मध्य प्रदेश: अनुसूचित जाति की उपजातियों के बोर्ड बनाने की घोषणा पर दलित संगठनों ने उठाए सवाल!

दलित संगठन से जुड़े लोग और विचारक यह कह रहे हैं कि उपजातियों के अलग बोर्ड बनाने की क्या जरूरत है? ऐसे में जातियों में समानता आने की बजाए सामाजिक दूरियां बढ़ सकती हैं।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
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भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में गत रविवार को आयोजित अंबेडकर महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अनुसूचित जाति की उप जातियों के अलग-अलग बोर्ड बनाने की घोषणा के बाद से ही लोग कई तरह के सवाल कर रहे हैं। दलित संगठन से जुड़े लोग और विचारक यह कह रहे हैं कि उपजातियों के अलग बोर्ड बनाने की क्या जरूरत है? ऐसे में जातियों में समानता आने की बजाए सामाजिक दूरियां बढ़ सकती हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे आरएसएस का एजेंडा भी बता रहे हैं।

दरअसल, मध्य प्रदेश में इसी वर्ष नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सरकार और भारतीय जनता पार्टी दलित वोटरों को लुभाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। रविवार को ग्वालियर में आयोजित अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वालियर और चंबल संभाग के अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को आमंत्रित किया गया था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य सहित अन्य नेता भी मौजूद रहे।

इस मौके पर शिवराज ने अनुसूचित जाति वर्ग और छात्रों के लिए कई घोषणाएं की। अंबेडकर महाकुंभ में मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा- अनुसूचित जाति समाज की प्रमुख उप जातियों का अलग-अलग कल्याण बोर्ड बनाएंगे। जैसे कोरी कल्याण बोर्ड, जाटव कल्याण बोर्ड एवं अनुसूचित जाति के उप जातियों के अन्य बोर्ड बनाएंगे। सीएम ने कहा कि इनके अध्यक्ष और सदस्य भी बनाएंगे। अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी समाज के बीच दौरा करना और समस्याएं को जानने का होगा। लेकिन अब इस घोषणा के होने के बाद सवाल उठ रहे है कि आखिर अनुसूचित जाति की उप जातियों के लिए बोर्ड बनाने की क्या जरूरत है?

इस मामले में द मूकनायक से बातचीत करते आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अस्तेय ने बताया कि बीजेपी सरकार आरएसएस के एजेंडे के तहत काम कर रही है। एससी वर्ग की उपजातियों के बोर्ड बनने से अनुसूचित जाति वर्ग को तोड़ने का प्रयास है। हम सब एक हैं। और एकता के साथ अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। बीजेपी को हमारी एकजुटता से खतरा है। यदि भाजपा दलित, आदिवासियों की इतनी ही हितैषी है तो आदिवासी या दलित को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बना देते।

एससी आयोग में नहीं हुईं नियुक्तियां

प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग को न्याय के लिए गठित राज्य अनुसूचित जाति आयोग में कोई अध्यक्ष, सदस्य नहीं है। वर्तमान में यह पद रिक्त है। जिसके कारण आयोग में आ रही शिकायतों निराकरण, अनुशंसा नहीं हो पा रही है। आजाद समाज पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुनील अस्तेय ने कहा कि बीजेपी सरकार और सीएम शिवराज सिंह एससी वर्ग के अधिकारों को सुरक्षित करने की बात करते हैं। मगर एससी आयोग में फिलहाल नियुक्तियां तक नहीं हुईं हैं।

वहीं द मूकनायक से बातचीत करते हुए ओबीसी महासभा की प्रदेश अध्यक्ष ऋचा पटेल ने कहा सरकार वोट बैंक के लिए जातियों और उपजातियों को बांट रही है। ये उपजातियों के बोर्ड बनाने से कोई लाभ नहीं होगा। सरकार जातिगत जनगणना कराए यह महत्वपूर्ण है।

अनुसूचित जाति उपजातियों के बोर्ड बनाने की घोषणा पर जयस संगठन के संरक्षक और विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाएं करते हैं। पिछले समय की भी कई घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हो पाईं। सरकार आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अनुसूचित जाति वर्ग को लुभाने का प्रयास कर रही है।

ग्वालियर- चंबल संभाग से अंबेडकर महाकुंभ में शामिल हुए थे लोग

चुनावी साल में अनुसूचित वर्ग को लुभाने के लिए सरकार ने अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन किया। ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों से लोग कार्यक्रम में पहुंचे। दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले से सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए हैं।

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
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