भोपाल। देर रात खाना नहीं देने को लेकर हुए विवाद के बाद ढाबा संचालक ने एक दलित युवक की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इधर, नाराज परिजनों ने राऊ-पीथमपुर रोड पर मंगलवार शाम 5 बजे से देर रात तक शव रखकर चक्काजाम किया। सभी रात एक बजे तक सड़क पर बैठे रहे। पुलिस ने समझाइश के बाद जाम खुलवाया, जिससे आवागमन शुरू हो सका।
हत्या की वारदात इंदौर किशनगंज थाना क्षेत्र के भैसलाय ढाबे पर सोमवार रात 9 बजे की है। शिकायत के मुताबिक विष्णु पिता बलराम परमार निवासी भैसलाय, पवन, सोहन, गोविंद और गोलू के साथ राजपूत ढाबे पर खाना खाने के लिए गया था। ऑर्डर दिया तो ढाबा संचालक नीरज सिंह ने कहा कि आज भोजन बनाने वाला उस्ताद नहीं आया है, इसलिए खाना नहीं मिलेगा। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई।
ढाबे के संचालक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन पर हमला कर दिया। लाठी-डंडों से विष्णु को बेरहमी से पीटा गया, जिसके कारण विष्णु को गंभीर चोट आई। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। सर में चोट के कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं उसके तीन साथी भी गंभीर घायल हैं। जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मृतक के परिवारजनों ने बताया कि 36 वर्षीय मृतक विष्णु को दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी की उम्र लगभग 17 साल है। दूसरी बेटी की उम्र 6 साल है। बेटे की उम्र अभी 4 साल है। वह अपने परिवार का भरण पोषण मजदूरी करके किया करता था।
विष्णु के परिजन शव लेकर ग्रामीणों के साथ मंगलवार दोपहर दो बजे किशनगंज थाने पहुंचे। यहां तीन घंटे धरना दिया। पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के साथ उनका मकान और ढाबे पर बुलडोजर चला कर तोड़ने की मांग की। बुलडोजर के आश्वासन पर प्रदर्शन खत्म कर दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने आरोपी के ढाबे का बाहरी हिस्सा गिरा दिया। विष्णु के परिजन के साथ भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए हाईवे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। उनकी मांग है कि ढाबे को पूरी तरह तोड़ा जाए। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख मुआवजा दिया जाए।
सड़क पर चक्काजाम कर बैठे परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की मांग है कि जब तक पूरा ढाबा और आरोपियों के घर बुलडोजर चलाकर जमींदोज नहीं किए जाते, तब तक हाईवे से नहीं उठेंगे। राऊ एसडीएम, महू एडिशनल एसपी और चार थानों के प्रभारी समेत पुलिस बल मौके पर मौजूद थे। चक्काजाम के कारण राऊ-पीथमपुर मार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए पूर्व भीम आर्मी जिला अध्यक्ष विशाल करोसिया ने बताया कि विष्णु की हत्या के बाद उसके परिवार की भरण-पोषण के लिए कोई नहीं है। वहीं मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। हमने कलेक्टर को भी मांग पत्र सौंपा है। मृतक विष्णु के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और घर में शासकीय नौकरी के साथ आरोपियों को सख्त सजा दिए जाने की मांग की है। यदि हमारी मांगों पर प्रशासन सहमति नहीं देता तो हम आंदोलन करेंगे।
मृतक का भतीजा गोविंद परमार ने मंगलवार सुबह थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। गोविंद ने बताया, 'मैं अपने चाचा विष्णु के साथ खाना खाने ढाबे पर गया था। खाने का ऑर्डर दिया तो 10 मिनट में लाने की बात कही गई।
आधे घंटे बाद पूछा तो ढाबा संचालक नीरज सिंह ने मना कर दिया कि खाना नहीं मिल पाएगा। अभी स्टाफ नहीं है। इस पर मैं और चाचा ढाबे के बाहर आकर बैठ गए और बात करने लगे। इसी दौरान अंदर से कुछ लोग आए और गाली-गलौज करने लगे। ऐतराज जताया तो हमें घेरकर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया।' पुलिस ने गोविंद की शिकायत पर ढाबा संचालक व अन्य के खिलाफ हत्या, मारपीट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
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