प्रदेश : दलित दूल्हे का घोड़ी पर चढ़ने का विरोध, पुलिस निगरानी में निकली बारात

दलित दूल्हों की घोड़ी पर बिन्दौरी (बारात) / फोटो साभार - Twitter
दलित दूल्हों की घोड़ी पर बिन्दौरी (बारात) / फोटो साभार - Twitter
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मध्य प्रदेश — हाल ही में राजस्थान के कई इलाकों से खबरें आई कि दलित दूल्हों का घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने का कथित जातिवादी मानसिकता के लोगों द्वारा विरोध किया गया है. अब ऐसी ही एक घटना मध्यप्रदेश के धार ज़िले से आई है, जहां कथित जातिवादी लोगों को दलित दूल्हे का घोड़ी पर चढ़ना नागवार गुजरा।

दलित दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर गांव में बारात निकालने की तैयारी थी. लेकिन उन उपद्रवियों ने विवाद खड़ा कर दिया. जिसके बाद दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया गया. मामले की शिकायत पुलिस को की गई तो पुलिस प्रशासन की निगरानी में दलित दूल्हे की बारात घोडी पर चड़कर निकली।

क्या है पूरा मामला?

ताजा मामला मध्यप्रदेश के धार जिले के कानवन थाना अंतर्गत ग्राम खंडी गारा का है, जहां अनुसूचित जाति की बारात में दूल्हे को घोड़ी पर बैठने का कथित जातिवादी लोगों ने विरोध किया. मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को बुलाने की ज़रुरत पड़ी. तब कहीं जाकर पुलिस की मौजूदगी में दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर बारात निकाली गई. मामले में कानवन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

शिकायतकर्ता उदयसिंह नानूराम बंजारिया निवासी बैंगनदा ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. रिपोर्ट के मुताबिक, उसके बेटे शैलेष का विवाह ग्राम खंडी गारा में केसर सिंह की लड़की से हो रहा था. बारात शुक्रवार की रात 10 बजे खंडीगारा के गेट पर पहुंची. यहां से दूल्हे को घोड़ी पर बिठाया गया और बैंड बाजों के साथ बारात निकाली गई. बारात दुल्हन के घर के लिए रवाना होने ही वाली थी कि कुछ लोग बाइक से आए और कहने लगे कि गांव में दलित दूल्हा घोड़ी पर बैठकर नहीं जाएगा. उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज भी की. इस बीच घबराकर दूल्हा भी घोड़ी से उतर गया. लड़की वालों ने विरोध करने वाले युवकों को मनाने की कोशिश की लेकिन वो लोग नहीं माने।

मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो विरोध कर रहे लोग वहाँ से रफूचक्कर हो गए. पुलिस की सुरक्षा में दूल्हे को दोबारा से घोड़ी पर बिठाया गया और गांव में बारात निकलने का काम किया गया. दूल्हे के आसपास और बारात के आगे पीछे पुलिस के जवान चल रहे थे. पीछे पुलिस का वाहन भी चल रहा था. गांव में पुलिस के साए में बारात का बाना निकला और घोड़ी पर दूल्हा बैठा. देर रात विवाह संपन्न होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. टीआई दीपक सिंह चौहान ने बताया कि मामले में दिलीप सिंह, गट्टू सिंह, नेपाल सिंह, दशरथ सिंह जो की उसी गांव के निवासी हैं, के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

राजस्थान की कुप्रथा मध्य प्रदेश में भी हावी

राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में भी जाति कुप्रथा बदस्तूर जारी है. ऊंच-नीच की जड़ें बहुत गहराई तक धंसी हैं. समाज में आज भी दलितों को समानता और बराबरी का अधिकार नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से समय- समय पर दलितों के साथ दोहरे व्यवहार की खबरें आती रहती हैं।

आपको बता दें कि, दलित दूल्हों को घोडी पर न चढ़ने देने को लेकर राजस्थान के कई इलाकों से ऐसी खबरें आई. जिसके बाद राजस्थान में पुलिस प्रशासन ने मामलों को लेकर सक्रियता दिखाते हुए 'ऑपरेशन समानता' और 'समानता समिती' जैसे पहल की शुरुआत शुरू की। 'ऑपरेशन समानता' के अंतर्गत पुलिस खुद अपनी निगरानी में दलित दूल्हों की घोडी पर बैठाकर बारात निकालने में सहयोग करती है. इसी कड़ी में 'समानता समिती' की भी शुरुआत की गई ज़िसमें ऐसे इलाकों के सवर्ण लोगों, सरपंच, पटवारी और स्थानीय एसएचओ को समिती में जोडा गया और इनको ज़िम्मेदारी दी गई है कि दलित दूल्हों की बिना किसी विवाद के शादी हो सके. इस पहल का फायदा ये हुआ कि सवर्ण लोग खुद दलित दूल्हों की बारात निकलवा रहे हैं. राजस्थान में इस पहल को काफी सफलता मिल रही है, लोग इसकी काफी प्रशंसा भी कर रहे हैं।

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