मध्यप्रदेश — राज्य में दलित उत्पीड़न की ख़बरें लगातार बढ़ रही है. ताजा मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर का है. जहां लक्ष्मण सिंह जाटव (60 साल) नाम के एक बुजुर्ग मजदूर को जातिवादी लोगों ने मजदूरी मांगने पर मुंह में कपड़ा ठूंसकर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. वहीं बुजुर्ग के बेटे ने भागकर अपनी जान बचाई. हत्या करने के बाद जातिवादी गुंडों ने शव को उसके टपरे (झोपड़े) के पास फेंका और वहां से भाग गए. मामले में हत्या का जिन लोगों पर आरोप है वे गांव के तथाकथित ऊंची जाति के लोग हैं. आरोप है कि, उन्होंने मृतक मजदूर की तीन महीने से मजदूरी रोक रखी थी. अपना मजदूरी लेने मृतक इन लोगों के घर गया हुआ था.
क्या है पूरा मामला?
मामला भितरवार थाना के खड़ीचा के सांकनी गांव में हुई. मृतक के परिजनों ने वृद्ध के शव को भितरवार थाने के सामने तपती सड़क पर रखकर हंगामा किया. पीड़ितों के न्याय के लिए एस-3 (सम्यक समाज संघ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाखन सिंह भी उनके साथ शामिल हुए. हंगामे के बाद पुलिस ने तीन नामजद सहित पांच लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है.
भितरवार थाना के खडीचा स्थित गांव सांकनी में लक्ष्मण सिंह (60) पुत्र देवू जाटव गांव के ही महेन्द्र सिंह गुर्जर के यहां पर काम करता था. महेन्द्र सिंह, लक्ष्मण को उसकी मजदूरी समय पर नहीं दे रहा था. मजदूरी मांगने पर मृतक को जातिसूचक गालियां भी देता था.
लेकिन रविवार को लक्ष्मण जाटव अपनी तीन माह की बकाया मजदूरी मांगने के लिए उसके घर गया था. इस पर महेंद्र ने मृतक से कहा कि वह काम शुरू करे. उसके बाद वह मजदूरी के बारे में सोचेगा. बुजुर्ग ने आगे काम करने से मना कर दिया. इस पर महेन्द्र गुर्जर खफा हो गया और वहां पर दो और आरोपियों भोला गुर्जर, सत्येन्द्र गुर्जर व दो अन्य के साथ मिलकर मृतक के साथ मारपीट की ज़िससे बुजुर्ग मजदूर की मौत हो गई.
मृतक के बेटे आदिराम ने बताया कि, वह पिता को बुलाने के लिए महेन्द्र सिंह के घर पर पहुंचा तो उसने वहां जो देखा वो हैरान करने वाला था. महेन्द्र गुर्जर उसके पिता के मुंह में कपड़ा ठूंस कर मारपीट कर रहा था जबकि भोला, सत्येन्द्र तथा दो अन्य लोग उसके पिता को पकड़े हुए थे. जैसे ही महेंद्र की नजर आदिराम पर पड़ी वो लोग उसे पकड़ने के लिए दौड़े लेकिन मृतक के बेटे ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. इसके कुछ देर बाद उसके पिता का शव उनके ही घर के पास पड़ा मिला है.
पुलिस ने इस मामले में पहले शिकायत दी गई थी. लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ था उसके बाद पूरे दिन मजदूर के परिजनों ने थाने के सामने शव रखकर हंगामा किया. इसमें एस-3 (सम्यक समाज संघ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाखन सिंह बौद्ध भी शामिल रहे. इस मामले में जांच एसडीओपी अभिनव बारंगे को सौंपी थी. एएसपी देहात जयराज कुबेर का कहना है कि, पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
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